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सहरसा में वृद्ध महिला और नवजात बच्चे की इलाज के दौरान मौत, परिजनों ने जमकर काटा बवाल

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Published : Nov 27, 2022, 8:52 PM IST

सहरसा सदर अस्पताल में इलाज के दौरान महिला और नवजात बच्चे की मौत (woman and newborn child died in Saharsa) हो गई. परिजनों ने आरोप लगाया है कि डॉक्टरों की मनमानी के कारण महिला का इलाज सही समय पर नहीं होने से उसकी मौत हुई है. पढ़ें पूरी खबर...

Etv Bharatसहरसा में 62 वर्षीय वृद्ध महिला और नवजात बच्चे की इलाज के दौरान हुई मौत
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सहरसा:बिहार के सहरसा में एक वृद्ध महिला और नवजात की सदर अस्पताल मेंइलाज के दौरान मौत (Woman died in Sadar Hospital at Saharsa) हो गई. जिसके बाद सदर अस्पताल परिसर में अफरा तफरी का माहौल मचा रहा. यह अफरा-तफरी का माहौल सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में इलाजरत 62 वर्षीय वृद्ध महिला मंदाकिनी देवी के मौत और नवजात शिशु ग्रहण केंद्र में भर्ती सुधा देवी के नवजात बच्चे की मौत के बाद हुआ.घटना के बाद परिजनों ने क्लीनिक के बाहर जमकर हंगामा किया. वही अस्पताल की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मी ने मोर्चा संभाले रहा. साथ ही इसकी सूचना सदर थाना अध्यक्ष को भी दी गई. जिसके बाद पुलिस भी मौके पर पहुंची फिर उनके समझाने पर मामला शांत हो गया.

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खून की कमी से महिला का फूल रहा था सांस:सदर अस्पताल में शनिवार की देर शाम लगभग 6:55 बजे जिले के बनगांव थाना क्षेत्र अंतर्गत गढ़िया गांव निवासी दयानंद झा के 62 वर्षीय पत्नी मंदाकिनी देवी इलाज के लिए पहुंची थी. उनके शरीर में खून की कमी थी. उनका सांस फूल रहा था. साथ ही कमजोरी की भी शिकायतें थी. ऐसे में इमरजेंसी वार्ड में नियुक्त चिकित्सक डॉ वरुण कुमार झा ने मरीज के परिजन को ब्लड लाने की हिदायत दिया तब परिजन ने ब्लड दिया. जिसे मरीज को चढ़ाया गया. जिसके साथ-साथ उनका इलाज भी होता रहा लेकिन उनकी अहले सुबह 3:30 बजे मौत हो गई. जिसके बाद परिजन आग-बबूला हो गए. वे चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाकर हो-हंगामा करने लगे.

शिशु ग्रहण केंद्र के बाहर हुआ हंगामा:वहीं दूसरी तरफ सदर अस्पताल परिसर में ही अवस्थित नवजात शिशु ग्रहण केंद्र में सदर थाना क्षेत्र के झपड़ा टोला निवासी सुशील कुमार की पत्नी सुधा देवी के नवजात बच्चे ने भी दम तोड़ दिया. उक्त बच्चे का जन्म शनिवार की सुबह हुआ था, कुछ परेशानियों के कारण उसे नवजात शिशु ग्रहण केंद्र में भर्ती कराया गया था, लेकिन उक्त बच्चे की भी मौत लगभग अहले सुबह 4 बजे के आसपास हो गई. जिसकी सूचना पर उनके परिजन नवजात शिशु ग्रहण केंद्र के बाहर हो हंगामा मचाने लगे.

सदर थाने की पुलिस पहुंच मामले को कराया शांत:ऐसे में एक साथ सदर अस्पताल के दो छोर पर हो रहे हो-हंगामे से अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया. सभी स्वास्थ्य कर्मी सुरक्षित जगह में दुबक गए. जबकि सदर अस्पताल के सुरक्षा में नियुक्त सुरक्षाकर्मी अनिल सिंह सहित अन्य कर्मी दोनों ही मरीज के परिजनों को समझाते रहे. हालांकि सुरक्षा कर्मी के साथ हल्की-फुल्की धक्का-मुक्की की भी हुई. गनीमत रही कि इसी दौरान सदर थाना की गश्ती पुलिस पहुंची. फिर दोनों ही परिजनों को समझा-बुझाकर मामला शांत करा दिया गया. दोनों अपने-अपने परिजन के शव को लेकर घर की ओर निकल गए. जिसके बाद सदर अस्पताल के कर्मियों ने राहत की सांस ली.

"सदर अस्पताल में हो-हंगामे की सूचना आई थी. गश्ती टीम को भेजा गया था. मामला शांत हो गया. कोई नुकसान नहीं हुआ":- सुधाकर कुमार, सदर थानाध्यक्ष

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