पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया की वंदना ने अपने दिव्यांग पिता के सपनों को साकार करते हुए बीपीएससी ऑडिटर परीक्षा में 18वां स्थान लाया है. वंदना की सफलता से उनके पिता के चेहरे पर नई मुस्कान आई है. उनके पिता परवीन दोनों पैर से दिव्यांग है. 1993 में हुए एक एक्सीडेंट में उन्होंने अपने दोनों पैर गवा दिए. इसके बावजूद बेटी की पढ़ाई में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी. बेटी ने भी उनके सपने को साकार कर दिखाया है. रिजल्ट आने के बाद परिवार वालों का बधाई देने के लिए लोगों का ताता लग गया है.
पढ़ें-CBSE में पूर्णिया की प्रगति का परचम, 99 फीसद अंक लाकर बिहार टॉपरों में शामिल
बीपीएससी ऑडिटर की परीक्षा में 18वां स्थान:कहते हैं हौसला अगर बुलंद हो तो कुछ भी असंभव नहीं होता है. इसको साकार कर दिखाया है पूर्णिया की बेटी वंदना ने. वंदना के पिता प्रवीण कुमार जो पेशे से मध्य विद्यालय के शिक्षक हैं. 1993 में एक्सीडेंट में वह अपना दोनों पैर गवा चुके हैं इतना ही नहीं उसके बाद उनके किडनी का ट्रांसप्लांट भी हुआ. हालांकि उन्होंने बेटी की पढ़ाई में कोई कमी नहीं रखी. पिता की स्थिति को देखते हुए वंदना ने अपना हौसला नहीं खोया और कड़ी मेहनत बीपीएससी की ऑडिटर परीक्षा में 18वां स्थान हासिल किया.