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बिहार में मिली एक करोड़ वाली टोकाय छिपकली, इन देशों में इसकी जबरदस्त मांग

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Published : Nov 30, 2022, 2:49 PM IST

Updated : Nov 30, 2022, 3:06 PM IST

बिहार के पूर्णिया में दुर्लभ प्रजाति की छिपकली टोकाय गेयको (Tokay Gecko lizard recovered in Purnea) के साथ पांच तस्करों को दबोचा गया है. यह छिपकली तस्करी के लिए दिल्ली भेजा जा रहा था. बताया जाता है कि इसकी कीमत एक करोड़ रुपये तक है. पढ़ें पूरी खबर

पूर्णिया में मिली एक करोड़ की छिपकली
पूर्णिया में मिली एक करोड़ की छिपकली

पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया जिले में एक ऐसी छिपकली को पुलिस ने बरामद किया है, जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक करोड़ रुपये आंकी जा रही है. पूर्णिया पुलिस ने प्रतिबंधित टोकाय गेयको (Tokay Gecko lizard) के साथ पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. इस नस्ल की छिपकली की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में करीबन एक करोड़ रुपये (Lizard found in Purnea worth one crore) है. इस छिपकली को तस्करी के लिए दिल्ली ले जाया जा रहा था. पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर बायसी क्षेत्र के एक दवा दुकान में छापा मारकर छिपकली को बरामद कर लिया.

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पूर्णिया में मिली एक करोड़ की छिपकली

पूर्णिया में मिली की छिपकली की कीमत एक करोड़ः गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने बायसी थाना क्षेत्र में एक दवा दुकान ताज मेडिसिन हॉल में छापेमारी कर 'टोकाय गेयको' नस्ल की काली छिपकली को जब्त किया. इसे दिल्ली के बाजार में भेजने की तस्कर तैयारी कर रहे थे. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत एक करोड़ रुपये है. इसके अलावा दुकान में 50 पैकेट कोडीन युक्त कफ सिरप भी बरामद किया गया. इसकी जानकारी बायसी एसडीपीओ आदित्य कुमार ने दी.

पश्चिम बंगाल से लाई गई थी छिपकलीः एसडीपीओ ने बताया कि पश्चिम बंगाल के करंडीघी से इस छिपकली को लाया गया था. इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपी दवा दुकानदार फरार बताया जा रहा है. पुलिस दुकानदार की गिरफ्तारी के लिए कई जगहों पर छापेमारी कर रही है और यह पता लगा रही है कि इस मामले में और कौन-कौन से लोग शामिल हैं. एसडीपीओ ने बताया कि पकड़े गए लोगों से पूछताछ की जा रही है और बहुत जल्द ही इस मामले में इस गिरोह का पर्दाफाश किया जाएगा.

दुर्लभ टोकाय गेयको छिपकली

"पश्चिम बंगाल के करंडीघी से इस छिपकली को लाया गया था. इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपी दवा दुकानदार फरार है. गिरफ्तारी के लिए कई जगहों पर छापेमारी कर रही है और यह पता लगा रही है कि इस मामले में और कौन-कौन से लोग शामिल हैं. इसे दिल्ली के बाजार में भेजने की तस्कर तैयारी कर रहे थे"- आदित्य कुमार, एसडीपीओ

'टोकाय गेयको' छिपकली का इस्तेमाल कहां होता है : इसका उपयोग मर्दानगी बढ़ाने वाली दवाओं के निर्माण में होता है. इसके मांस से नपुंसकता, डायबिटीज, एड्स और कैंसर की परंपरागत दवाएं बनाई जाती हैं. इसका उपयोग मर्दानगी बढ़ाने के लिए भी किया जाता है. खासकर दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में इसकी बहुत ज्यादा मांग है. साउथ-ईस्ट एशिया में टोके गेको को अच्छी किस्मत और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि ये किडनी और फेफड़ों को मजबूत बनाती हैं. चीन में भी चाइनीज ट्रेडिशनल मेडिसिन में इसका उपयोग किया जाता है.

पूर्णिया में मिली एक करोड़ की छिपकली

कहां कहां पायी जाती है 'टोकाय गेयको' : 'टोके गेको' एक दुर्लभ छिपकली है, जो 'टॉक-के' जैसी आवाज निकालती है, जिसके कारण इसे 'टोके गेको' कहा जाता है. यह छिपकली दक्षिण-पूर्व एशिया, बिहार, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, पूर्वोत्तर भारत, फिलीपींस तथा नेपाल में पाई जाती हैं. जंगलों की लगातार कटाई होने की वजह से यह खत्म होती जा रही है. इसकी तस्करी आए दिन किशनगंज के रास्ते होती है.

कैसी होती है 'टोकाय गेयको' छिपकली : टोके गेको की लंबाई करीब 35 सेमी लंबी होती है. इसका आकार भी सिलेंडर की तरह होता है. शरीर का निचे का हिस्सा सपाट होता है. इस छिपकली की स्किन पर लाल धब्बे होते हैं. जानकारों की मानें तो यह छिपकली वातावरण के हिसाब से अपना रंग बदलती है.

Last Updated : Nov 30, 2022, 3:06 PM IST

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