पूर्णिया :संतान के सुख के लिए वर्षों से इंतेजार कर रही एक एनआरआई दंपत्ति के लिए बुधवार का खुशियों भरा रहा. सिंगापुर से आए दंपति ने ग्रहण संस्थान से एक नन्ही ढाई साल की बच्ची को गोद लिया. इस एडॉप्शन के बाद शहर के भट्टा बाजार स्थित एडॉप्शन सेंटर में की बच्ची को मां की ममता और पिता का प्यार मिलेगा. मिसू अब सात समंदर पार सिंगापुर में रहेगी.
सिंगापुर से मीलों का सफर तय कर पूर्णिया पहुंचे एनआरआई दंपति सरवना और राठी ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि वे दोनों मूल रूप से तमिलनाडु के मदुरई के रहने वाले हैं. सिंगापुर स्थित एक कंपनी में बतौर इंजीनियर नौकरी लगने के बाद 7 वर्ष पहले दोनों सिंगापुर शिफ्ट हो गए. हालांकि, इस बीच उनका भारत आना जाना लगा रहा. इसी दौरान उन्हें एडॉप्शन से जुड़ी ऑनलाइन जानकारी मिली. इसके बाद 2017 में उन्होंने बेटी गोद लेने के लिए आवेदन किया था.
छोरियां छोरों से कम है के
सरवना और राठी बताती हैं कि उनकी शादी को 13 साल हो गए हैं. शादी के फैसले के साथ ही उन्होंने यह निर्णय कर लिया था कि खुद की संतान के बजाए वे गोद लेकर किसी बच्चे का लालन-पालन करेंगे और उसकी तकदीर बनाएंगे. उन्हें खुशी है कि 3 साल के लंबे इंतजार के बाद ही सही, बेटी गोद लेने का सपना पूरा हुआ. वहीं बेटे के बजाए बेटी गोद लेने के पीछे उनका एक बड़ा कारण यह भी रहा कि बेटियों को लेकर आज भी हमारे समाज में जो असमानता की दीवार खड़ी है, उसे ऐसी ही पहल से खत्म किया जा सकता है.