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सात समंदर पार से पूर्णिया आए दंपति ने गोदी ली बच्ची, मिसू को मिलेगा मम्मी-पापा का प्यार

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Published : Dec 9, 2020, 7:47 PM IST

Updated : Dec 9, 2020, 8:00 PM IST

सिंगापुर से पूर्णिया आए एनआरआई दंपति का सपना पूरा हो गया है. उन्होंने साथ रहते हुए ये निर्णय लिया था कि वो बच्चे पैदा ना कर किसी गोद लेंगे. उन्होंने सिर्फ बेटी गोद लेना का निर्णय लिया था. पढ़ें पूरी खबर

पूर्णिया की खबर
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पूर्णिया :संतान के सुख के लिए वर्षों से इंतेजार कर रही एक एनआरआई दंपत्ति के लिए बुधवार का खुशियों भरा रहा. सिंगापुर से आए दंपति ने ग्रहण संस्थान से एक नन्ही ढाई साल की बच्ची को गोद लिया. इस एडॉप्शन के बाद शहर के भट्टा बाजार स्थित एडॉप्शन सेंटर में की बच्ची को मां की ममता और पिता का प्यार मिलेगा. मिसू अब सात समंदर पार सिंगापुर में रहेगी.

सिंगापुर से मीलों का सफर तय कर पूर्णिया पहुंचे एनआरआई दंपति सरवना और राठी ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि वे दोनों मूल रूप से तमिलनाडु के मदुरई के रहने वाले हैं. सिंगापुर स्थित एक कंपनी में बतौर इंजीनियर नौकरी लगने के बाद 7 वर्ष पहले दोनों सिंगापुर शिफ्ट हो गए. हालांकि, इस बीच उनका भारत आना जाना लगा रहा. इसी दौरान उन्हें एडॉप्शन से जुड़ी ऑनलाइन जानकारी मिली. इसके बाद 2017 में उन्होंने बेटी गोद लेने के लिए आवेदन किया था.

देखें ये रिपोर्ट

छोरियां छोरों से कम है के
सरवना और राठी बताती हैं कि उनकी शादी को 13 साल हो गए हैं. शादी के फैसले के साथ ही उन्होंने यह निर्णय कर लिया था कि खुद की संतान के बजाए वे गोद लेकर किसी बच्चे का लालन-पालन करेंगे और उसकी तकदीर बनाएंगे. उन्हें खुशी है कि 3 साल के लंबे इंतजार के बाद ही सही, बेटी गोद लेने का सपना पूरा हुआ. वहीं बेटे के बजाए बेटी गोद लेने के पीछे उनका एक बड़ा कारण यह भी रहा कि बेटियों को लेकर आज भी हमारे समाज में जो असमानता की दीवार खड़ी है, उसे ऐसी ही पहल से खत्म किया जा सकता है.

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इस बाबत सहायक निदेशक बाल संरक्षण इकाई अमरेश कुमार ने कहा कि समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत आने वाली विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान 0-9 साल के लावारिस बच्चों का लालन-पालन करती है. साथ ही यहां बच्चों की देखभाल से लेकर स्वास्थ्य, मनोरंजन और पढ़ाई से जुड़ी सुविधाएं प्रदान करती है. इसी कड़ी में गुरुवार को संस्थान के दोनों बच्चे जिनमें 4 माह की नन्हीं सुवर्णा व 5 वर्षीय विकास के एडॉप्शन की प्रक्रिया पूरी की गई है.

मम्मी-पापा की गोद में मिसू

अब तक हो चुके हैं 22 एडॉप्शन
वरीय उपसमाहर्ता दीक्षित श्वेतम ने बताया कि दत्तक ग्रहण संस्थान के इस सेंटर से अब तक 22 एडॉप्शन हो चुके हैं. इनमें 17 इंट्रा कंट्री कपल ने यह एडॉप्शन की है. तो वहीं 5 अडॉप्शन इंटर कंट्री से जुड़े हैं, जिनमें ईटली, स्पेन, यूएसए, यूएई और सिंगापुर शामिल हैं.

Last Updated : Dec 9, 2020, 8:00 PM IST

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