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खुद को प्रधान सचिव बताकर शख्स ने 50 लोगों को ठगा, अधिकारियों को धमकी देकर करवाता था काम

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 12, 2024, 9:24 PM IST

Fake Officer In Purnea: खुद को ग्रामीण विकास विभाग का प्रधान सचिव बताने वाला फर्जी व्यक्ति जेल पहुंच गया है. वह खाद दुकान की लाइसेंस एवं आर्म्स के लाइसेंस बनवाने के नाम पर अधिकारियों को धमकी देता था. अबतक 50 से अधिक लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया है. पुलिस उससे पूछताछ कर रही है. पढ़ें पूरी खबर.

पूर्णिया में फर्जी अधिकारी गिरफ्तार
पूर्णिया में फर्जी अधिकारी गिरफ्तार

पूर्णिया में फर्जी अधिकारी गिरफ्तार

पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. जहां शुक्रवार को पुलिस ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया जो अपने आपको ग्रामीण विकास विभाग का प्रधान सचिव बता कर पदाधिकारी को धमकी देकर काम करवाता था. पकड़े गए ठग की पहचान भागलपुर जिले के खरिक के वेस्ट घरारी निवासी मो. नाजिर के रूप में हुई है. वह खाद दुकान की लाइसेंस एवं आर्म्स के लाइसेंस बनवाने के नाम पर अधिकारियों को धमकी देता था.

पूर्णिया में फर्जी अधिकारी गिरफ्तार: लाखों की ठगी करने वाले एक फर्जी अधिकारी को उसके घर से पुलिस ने गिरफ्तार किया. उसके घर से पुलिस 30 से 35 लाख रुपये का अलग-अलग बैंक का चेक को बरामद किया है. फर्जी पदाधिकारी बनकर पुलिस के वरीय पदाधिकारी को धमकी देकर छापेमारी करवाने का काम किया करता था. शातिर ठग पिछले 2 महीने से पुलिस अधिकारियो तक को परेशान कर रखा था. ठग ने अबतक 50 से अधिक लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया.

शातिर खाद व बीज की कंपनी चलाता था: खाद्य और बीज का फर्जी लाइसेंस दिलाने के नाम पर उसने 50 से अधिक लोगों से ठगी की. इसका भेद तब खुला जब पीड़ित ने पुलिस में जाकर इसकी शिकायत की. पकड़े गए ठग की पहचान भागलपुर जिले के खरिक के वेस्ट घरारी निवासी मो. नाजिर के रूप में हुई है. उसके पास से 30 लाख से अधिक के अलग-अलग बैंक के चेक, फर्जी आर्म्स लाइसेंस बनाने से जुड़े दस्तावेज मिले हैं.

रुपए चेक या डिजिटल पेमेंट से लेता था: एसडीपीओ पुष्कर कुमार ने बताया कि "बीते 4 महीने से शातिर ठग फोन पर खुद को ग्रामीण कार्य विभाग का प्रधान सचिव बताकर पुलिस के अधिकारियों को कॉल कर रहा था. पुलिस जब रेड करने अधिकारी गये तो उन्हे निराश होकर वापस लौटना पड़ा."इसके पकड़े जाने पर शातिर ठग ने बताया कि वह इससे लाखों की ठगी करता. वह ये रुपए चेक या फिर डिजिटल पेमेंट के माध्यमों से लेता था.

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