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JDU की मांग- खलनायक की भूमिका में हैं BJP के नेता, कार्रवाई करे शीर्ष नेतृत्व

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Published : Sep 23, 2019, 8:17 PM IST

Updated : Sep 23, 2019, 11:43 PM IST

बीजेपी नेताओं की बयानबाजी के बावजूद बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से चुप्पी साधे रहना जेडीयू के लिए चिंता का कारण है. मौजूदा समय में सभी की नजर अगले महीने होने वाले उपचुनाव पर है.

नेताओं ने दी प्रतिक्रिया

पटना: प्रदेश में एनडीए के चेहरे को लेकर जमकर बयानबाजी हो रही है. विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में सियासत तेज है. एनडीए के घटक दल जेडीयू और बीजेपी के नेताओं की ओर से लगातार बयान आ रहे हैं. भले ही उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने नीतीश कुमार को एनडीए का चेहरा मान लिया हो. लेकिन, शीर्ष नेतृत्व का फैसला आने तक सब कुछ संशय में है.

गौरतलब है कि बीजेपी खेमे सें संजय पासवान, गिरिराज सिंह जैसे नेताओं के बयान के बाद अब जेडीयू ने भी अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि बीजेपी के कुछ नेता खलनायक की भूमिका निभा रहे हैं. इस तरह की बयानबाजी एनडीए गठबंधन की सेहत के लिए ठीक नहीं है.

पटना से ईटीवी भारत के लिए अविनाश की रिपोर्ट

संजय पासवान के बयान से शुरू हुआ ड्रामा
बता दें कि सबसे पहले संजय पासवान ने कहा था कि अब नीतीश कुमार को केंद्र में सेवा देनी चाहिए और बिहार सुशील मोदी के हवाले करना चाहिए. उसके बाद गिरिराज सिंह के भी कई बयान आए. उन्होंने लगातार ट्वीट भी किया.

नीतीश कुमार (फाइल फोटो)

नीतीश कुमार ने किया था कटाक्ष
वहीं, जेडीयू राज्य परिषद की बैठक में नीतीश कुमार ने बिना नाम लिए गिरिराज सिंह पर निशाना साधा था. जिसका जवाब भी गिरिराज सिंह ने अपने ढंग से दिया. इसके बाद भी बीजेपी के नेताओं की बयानबाजी नीतीश कुमार के खिलाफ होती रही. अब जेडीयू ने भी मोर्चा खोल दिया है.

संजय पासवान (फाइल फोटो)

महागठबंधन ले रहा चुटकी
बीजेपी और जेडीयू नेताओं के बयानबाजी पर आरजेडी और कांग्रेस की ओर से तंज कसा जाने लगा है. कांग्रेस प्रवक्ता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा है कि बीजेपी की नजर अब बिहार में है. बीजेपी की ओर से साजिश हो रही है. बीजेपी प्रदेश में अपना मुख्यमंत्री देना चाहती है.

गिरिराज सिंह (फाइल फोटो)

साफ है बीजेपी का स्टैंड
फिलहाल, बीजेपी प्रवक्ता सुशील मोदी के उस बयान के साथ दिख रहे हैं, जिसमें उन्होंने नीतीश कुमार को 2020 का भी नेता मानने की बात कही थी. साथ ही यह भी कहा था कि उनके नेतृत्व में जब विकास हो रहा है तो किसी पर और विचार करने की क्या जरूरत है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

बहरहाल, बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में है. हालांकि, इसमें काफी समय है लेकिन, बीजेपी नेताओं की बयानबाजी के बावजूद बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से चुप्पी साधे रहना जेडीयू के लिए चिंता का कारण है. मौजूदा समय में सभी की नजर अगले महीने होने वाले उपचुनाव पर है.

Intro:पटना-- बिहार में नीतीश कुमार के चेहरे पर जो सियासत शुरू हुई अब जदयू और बीजेपी नेताओं के बीच बयानबाजी तक होती जा रही है । सुशील मोदी ने जरूर 2020 में भी नीतीश कुमार को ही चेहरा मान लिया हो लेकिन बीजेपी नेताओं के बयान और शीर्ष नेतृत्व की चुप्पी से संशय पैदा होने लगा है । संजय पासवान, गिरिराज सिंह जैसे नेताओं के बयान के बाद अब जदयू ने भी अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि बीजेपी के कुछ नेता खलनायक की भूमिका निभा रहे हैं जो गठबंधन की सेहत के लिए ठीक नहीं है।
पेश है खास रिपोर्ट--


Body: बिहार में जदयू की ओर से नीतीश कुमार के स्लोगन वाले पोस्टर के बाद बीजेपी नेताओं की बयानबाजी शुरू हुई सबसे पहले संजय पासवान ने कहा कि अब नीतीश कुमार को केंद्र में सेवा देनी चाहिए और बीजेपी बिहार के हवाले करनी चाहिए उसके बाद गिरिराज सिंह का भी कई बयान आया ट्वीट भी उन्होंने किया ।
जदयू राज्य परिषद की बैठक में नीतीश कुमार ने बिना नाम लिए गिरिराज सिंह पर निशाना भी साधा और उसका भी जवाब गिरिराज सिंह ने अपने ढंग से दिया । इसके बाद भी बीजेपी के नेताओं की बयानबाजी नीतीश कुमार के खिलाफ होती रही और अब जदयू ने भी मोर्चा खोल दिया है जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा बीजेपी के कुछ नेता nda के सेहत के लिए ठीक नहीं है ऐसे नेता खलनायक की भूमिका निभा रहे हैं बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को कार्रवाई करनी चाहिए।
बाईट--राजीव रंजन, प्रवक्ता, जदयू
बीजेपी नेताओं के बयानबाजी पर राजद और कांग्रेस की ओर से तंज कसा जाने लगा है कांग्रेस प्रवक्ता प्रेमचंद्र मिश्रा तो लगातार कह रहे हैं कि बीजेपी की ओर से साजिश हो रही है बीजेपी अपना मुख्यमंत्री देना चाहती है।
बाईट- प्रेमचंद्र मिश्र, प्रवक्ता, कांग्रेस
फिलहाल बीजेपी प्रवक्ता सुशील मोदी के उस बयान के साथ दिख रहे हैं इसमें उन्होंने नीतीश कुमार को 2020 का भी नेता मानने की बात कही थी और यह भी कहा था कि उनके नेतृत्व में जब विकास हो रहा है तो किसी पर और विचार करने की क्या जरूरत है।
बाईट--अजित चौधरी, प्रवक्ता, बीजेपी


Conclusion: बिहार विधानसभा का चुनाव 2020 में है अभी काफी समय है लेकिन बीजेपी नेताओं के बयानबाजी के बावजूद बीजेपी के शीर्ष नेता की ओर से अभी तक चुप्पी साधे रहना जदयू के लिए भी चिंता का कारण है और इसलिए अब ऐसे नेताओं के खिलाफ जदयू की ओर से कार्रवाई की मांग उठने लगी है लेकिन राज्य परिषद की बैठक में नीतीश कुमार ने साफ कहा था कि गठबंधन में किसी तरह घच पच नहीं है और जो घच पच करेंगे खुद बर्बाद हो जाएंगे लेकिन उसके बावजूद कई तरह के कयास अभी से लगने शुरू हो गए हैं।ऐसे अब सबकी नजर उपचुनाव पर है ।अगले महीने विधानसभा के 5 सीटों पर और लोकसभा के भी एक सीट पर उपचुनाव होना है फिर विधान परिषद के कई सीटों पर भी चुनाव होना है।
अविनाश, पटना।
Last Updated : Sep 23, 2019, 11:43 PM IST

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