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Lata Mangeshkar Demise: लोक गायिका शारदा सिन्हा बोलीं- 'अपूरणीय क्षति को नहीं किया जा सकता पूरा'

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Published : Feb 6, 2022, 4:01 PM IST

Updated : Feb 6, 2022, 5:24 PM IST

मशहूर गायिका लता मंगेशकर का निधन (Legendary Singer Lata Mangeshkar Passes Away) हो गया. वह 92 साल की थीं. उनके निधन पर पूरा देश शोक मना रहा है. मशहूर लोक गायिका पद्म भूषण शारदा सिन्हा ने भी गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि ना भूतो ना भविष्यति कभी भी इस अपूरणीय क्षति को पूरा नहीं किया जा सकता है.

लता मंगेशकर का निधन
लता मंगेशकर का निधन

पटना: भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकरका 92 साल की उम्र में निधन (Lata Mangeshkar Passes Away) पर मशहूर लोक गायिका पद्म भूषण शारदा सिन्हा ने शोक जताया (Padma Bhushan Sharda Sinha) है. उन्होंने कहा कि लता मंगेशकर हम सभी की प्रेरणा थीं. खासकर जो संगीत से जुड़े लोग हैं, उन सभी की वो प्रेरणा रहीं. वो विश्व की ऐसी धरोहर रहीं, जिनको ना भूतो ना भविष्यति कभी भी इस अपूरणीय क्षति को पूरा नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि मैं इससे बहुत ही व्यथित हूं और पूरा कलाकार जगत व्यथित है.

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''मैं बचपन से ही लता दीदी को फॉलो करती थी. मैं जब बहुत छोटी थी तब धर्मयुग में उनका पता निकला था तो मैंने वो काटकर रखा था. मैं उनको चिट्ठियां लिखती थी. मेरी आज तक ये आस रह गई कि मैं लता दीदी को सामने से मिलूं. सौभाग्य इतना जरूर कहा कि जब फिल्म 'मैंने प्यार किया' में गीत गाया, तो मुझे इस बात की बहुत खुशी थी कि लता दीदी के सारे गाने इसमें थे. मैंने भी इस फिल्म में एक गाना गाया था और लता दीदी को भी इस बात से खुशी थी कि फिल्म में मैंने भी एक गीत गाया है, तो मुझे इस बात की बहुत खुशी रही.''-शारदा सिन्हा, लोक गायिका

पद्म भूषण शारदा सिन्हा (Sharda Sinha on Lata Mangeshkar demise) ने कहा कि लता दीदी एक ऐसी मणि थी कि विश्व में ऐसी धरोहर का होना नामुमकिन है. मैं ईश्वर से यही प्रार्थना करती हूं कि हमारी लता दीदी का फिर से हमारे भारत में पुनर्जन्म हो. यहां के कण कण में तो वो बसी हैं, लेकिन उनका जब भी पुनर्जन्म हो तो भारत में ही हो. उन्होंने जब भी गीत गाया उन्होंने पूरे विश्व को एक सूत्र में बांधने का काम किया. ऐसा कलाकार विरले ही पैदा होता है और शताब्दियों में पैदा होता है. ईश्वर लता दीदी को अपने चरणों में स्थान दें, उनकी आत्मा को शांति दें और लता दीदी का आशीर्वाद हम सभी को मिलता रहे.

बता दें कि सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का निधन ब्रीच कैंडी अस्तपाल (Breach Candy Hospital) में 92 साल की उम्र में हो गया. पिछले 29 दिनों से वो ब्रीच कैंडी अस्तपाल में भर्ती थीं और उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई थी. वहां उनका कोरोना संक्रमण और निमोनिया का इलाज चल रहा था. लता मंगेशकर के निधन पर दो दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है. इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा.

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Last Updated : Feb 6, 2022, 5:24 PM IST

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