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सहरसा में एक ही परिवार के 5 लोगों सहित बिहार में वज्रपात से 8 की मौत

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Published : Jun 28, 2021, 8:18 PM IST

Updated : Jun 28, 2021, 8:38 PM IST

इन दिनों बिहार में आकाशीय बिजली की भयावह गड़गड़ाहट ने लोगों की नींद उड़ा रखी है. बिहार के सहरसा, मधुबनी, अररिया और पूर्वी चंपारण जिले में आकाशीय बिजली गिरने से 8 लोगों की मौत हो गई है. वज्रपात से मरने वाले में बच्चे भी शामिल हैं.

बिहार में आसमानी कहर
बिहार में आसमानी कहर

पटना: बिहार में लगातार बिजली गिरने (Thunderclap In Bihar) की घटनाएं सामने आ रही हैं. बिहार में अब तक बिजली गिरने के कारण कई लोगों की जान जा चुकी है. आज आकाशीय बिजली गिरने से बिहार के 4 जिलों में कुल 8 लोगों की मौत हो गई है.

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सहरसा में 5 की मौत
घटना सिमरी बख्तियारपुर थाना क्षेत्र (Bakhtiyarpur Police Station In Saharsa) के सरोजा पंचायत चकमका वार्ड नं- 11 की है. जहां वज्रपात से 5 की मौत हो गई है. जिसमें मरने वालों में बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं. यह घटना उस वक्त की है जब बुजुर्ग महिला भगिया देवी के साथ बच्चे खेतों में मूंग तोड़ रहे थे. उसी समय भीषण बारिश शुरू हो गई. साथ ही गरज के साथ बिजली भी चमकने लगी.

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दो बच्चे जख्मी
वज्रपात की घटना में दो बच्चे जख्मी भी हो गए हैं. जिन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस घटना की सूचना पर बलवाहाट ओपी थानाध्यक्ष गुड्डू कुमार मौके पर पहुंचकर सभी शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

मधुबनी, अररिया और पूर्वी चंपारण में भी मौत
वहीं दूसरी ओर बिहार के मधुबनी और पूर्वी चंपारण जिले में भी आकाशीय बिजली गिरने से 3 लोगों की मौत हो गई है. जिसमें 15 वर्षीय किशोरी भी शामिल है. वहीं किशोरी की मां की हालत गंभीर बनी हुई है. बता दें कि घटना मधुबनी जिले के रुद्रपुर थाना क्षेत्र के गनधराईन गांव की है.

जानें... क्यों गिरती है बिजली?
जब बादल में मौजूद हल्के कण ऊपर चले जाते हैं और पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं. भारी कण नीचे जमा होते हैं और निगेटिव चार्ज हो जाते हैं. जब पॉजिटिव और निगेटिव चार्ज अधिक हो जाता है, तब उस क्षेत्र में इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज होता है. अधिकतर बिजली बादल में बनती है और वहीं खत्म हो जाती है, लेकिन कई बार यह धरती पर भी गिरती है. आकाशीय बिजली इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज होती है. आकाशीय बिजली में लाखों-अरबों वोल्ट की ऊर्जा होती है. बिजली में अत्यधिक गर्मी के चलते तेज गरज होती है. बिजली आसमान से धरती पर 3 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गिरती है.

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ऊंची चीजों पर क्यों गिरती है बिजली?
बादल में जब बिजली बन रही होती है, तब जमीन पर मौजूद चीजों का इलेक्ट्रिक चार्ज बदलता है. जमीन का उपरी हिस्सा पॉजिटिव चार्ज हो जाता है और निचला हिस्सा निगेटिव चार्ज रहता है. मीनार, ऊंचे पेड़, घर या इंसान जब पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं, तब उससे पॉजिटिव इलेक्ट्रिसिटी निकलकर ऊपर की ओर जाती है. इसे स्ट्रीमर कहते हैं. बादल के निचले हिस्से में मौजूद निगेटिव चार्ज स्ट्रीमर की ओर आकर्षित होता है, जिससे बिजली धरती पर गिरती है. यही कारण है कि ऊंची चीजों पर बिजली गिरने की संभावना अधिक रहती है. अगर आसपास कोई ऊंची चीज न हो तो बिजली इंसान या धरती पर गिरती है.

घर और कार से बच सकती है जान
बिजली गिरने के चलते अधिकतर वे लोग हताहत होते हैं, जो खुले में होते हैं. घर और कार जैसी बंद जगह इंसान को बिजली से बचाती हैं. कार पर जब बिजली गिरती है, तब वह टायर से होते हुए धरती में चली जाती है. इसी तरह घर पर बिजली गिरने से वह नींव के रास्ते धरती में जाती है. बिजली गिरते समय अगर कोई नल से निकल रहे पानी के संपर्क में हो या फिर लैंडलाइन फोन का इस्तेमाल कर रहा हो तो उसे झटका लग सकता है.

Last Updated : Jun 28, 2021, 8:38 PM IST

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