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हाईकोर्ट ने LNMU के कुलपति, रजिस्ट्रार और वित्त पदाधिकारी पर लगाया आर्थिक दंड

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Published : Jun 27, 2019, 1:27 PM IST

हाईकोर्ट ने जुर्माने की राशि 12 जुलाई के पहले जुविनाइल जस्टिस फंड में जमा का निर्देश दिया है. कोर्ट ने 24 अप्रैल को यूनिवर्सिटी को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन सप्ताह के अंदर जवाब देने के लिए कहा था.

पटना हाईकोर्ट

पटना:हाईकोर्ट ने समय रहते कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं दिए जाने पर सख्त रुख अपनाते हुए ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी के कुलपति, रजिस्ट्रार और वित्त पदाधिकारी को सम्मिलित रूप से 5 हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया है. जस्टिस ए अमानुल्लाह ने प्रोफेसर माधव प्रसाद सिंह के अवमानना के मामले पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया.

हाईकोर्ट ने जुर्माने की राशि 12 जुलाई के पहले जुविनाइल जस्टिस फंड में जमा का निर्देश दिया है. कोर्ट को बताया गया कि 24 अप्रैल को कोर्ट ने यूनिवर्सिटी को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन सप्ताह के अंदर जवाब देने के लिए कहा था.

12 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
मामले की जब सुनवाई हुई, तो न यूनिवर्सिटी के वकील उपस्थित थे और न ही विश्वविद्यालय की ओर से कोई जवाब ही दिया गया था. जिसके बाद कोर्ट ने यह आर्थिक दंड लगाया. इस मामले की अगली सुनवाई अब 12 जुलाई को होगी.

अव्यवस्थित यातायात पर कार्रवाई रिपोर्ट की गई पेश
वहीं, दूसरी ओर हाईकोर्ट में पटना शहर में अव्यवस्थित यातायात और सड़कों पर जाम होने के मामले पर राज्य सरकार और पटना नगर निगम की ओर से कार्रवाई रिपोर्ट पेश की गई. पीआईएल फोरम की जनहित याचिका पर चीफ़ जस्टिस ए पी शाही की खंडपीठ ने सुनवाई की. कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील को जवाब देने के लिए 2 सप्ताह की मोहलत दी है.

लोगों को करना पड़ता है परेशानियों का सामना
इस मामले में ये कहा गया कि पटना में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण और यातायात अव्यवस्था के कारण नागरिकों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. सड़क और फुटपाथ पर वाहन और दुकान लगाने के कारण ये समस्या और भी गम्भीर हो गई है. इस कारण आये दिन नागरिकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, विशेषकर पिक आवर में. इस मामले पर 2 सप्ताह बाद फिर सुनवाई की जाएगी.

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