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पटना के बांस घाट पर 'बोलती चिताएं', मरने के बाद भी नसीब में 'कतार'

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Published : Apr 27, 2021, 7:46 PM IST

Updated : Apr 27, 2021, 8:18 PM IST

बांस घाट पर लाशों की कतार

कोरोना के कारण हालात कुछ ऐसे हो गए हैं कि जीते जी अस्पतालों के चक्कर तो काटना ही पड़ रहा है, मरने के बाद भी नसीब में कतार मिल रही है. पटना के बांस घाट पर इन दिनों शवदाह करने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. देखिए रिपोर्ट..

पटनाःकोरोना के कारण स्थिति भयावह हो गई है. इलाज से लेकर शवदाह करने के लिए लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. अस्पतालों में जहां बेड और ऑक्सीजन को लेकर हाहाकार मचा है, वहीं श्मशान घाटों पर भी अंतिम संस्कार के लिए लंबी कतार लगी है. ये बोलती चिताएं राजधानी पटना के बांस घाट की है.

बांस घाट पर लाशों की लगी कतार

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रोज आ रहे 50 से अधिक शव
कोरोना महामारीके दौर में अकेले पटना के बांस घाट पर हर रोज 50 से अधिक शव अंतिम संस्कार के लिए आ रहे हैं. अधिकांश शव कोरोना से मरने वालों के हैं. विद्युत या लकड़ी, किसी भी तरह से शवदाह करने के लिए करीब 8 से 10 घंटों का इंतजार करना पड़ रहा है.

बांस घाट पर 24 घंटे जल रही चिताएं

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शव जलाने का लिया जा रहा ठेका
श्मशान घाट पर स्थिति ऐसी हो गयी है कि शव को जलाने के लिए ठेके लिए जा रहे हैं. बावजूद इसके हर वक्त शवों की कतार लगी रहती है. घाट पर 24 घंटे चिताएं जल रही है. परिजन शवों के अंतिम संस्कार के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. ऐसी भयावह स्थिति में लोगों को सावधान रहने की जरूरत है.

Last Updated :Apr 27, 2021, 8:18 PM IST

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