बिहार

bihar

2000 Rupee Note: 'उद्योगपति मित्रों को लाभ पहुंचाने की मंशा से केंद्र ने बंद किया 2000 का नोट' - JDU

By

Published : May 20, 2023, 8:29 PM IST

जेडीयू ने एक बार फिर केंद्र सरकार को 2000 रुपए की नोटबंदी के लिए निशाने पर लिया है. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र की नीतियों की वजह से देश देश का हर वर्ग त्रस्त है. विपक्षी एकजुटता को लेकर भी जेडीयू ने कर्नाटक वाला सबक याद दिलाया है. पढ़ें पूरी खबर-

बिहार जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा
बिहार जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा

पटना: बिहार जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने केंद्र सरकार द्वारा दो हजार रुपए की नोटबन्दी की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा की मोदी सरकार ने फिर से नोटबंदी लागू कर यह स्पष्ट कर दिया कि भाजपा जनता से जुड़ी बुनियादी मुद्दों पर ध्यान नहीं देती. बीजेपी सिर्फ अपने उद्योगपति मित्रों को गैरकानूनी तरीके से आर्थिक लाभ पहुंचाने का प्रयास कर रही है. एक खास वर्ग को फायदा देने के लिए केन्द्र सरकार देश की जनमानस के हितों को सूली पर लटकाने के लिए आतुर है.

ये भी पढ़ें- 2000 Rupee Note: 'दो हजार के नोट बंद होने से भ्रष्टाचारियों में छटपटाहट', BJP का विपक्ष पर तंज

हर वर्ग केद्र की नीतियों से त्रस्त : जेडीयू ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश का हर वर्ग आज केंद्र सरकार के गलत नीतियों से त्रस्त है. गरीब, मजदूर, किसान, नौजवान और व्यापारी अपनी आर्थिक तंगी का रोना रो रहा है. फिर भी मोदी सरकार अपने कानों में रुई भरकर अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने में मगन है. उन्होंने कहा कि पिछली बार जब वर्ष 2016 में नोटबन्दी लागू किया गया था, तब भाजपा वालों ने काले धन का पुरजोर इस्तेमाल कर देशभर के सभी जिलों में अपना आलीशान पार्टी कार्यालय बनवाने का काम किया. लेकिन, जिन वादों के साथ नोटबन्दी लागू हुआ था, उनमें से एक भी वादा आज तक चरितार्थ होते नहीं दिखा.

''मोदी सरकार द्वारा नोटबन्दी का तुगलकी फरमान आम जनता के लिए मुसीबत बन गया है. आप सभी को स्मरण होगा कि नोटबन्दी के फैसले के बाद देश की जनता में हाहाकार मचा हुआ था. कई बेटियों का ब्याह रुक गया था, पैसे के बगैर बीमार लोगों को जान गंवानी पड़ी थी. देश का गरीब-मजदूर वर्ग भुखमरी की कगार पर पहुंच चुका था. परन्तु यह दुर्भाग्य और हैरानी का विषय है की पिछली बार से सीख न लेते हुए फिर एक बार फिर मोदी सरकार ने 2000 का नोट बन्द करने का निर्णय लिया है. देश की जनता के साथ यह घोर ज्यादती है.''- उमेश कुशवाहा, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष


कर्नाटक से बीजेपी के लिए बजी खतरे की घंटी : कर्नाटक के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री सिद्दारमैया जी के शपथ ग्रहण समारोह में देशभर के विपक्षी पार्टियों की एकजुटता भाजपा के लिए एक खतरे की घण्टी है. जिस प्रकार सभी दलों ने कर्नाटक में अपनी ताकत दिखाई है उससे भाजपा खेमे में हताशा फैल चुकी है. भाजपा पूरी तरह से भयभीत और बौखलाई हुई है, 2024 में सत्ता जाने की घबराहट में नागपुर से लेकर दिल्ली तक भाजपाइयों और संघियों की नींद हराम है. धार्मिक मुद्दों के सहारे भाजपा कर्नाटक में चुनावी फायदा लेना चाहती थी, परन्तु वहां की समझदार जनता ने भाजपा को हैसियत बताने का काम किया है. 2024 लोकसभा में इसी तरह का परिणाम देशभर में आएगा.


2024 में दिख रही विपक्षी एकजुटता: प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि तानाशाही ताकतों से देश को बचाने के लिए सभी विपक्षी दल एकजुट होकर 2024 लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के पहल से आज देशभर के गैर-भाजपाई नेता एक मंच पर नजर आ रहे हैं. मुख्यमंत्री के सार्थक प्रयास की बदौलत देश में विपक्षी राजनीति के अनुकूल एक सकारात्मक माहौल बना है. हम सभी इस बात से परिचित हैं कि वर्तमान समय में हमारा देश नाजुक मोड़ पर खड़ा है, देश के सविंधान और लोकतांत्रिक बुनियाद को लगातार भाजपा सरकार द्वारा कमजोर किया जा रहा है. आज इसको बचाने की जिम्मेदारी हम सभी के कंधों पर है. सभी दलों ने साथ मिलकर देश से भाजपा का सफाया करने का प्रण लिया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details