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पटना: कोरोना को मात देने के लिए आयुर्वेद अस्पताल में तैयार हो रही 'इम्युनिटी बूस्टर' औषधि

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Published : Jun 16, 2020, 8:44 PM IST

पटना के राजकीय आयुर्वेद कॉलेज हॉस्पिटल में इम्युनिटी बूस्टर की औषधि तैयार की जा रही है. यह औषधि तुलसी, दालचीनी, सोंठ और मरीच के मिश्रण से अस्पताल के फार्मेसी में तैयार किया जा रहा है.

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पटना:राजधानी के कदमकुंआ के राजकीय आयुर्वेद कॉलेज हॉस्पिटल में इन दिनों इम्युनिटी बूस्टर की औषधि तैयार की जा रही है. यह औषधि तुलसी, दालचीनी, सोंठ और मरीच के मिश्रण से अस्पताल के फार्मेसी में तैयार किया जा रहा है. बता दें कि अभी कोरोना का संक्रमण काल चल रहा है और मानसून ने भी दस्तक दे दी है. ऐसी स्थिति में संक्रमण से होने वाली बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए राजकीय आयुर्वेद हॉस्पिटल में इन दिनों ओपीडी में आने वाले सभी मरीजों को इम्युनिटी बूस्टर की दवा अनिवार्य रूप से दी जा रही है.

इम्युनिटी बढ़ाने वाली दवाइयां
आयुर्वेद अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विजय शंकर दुबे ने बताया कि शरीर की इम्युनिटी को मजबूत करने के लिए आयुर्वेद के क्षेत्र में कई औषधियां मौजूद हैं. जैसे कि अश्वगंधा और चाय की तरह पीने वाला पंचकोल फांड है, जो अभी के समय ओपीडी में आने वाले सभी मरीजों को दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इसके अलावा इमुनोसिन टेबलेट और अन्य इम्यूनिटी बढ़ाने वाली दवाइयां रोगी की क्षमता को देखते हुए दिया जा रहा है.

डॉ. विजय शंकर दुबे, अधीक्षक, आयुर्वेद अस्पताल

'औषधि के मिश्रण से तैयार किया जाता है काढ़ा'
डॉ. विजय शंकर दुबे ने बताया कि अभी के समय में आयुष मंत्रालय ने इम्युनिटी बढ़ाने वाले औषधि के रूप में एक फार्मूला तैयार किया है. इस पर काम चल रहा है. इस औषधि में 4 भाग तुलसी, 2 भाग सोंठ, 2 भाग दालचीनी और 1 भाग मरीच के मिश्रण से काढ़ा तैयार किया जाता है. आयुष मंत्रालय की तरफ से इसका क्वाथ तैयार कर लोगों को पीने के लिए निर्देशित किया गया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'लोग बीमारी से लड़ने में खुद हों सक्षम'
डॉ. विजय शंकर दुबे ने बताया कि इसी फार्मूला पर औषधि बनाने के लिए अस्पताल का एक विंग आयुर्वेद फार्मेसी है. जहां इस औषधि का 50 ml का 5000 बोतल तैयार करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि जब यह पूरा हो जाएगा, तो अस्पताल आने वाले सभी मरीजों को इम्युनिटी बूस्टर के लिए यह औषधि प्रिसक्राइब किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस औषधि को अस्पताल में शुरू कराने का उनका उद्देश्य यह है कि संक्रमण का जिस प्रकार खतरा बढ़ा हुआ है. लोग बीमारी से लड़ने में खुद सक्षम हों.

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