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2020: पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण रहा क्राइम कंट्रोल, कोरोना काल की सेवा ने दिलाया सम्मान

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Published : Dec 22, 2020, 7:04 AM IST

साल 2020 बिहार पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण रहा. आपराधिक वारदातों में तेजी आई है. लूट और हत्या के मामले जिस तरह से बढ़े हैं उससे बिहार सरकार की पेशानी पर बल पड़ गए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य में कानून का राज कायम रखने के लिए एक के बाद एक समीक्षा बैठक कर रहे हैं. दूसरी ओर घटनाएं रुक नहीं रही हैं.

Bihar crime
बिहार में अपराध

पटना:9 दिसंबर 2020, अपराधियों ने दिनदहाड़े दरभंगा के एक ज्वेलर्स स्टोर से 10 करोड़ रुपए के गहने लूट लिए. 11 दिसंबर 2020, सीवान में दिनदहाड़े निजी बैंक से अपराधियों ने 10 लाख रुपए लूटे. 29 नवंबर 2020, पटना के जक्कनपुर के चिरैयाटांड़ पुल पर अपराधियों ने लूट के दौरान महिला की हत्या कर दी. 28 नवंबर 2020, गोपालगंज में अपराधियों ने जदयू विधायक अमरेंद्र कुमार पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय के दो करीबियों की गोली मारकर हत्या कर दी. ये तो चंद वारदात हैं. 2020 में बिहार में हुए बड़े आपराधिक घटनाओं की फेहरिस्त काफी लंबी है.

देखें खास रिपोर्ट

पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण रहा 2020
साल 2020 अपराध पर नियंत्रण के मामले में पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण रहा. यही कारण है कि चुनाव में जीत के बाद एक बार फिर बिहार की सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर से कानून का राज देने की अपनी छवि दुरुस्त करने में जुटे हैं.

मुख्यमंत्री पुलिस अधिकारियों के साथ एक के बाद एक समीक्षा बैठक कर रहे हैं. 12 दिसंबर को समीक्षा बैठक में नीतीश ने पुलिस के आलाधिकारियों को क्राइम कंट्रोल के लिए पूरी मजबूती से काम करने का निर्देश दिया. इससे पहले उन्होंने 9 दिसंबर को समीक्षा बैठक की थी. तब बैठक के समय ही दरभंगा में लूटकांड हो गया था. गौरतलब है कि नीतीश ने सीएम की कुर्सी संभालने के बाद 28 नवंबर को समीक्षा बैठक कर पुलिस अधिकारियों को हर हाल में अपराध पर नियंत्रण पाने का आदेश दिया था.

लॉकडाउन के समय पुलिस के जवान सड़कों पर तैनात थे.

कोरोना काल की सेवा ने दिलाया सम्मान
कोरोना की महामारी के दौरान पुलिस की जिम्मेदारी बढ़ गई थी. उन्हें लॉकडाउन का पालन कराना था साथ ही परेशान लोगों की मदद भी करनी थी. इस दौरान पुलिस के जवानों ने पैदल और साइकिल से घर लौट रहे प्रवासियों को खाना-पानी दिया. घर में बंद बच्चे जन्मदिन मना सकें इसके लिए केक पहुंचाया. इससे पुलिस की छवि में सुधार हुआ. जवानों को लोगों का सम्मान मिला. कोरोना से बचने के लिए जब आमलोग अपने घरों में बंद थे तब पुलिस के जवान अपनी ड्यूटी पर तैनात थे. करीब 4200 पुलिसकर्मी कोरोना की चपेट में आए. 24 जवानों की मौत कोरोना के चलते हो गई.

कोरोना काल में कराया चुनाव
शांतिपूर्ण तरीके से विधानसभा चुनाव कराने में बिहार पुलिस की अहम भूमिका रही. इसके लिए चुनाव आयोग ने बिहार पुलिस की सराहना भी की. बिहार देश का पहला ऐसा राज्य बना जहां कोरोना काल में सफलतापूर्वक विधानसभा चुनाव कराया गया.

सुशांत मामले में चर्चा में रही बिहार पुलिस
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले में बिहार पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई पूरे देश में चर्चा का विषय बनी. मामले की जांच करने गए एसपी विनय तिवारी को बीएमसी (बृह्नमुंबई नगर निगम) ने जबरन क्वारंटाइन कर दिया था. जिस केस को मुंबई पुलिस आत्महत्या बताकर ठंडे बस्ते में डालने की दिशा में बढ़ रही थी बिहार पुलिस की जांच ने उसे अलग रुख दे दिया था. बाद में मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को दे दी गई.

बीएमसी ने एसपी विनय तिवारी को जबरन क्वारैंटाइन कर दिया था.

मुंगेर की घटना से धूमिल हुई छवि
26 अक्टूबर को मुंगेर में दुर्गा पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन के दौरान पुलिस द्वारा लाठीचार्ज और गोलीबारी में 20 साल के युवक की मौत हो गई थी, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने उत्पात मचाया था. उग्र लोगों ने कई थानों को आग के हवाले कर दिया था. इस मामले में चुनाव आयोग के हस्तक्षेप के बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए डीएम और एसपी का ट्रांसफर किया गया था. इस मामले के चलते पुलिस की छवि धूमिल हुई थी.

बढ़ गए हत्या और लूट के मामले
2020 में हत्या, लूट, अपहरण, दुष्कर्म और डकैती जैसे मामलों में 2019 की तुलना में बढ़ोतरी हुई है. पुलिस मुख्यालय की वेबसाइट पर अगस्त तक के ही आपराधिक वारदातों की सूची पोस्ट की गई है. पिछले कुछ समय से राज्य में आपराधिक वारदातों में वृद्धि हुई है.

बिहार में अपराध का ग्राफ

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