बिहार

bihar

'लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने से पहले उपचुनाव जीतकर दिखाए कांग्रेस, मुंगेरीलाल ना बनें कन्हैया'

By

Published : Oct 24, 2021, 7:44 AM IST

कन्हैया कुमार के पुराने घर यानी सीपीआई के सदस्य रामबाबू कुमार ने कहा है कि कन्हैया कुमार को अब हर पल राहुल गांधी का गुणगान करना पड़ रहा है. कांग्रेस को उपचुनाव की दो सीटें पहले जीतकर दिखाना चाहिए. फिर आगे की बात करनी चाहिए. पढ़ें पूरी खबर...

kanhaiya kumar
kanhaiya kumar

पटनाःसीपीआई (CPI) छोड़कर कांग्रेस का दामन थामने के बाद कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) जब शुक्रवार को पटना पहुंचे तो प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने पार्टी को मजबूत करने की बात कही. वहीं, कन्हैया के पुराने घर यानी सीपीआई के राज्य सचिव मंडल के सदस्य रामबाबू कुमार (Rambabu Kumar) ने इशारों-इशारों में उन पर कई प्रश्नचिह्न खड़े किए.

इसे भी पढे़ं- ईटीवी भारत से बोले कन्हैया कुमार, 'BJP को मुझसे डर है कि मैं उसके 'टुकड़े-टुकड़े' कर दूंगा'

सबसे पहले तो रामबाबू कुमार ने कहा कि कांग्रेस में जाते ही कन्हैया कुमार को हर समय राहुल गांधी का गुणगान करना पड़ रहा है. वहीं, कांग्रेस अब महागठबंधन का हिस्सा नहीं है, इस पर रामबाबू कुमार ने कहा कि एक तरफ भाजपा को शिकस्त देने के लिए कांग्रेस ग्रैंड अलायंस बनाने की बात करती है, और दूसरी तरफ पार्टी कहती है कि लोकसभा की सभी 40 सीटों पर वह अकेली चुनाव लड़ेगी.

रामबाबू ने कहा कि कांग्रेस को मजबूत करेंगे कहकर कन्हैया कुमार कांग्रेसियों को भी मुगालते में रख रहे हैं. सीपीआई से कांग्रेस में क्यों आए हैं, इसके जवाब में उन्हें यह कहना भी है. कन्हैया के भाषण का जिक्र करते हुए रामबाबू ने कहा कि देश को आजाद कराने वाली पार्टी कांग्रेस आज इतना पीछे क्यों है और अगर अकेले चुनाव लड़ने की बात पार्टी न कहे तो दूसरी पार्टियां उसके साथ क्यों जाएगी.

देखें वीडियो

इसे भी पढे़ं-तेजस्वी की सियासत पर ग्रहणः कांग्रेस के साथ आए युवा ब्रिगेड और धुरंधर

यही वजह है कि अधिक से अधिक नौजवानों को अपने और पार्टी के साथ जोड़ने के लिए कन्हैया लगे हुए हैं. वहीं, कांग्रेस पर प्रश्नचिह्न उठाते हुए उन्होंने कहा कि एक तरफ पार्टी कह रही है कि नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने के लिए ब्रौडर यूनाइटेड फ्रंट की जरूरत है. फिर कन्हैया के लिए कांग्रेस पार्टी एक बड़ा जहाज है और डूबते जहाज को बचाने के लिए वह उस पर सवार हुए हैं.

तो ऐसे में यह याद रखना चाहिए कि अक्सर बड़े जहाज को बचाने के लिए छोटे जहाज ही जाते हैं. ऐसे में छोटी पार्टियों की भूमिका को नजरअंदाज करना कांग्रेस के लिए भारी पड़ सकता है. वहीं, कन्हैया के जाने से सीपीआई को कितना नुकसान हुआ, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि पार्टी के जनाधार में कोई फर्क नहीं पड़ा है. यूथ ब्रिगेड के कुछ सदस्य वो भी जो कन्हैया के भक्त हैं, सिर्फ वही उनके साथ गए हैं. बाकी पार्टी का एक भी कार्यकर्ता कन्हैया के साथ नहीं गया है.

इसे भी पढ़ें- राजनीतिक विश्लेषकों की राय- 'डॉक्टर' कन्हैया कुमार से बिहार कांग्रेस में 'जान' लौटने की उम्मीद कम

अभी के समय में सच ये है कि कांग्रेस यह दिखाने की कोशिश में जुटी है कि पार्टी अभी भी मजबूत ही है. अगर, कांग्रेस और कन्हैया लोकसभा में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला कर रही है तो उसे पहले दो सीटों पर हो रहे उपचुनाव को जीतकर दिखाना होगा. नहीं तो यह सिर्फ मुंगेरीलाल का हसीन सपना बनकर रह जाएगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details