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बोले CM नीतीश- बाढ़, सुखाड़ और पर्यावरण सरकार की बड़ी प्राथमिकता, हरसंभव पहुंचा रहे हैं मदद

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Published : Aug 15, 2019, 2:33 PM IST

हर साल जलवायु परिवर्तन हो रहा है. इसके लिए कई लोग जिम्मेवार हैं. पहले 1200 एमएम से 1500 एमएम तक औसत बारिश होती थी, जो गिरकर अब मात्र 900 एमएम से 700 एमएम तक पहुंच गया है.

सीएम नीतीश कुमार

पटना: पूरे देश में आज स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है. सीएम नीतीश कुमार ने पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में झंडा फहराया. राज्यवासियों को संबोधित करते हुए उन्होंने बाढ़-सुखाड़ से निपटने में हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया. साथ ही बिहार सरकार की तरफ से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की भी जानकारी दी. सीएम ने जोर देते हुए कहा कि अपराध भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं करेंगे.

लोगों को संबोधित करे सीएम नीतीश कुमार

एरियल सर्वे पर लोग मेरा मजाक उड़ाते हैं- नीतीश
सीएम ने तिरंगा फहराने के बाद लोगों को संबोधित किया. बिहार में बाढ़ और सुखाड़ से पीड़ित लोगों के दुःख, दर्द पर मरहम लगाने की कोशिश की. सीएम के मुताबिक आपदा पीड़ितों को सरकार की तरफ से हर तरह की सहायता दी जा रही है. सरकार आपदा पीड़ितों तक मदद पहुंचा रही है. बाढ़ पीड़ितों के अकाउंट में सीधे पैसे भेजे जा रहे हैं. हर तरह के नुकसान की भरपाई के लिए भी पैसे दिए जा रहे हैं. बाढ़ को लेकर सरकार पूरी तरह सजग है. वहीं, विरोधियों पर निशाना साधते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि एरियल सर्वे करने पर कुछ लोग मजाक उड़ाते हैं. लेकिन उनको पता नहीं है कि ऊपर से ही सब कुछ दिखता है, जबकि नीचे कुछ ही दूर तक दिखता है.

बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाी सर्वे करते सीएम नीतीश

प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे मंत्री
सीएम नीतीश ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें राज्य में सूखे की स्थिति का पहले ही एहसास हो गया था. पिछले साल 25 जिले के 280 प्रखंडों को सूखा ग्रसित घोषित किया था. सूखा से प्रभावित सभी लोगों के खाते में पैसे भी भेजे गए. इस बार भी हम पूरी तरह से सजग हैं. सभी जिले में प्रभारी मंत्री और अधिकारी दौरा कर रहे हैं. 18 अगस्त को बैठक कर बाढ़-सूखाड़ पर समीक्षा की जायेगी. हर विपदा से लड़ने की तैयारी चल रही है. सीएम ने कहा कि पीड़ितों की मदद के लिए केंद्र सरकार को हमेशा पिटीशन भरते हैं.

उतर बिहार में बाढ़

जल संकट से निपटने के लिए सरकार का प्लान
हर साल जलवायु परिवर्तन हो रहा है. इसके लिए कई लोग जिम्मेवार हैं. पहले 1200 एमएम से 1500 एमएम तक औसत बारिश होती थी, जो गिरकर अब मात्र 900 एमएम से 700 एमएम तक पहुंच गया है. कुछ इलाकों में जल संकट की स्थिति है. इससे निपटने के लिए कुंआ और तालाब का संरक्षण किया जायेगा. तमाम जल स्त्रोतों की उड़ाही की जायेगी. गंगा के पानी की जल संकट वाले इलाकों में उपलब्धता करायी जायेगी. बिहार में भू-जल में गिरावट आई है. मिथिला में इससे काफी संकट उत्पन्न हुई है. एकमत से बिहार विधानसभा के सभी सदस्यों ने पर्यावरण संतुलन के लिए जल जीवन हरियाली अभियान चलाने का संकल्प लिया. हर क्षेत्र में पौधारोपण किया जा रहा है.

पर्यावरण और जल संकट पर संबोधित करते सीएम नीतीश

मॉनसून को प्रभावित कर रहा जलवायु परिवर्तन
सीएम ने कहा कि झारखंड से अलग होने के बाद हरित आवरण बहुत कम है. हमारा लक्ष्य बिहार में 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 17 फीसदी हरियाली लाना है. सूबे के हर सड़क पर दोनों किनारों में पौधा लगाया जा रहा है. सूबे में करीब 19 करोड़ पौधे लगाए गए. सरकार पर्यावरण संतुलन के लिए काम कर रही है. सीएम ने लोगों को कम दूरी के लिए इलेक्ट्रिक वाहन उपयोग करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि पूरे देश में जलवायु परिवर्तन के कारण बिहार में भी मॉनसून प्रभावित हो रहा है.

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