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बिहार पुलिस का सूचना तंत्र फेल!, NIA ने कई संदिग्ध आतंकियों को पकड़ा

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Published : Aug 11, 2022, 6:20 PM IST

बिहार से कई आतंकियों (Bihar Terror Module) की गिरफ्तारी सीधे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने की है. दिल्ली के बाटला हाउस से मोहसिन अहमद की गिरफ्तारी के बाद बिहार पुलिस और उसके सूचना तंत्र पर कई सवाल उठ रहे हैं. साथ ही इसे देश और खासकर बिहार के लिए खतरा भी बताया जा रहा है. पढ़ें पूरी खबर

Bihar Police information system failed
Bihar Police information system failed

पटना:बिहार सहित देश के कई हिस्से आतंकियों के निशाने पर हैं. बिहार ही नहीं देश के कई हिस्सों में लगातार आतंकियों की गिरफ्तारी के साथ-साथ उनके मंसूबे पर भी पानी फेर दिया जा रहा है लेकिन एक बार फिर बिहार पुलिस के सूचना तंत्र (Bihar Police information system) पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. इस बार यह सवाल पटना का निवासी और दिल्ली के बाटला हाउस से मोहसिन अहमद की गिरफ्तारी के बाद उठा रहा है.

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बिहार पुलिस का सूचना तंत्र फेल!

सवालों के घेरे में बिहार का सूचना तंत्र: सवाल यह कि आखिर मोहसिन की गतिविधियों की सूचना पटना पुलिस / बिहार पुलिस या उनकी जांच एजेंसी ATS या बिहार की खुफिया विभाग स्पेशल ब्रांच सीआईडी को क्यूं नहीं हुई. इस मामले में राजधानी पटना के दीघा निवासी मोहसिन अहमद जोकि प्लस टू की पढ़ाई करने के बाद बीटेक की पढ़ाई करने के लिए दिल्ली के बाटला हाउस में रहता था, कई वर्षों से आतंकी संगठन आईएसआईएस के लिए विदेशों से क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से फंडिंग जुटाने का उसपर आरोप है.

पटना में लंबे समय तक रहा था मोहसिन अहमद:एनआईए की विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार पिछले 3 साल से मोहसिन अहमद आईएसआईएस के लिए काम करता था. बड़ा सवाल यह है कि यह पिछले 3 महीने पहले ही दिल्ली गया था, इससे पहले पटना में रहकर ही यह आईएसआईएस के लिए काम करता था लेकिन आखिर क्यों नहीं इसके बारे में बिहार पुलिस या उसकी जांच एजेंसी जानकारी जुटा पाई थी.

रक्षा विशेषज्ञ की राय:ऐसे मामलों के जानकार और रक्षा विशेषज्ञ ललन सिंह का कहना है कि बिहार पुलिस की काम करने की प्रणाली बेहतर नहीं है. मौजूदा वक्त में आतंकियों के निशाने पर भारत है. बिहार के कई जिलों में आतंकियों की गिरफ्तारी हुई है. ज्यादातर मामलों में बिहार पुलिस या उसकी जांच एजेंसी सक्रिय नजर नहीं आई. जिस कारण समय रहते संदिग्ध आतंकियों को टीम पकड़ नहीं सकी. रक्षा विशेषज्ञ ने बताया कि बिहार पुलिस, उसकी जांच एजेंसी या खुफिया एजेंसी को उच्च स्तर पर ट्रेनिंग नहीं प्राप्त होना भी इस तरह की निष्क्रियता का कारण हो सकता है. एनआईए, आईबी रोज ऐसे केंद्रीय जांच एजेंसी या खुफिया एजेंसी की तर्ज पर बिहार पुलिस के विभिन्न विंग जैसे सीआईडी स्पेशल ब्रांच के साथ-साथ बिहार आर्म्स फोर्स ट्रेनिंग दिलवाने की जरूरत है.

"हाल के दिनों में मोहसिन अहमद को गिरफ्तार किया गया है. बिहार सरकार का सूचना तंत्र, पुलिस, लोकल सीआईडी इनका सूचना तंत्र धराशायी हो गया है. यह हालात देश के लिए और खासकर राज्य के लिए बहुत खराब है. मोहसिन अहमद लंबे समय तक पटना में रहा लेकिन बिहार की एजेंसी पता नहीं लगा सकी. बिहार का सूचना तंत्र सही से काम नहीं कर रहा तभी एनआईए को आकर अपनी इंफॉर्मेशन पर जांच कर रही है."- ललन सिंह, रक्षा विशेषज्ञ

सूचना तंत्र में पिछड़ने का यह है कारण: वहीं ईटीवी भारत से टेलिफोनिक बातचीत के दौरान बिहार के पूर्व DG एस के भारद्वाज का भी कहना है कि ऐसे मामलों से जुड़े अनुसंधान को लेकर जो फंड जो तंत्र और प्रशिक्षण केंद्रीय सूचना एजेंसियों के पास होती है वो बिहार पुलिस के पास नहीं है. यही वजह है कि बिहार पुलिस सूचना तंत्र के मामले में केंद्रीय जांच एजेंसियों की तुलना में पीछे हो रही है. दरअसल मोहसिन पिछले तीन महीने पूर्व ही पटना के एक निजी स्कूल से प्लस टू करने के बाद बीटेक करने के लिए दिल्ली रवाना हुआ था. NIA सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक मोहसिन पिछले ढाई वर्षो से ISIS के लिय धनराशि जुटाने का काम कर रहा था. मतलब जब मोहसिन पटना में रहता था तब भी वो ISIS के लिए काम कर रहा था. यही वजह है की बिहार पुलिस की सूचना तंत्र पर सवाल उठ रहा है.

बिहार पुलिस के सूचना तंत्र पर कब-कब उठे सवाल: गोपालगंज से NIA ने महफूज आलम को गिरफ्तार किया था. मोतिहारी के ढाका के एक मदरसे से मदरसा मौलाना असगर अली को एनआई ने पकड़ा था. पटना फुलवारी शरीफ मॉड्यूल (Phulwari Sharif Terror Module) में PFI की जानकारी सेंट्रल IB ने पटना पुलिस को दी, तब जाकर उसका उद्भेदन हुआ और अतहर से लेकर जलालुद्दीन समेत पांच लोग को गिरफ्तार किया गया थ.

अब NIA ने ही मोहसिन अहमद को दिल्ली के बाटला हाउस से गिरफ्तार किया है, जबकि वो पिछले तीन महीने पहले तक पटना में अपने परिजनों के साथ रहते हुए ISIS के लिए काम कर रहा था. यही नहीं बिहार के सारण जिले का रहने वाला युवक आतंकियों तक बिहार के मुंगेर में बनने वाले हथियार की सप्लाई किया करता था. इसकी भी गिरफ्तारी एनआईए के द्वारा ही की गयी थी. बिहार के सिवान से आतंकी संगठन से ताल्लुक रखने वाले व्यक्ति जिसका साठ गांठ आतंकियों से प्राप्त हुआ उसकी गिरफ्तारी भी एनआईए ने की.

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