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बिना वेतन तंगहाली में गुजरी प्रारंभिक शिक्षकों की दिवाली, अब छठ से पहले सैलरी का इंतजार

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Published : Nov 6, 2021, 12:55 PM IST

Updated : Nov 6, 2021, 2:13 PM IST

सरकारी उदासीनता के कारण शिक्षकों को दशहरा और दिवाली में भी वेतन नहीं मिला, जिससे शिक्षकों में रोष और मायूसी देखी जा रही है. दिवाली से पहले 24 घंटे के भीतर प्रारंभिक शिक्षकों के वेतन भुगतान के आदेश जारी किए गए थे. इसके बावजूद शिक्षकों को अबतक सैलरी नहीं मिली. पढ़िए पूरी खबर..

Bihar Elementary teachers did not get salary
Bihar Elementary teachers did not get salary

पटना: बिहार के लाखों प्रारंभिक शिक्षक (Bihar Elementary Teacher) इस बार दशहरा और दिवाली में अपने वेतन का इंतजार करते रह गए. सरकार की घोषणा के बावजूद लाखों शिक्षकों को वेतन (Elementary Teacher Salary) नहीं मिल सका. प्राथमिक शिक्षक संघ ने इसके लिए सरकार (Education Department Bihar) को दोषी करार दिया है. अब महापर्व छठ में करीब ढाई लाख शिक्षकों को इस बात का इंतजार है कि कहीं उन्हें वेतन मिल जाए, तो छठ महापर्व उत्साह के साथ अपने परिवार के साथ मना सकेंगे.

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राज्य में दशहरा से पहले वेतन जारी करने का आदेश जारी हुआ था. शिक्षा मंत्री ने बड़े तामझाम के साथ सोशल मीडिया पर इसे प्रचारित और प्रसारित भी किया. लेकिन दशहरा में शिक्षकों को वेतन नहीं मिला. समग्र शिक्षा अभियान के तहत बिहार में करीब 2,67000 प्रारंभिक शिक्षक कार्यरत हैं. दिवाली के ऐन पहले एक बार फिर करीब 17.49 अरब से ज्यादा की राशि जारी करने का निर्देश शिक्षा विभाग की तरफ से हुआ और 24 घंटे में वेतन भुगतान का आदेश भी दिया गया. लेकिन दिवाली में भी शिक्षकों को वेतन नहीं मिल सका.

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इस बात की पुष्टि बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता प्रेमचंद्र की है. उन्होंने बताया कि नालंदा और बांका जिले में तो अगस्त महीने से ही शिक्षकों को वेतन नहीं मिला है. दरअसल यह पूरा दोष सरकारी सिस्टम का है, जिसमें सभी उलझ कर रह गए हैं. सिस्टम के ऑनलाइन होने का दावा करने के बावजूद शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है.

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सबसे बड़े पर्व दिवाली और दशहरा के बीत जाने के बाद अब महापर्व छठ में लाखों शिक्षक टकटकी लगाए बैठे हैं कि क्या उन्हें छठ से पहले वेतन नसीब होगा. इधर बांका के बारे में बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने बताया कि 30 सितंबर को जिला शिक्षा पदाधिकारी के सेवानिवृत्त होने के बाद एक डीपीओ को डीईओ की जिम्मेदारी तो दी गई, लेकिन वित्तीय अधिकार नहीं दिया गया.

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प्राथमिक शिक्षक संघ ने इस बारे में कई बार शिक्षा विभाग को अवगत कराया, लेकिन इस मामले में भी शिक्षा विभाग ने काफी ढीला रवैया अपनाया. दिवाली के एक दिन पहले सरकार ने डीईओ को वित्तीय अधिकार का लेटर जारी किया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी और यही वजह है कि वहां अगस्त महीने से ही शिक्षकों को वेतन नहीं मिला है.

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आपको बता दें कि बिहार सरकार के खजाने से 66,100 प्राथमिक शिक्षकों को वेतन मिलता है, जबकि बाकी 2,67000 प्राथमिक शिक्षकों को समग्र शिक्षा अभियान के तहत केंद्र और राज्य मिलकर वेतन के लिए राशि जारी करते हैं. केंद्र की तरफ से समय पर पैसा नहीं मिलने पर समग्र शिक्षा अभियान के तहत काम करने वाले करीब 2,67000 शिक्षकों को दशहरा और दिवाली में वेतन नहीं मिला.

इस बारे में बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि इस मामले में सरकार का ढीला रवैया सबसे ज्यादा दोषी है. अगर सरकार को वेतन की राशि जारी करनी थी तो कम से कम 8 दिन पहले जारी करना चाहिए था, तो शिक्षकों को कोई परेशानी नहीं होती. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अगर शिक्षकों को बहाल किया है तो उन्हें समय पर वेतन देना भी सरकार की ही जिम्मेदारी है. केंद्र से समय पर पैसा नहीं मिलना केंद्र और राज्य के बीच का मामला है. केंद्र और राज्य के बीच राशि के लेकर शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं देना कहीं से उचित नहीं है.

Last Updated : Nov 6, 2021, 2:13 PM IST

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