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Prashant Kishor : जन सुराज में शामिल हुए 12 सेवानिवृत IPS ऑफिसर, 6 IAS पहले ही थाम चुके हैं दामन

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Published : May 7, 2023, 1:58 PM IST

Updated : May 7, 2023, 5:12 PM IST

जन सुराज में शामिल हुए 12 पूर्व आईपीएस अधिकारी
जन सुराज में शामिल हुए 12 पूर्व आईपीएस अधिकारी

प्रशांत किशोर का कुनबा समय के साथ बड़ा होता जा रहा है. बीते मंगलवार को जहां 6 पूर्व आईएएस अधिकारियों ने जन सुराज का दामन थाना था. वहीं, अब एक सप्ताह के भीतर ही 12 सेवानिवृत आईपीएस ने जन सुराज का दामन थामा है. पटना में इन सभी ने जन सुराज में शामिल होने की औपचारिक घोषणा की. पढ़ें पूरी खबर.

जन सुराज में शामिल हुए 12 पूर्व आईपीएस अधिकारी

पटना:चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Election strategist Prashant Kishor) इन दिनों जन सुराज पदयात्रा पर है. उनकी यात्रा के करीब दो सौ से अधिक दिन बीत चुके हैं. इस दौरान प्रशांत किशोर पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सारण समेत अन्य जिलों में घुमकर लोगों से मिल चुके हैं. फिलहाल पीके की पदयात्रा वैशाली जिले में चल रही है. उनकी इस यात्रा से प्रभावित होकर कई लोग उनसे और जन सुराज से जुड़ रहे हैं.

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जन सुराज में शामिल हुए पूर्व आईपीएस अधिकारी: बीते मंगलवार को प्रदेश के रहने वाले 6 पूर्व आईएएस अधिकारी जन सुराज में शामिल हुए थे. अब खबर है कि रविवार यानि आज जन सुराज में 12 पूर्व आईपीएस अधिकारी शामिल हो गये हैं. पीके की पदयात्रा बढ़ने के साथ ही साथ जन सुराज का दायरा बढ़ते जा रहा है. एक सप्ताह पहले 6 पूर्व आईएएस जुड़ चुके हैं. अब जो 12 आईपीएस जुड़ रहे हैं, ये लोग नीतीश कुमार, लालू प्रसाद याद और राबड़ी देवी मुख्यमंत्री रहने के कार्यकाल के दौरान काम कर चुके हैं.

प्रदेश के अलग-अलग जिलों से शामिल हुए पूर्व IPS: जन सुराज अभियान से जुड़ने वाले सेवानिवृत पुलिस अधिकारियों में समस्तीपुर से जितेंद्र मिश्रा हैं. ये सेवानिवृत पुलिस महानिरीक्षक (IG) होम गार्ड रह, 2024 इंडियन पुलिस सर्विस बैच, एसके पासवान (वैशाली) सेवानिवृत महानिदेशक (DG), 1979 इंडियन पुलिस सर्विस बैच, केबी सिंह (सारण) सेवानिवृत पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) संचार, 1983 इंडियन पुलिस सर्विस बैच.

पटना में शामिल जन सुराज में शामिल हुए पूर्व IPS : उमेश सिंह (बेगूसराय) सेवानिवृत पुलिस महानिरीक्षक (IG Vigilance), 1984 इंडियन पुलिस सर्विस बैच, अनिल सिंह (सुपौल) सेवानिवृत पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) मुजफ्फरपुर, 2002 इंडियन पुलिस सर्विस बैच, शिवा कुमार झा (सुपौल) सेवानिवृत पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) इकोनॉमिक्स अफेयर, 2004, इंडियन पुलिस सर्विस बैच. अशोक कुमार सिंह (सिवान) सेवानिवृत पुलिस महानिरीक्षक (IG), 1980 बिहार लोक सेवा आयोग बैच, 1999 इंडियन पुलिस सर्विस बैच.

ये पूर्व आईपीएस हुए शामिल: राकेश कुमार मिश्रा (सहरसा) सेवानिवृत महानिदेशक (DG), 1986 इंडियन पुलिस सर्विस बैच. सीपी किरण (पटना) सेवानिवृत पुलिस महानिरीक्षक (IG) पुलिस, 1989 इंडियन पुलिस सर्विस बैच. मो. रहमान मोमिन (भोजपुर) सेवानिवृत पुलिस महानिरीक्षक (IG) तकनीकी सेवाएं, 2000 इंडियन पुलिस सर्विस बैच. शंकर झा सेवानिवृत इंडियन पुलिस सर्विस बैच. दिलीप मिश्रा सेवानिवृत इंडियन पुलिस सर्विस बैच.

"हमने अपने कार्यकाल में बहुत कुछ देखा है और बहुत कुछ सीखा है. लेकिन इस पर मैं ज्यादा टिप्पणी नहीं कर सकता हूं. अभी की जो राजनीति हो गया है वह है नकारात्मक ताल, कहीं भी चर्चा होती है तो लोग जैसे जानते हैं कि नेता है तो नकारात्मक सोच उत्पन्न होता है. हम चाहते हैं कि इस व्यंग बाण गणित ग्रसित राजनीति से गुणगान की राजनीति हो, जिससे कि लोगों को लगे कि हां अपना है. अपनी सरकार है. मैं तो पुलिस प्रशासन में रहा हूं. इसलिए उदाहरण के तौर पर अभी बता रहा हूं आपको. किसी भी थाने में आप चले जाइए. जिसकी कोई पहचान और पैरवी भी न हो और एक रिपोर्ट लिखवाना हो तो देखिएगा कितनी कठिनाई होती है. ब्लॉक जाइए तो कोई अधिकारी नहीं मिलेंगे. न कोई कर्मचारी मिलेगा. इसलिए जन सुराज अभियान से जुड़ने का मेरा मकसद है कि जन समस्याओं को दूर किया जाए."- अनिल सिंह, रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी, सुपौल

"जन सुराज का अभियान मुझे काफी पसंद आया है. जन सुराज अभियान है न कि पॉलिटिकल है. मैं बिहार के साथ झारखंड में कई मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया हूं. इस दरमियान मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला. बहुत सरकार जिस उम्मीद पर आई उस उम्मीद पर भी नहीं उतर पाई है. काम के दौरान बराई भी हुई है. कठिनाई भी हुई है. कई बार जनता के हित में फैसला लेने पर हस्तक्षेप भी हुआ है. लेकिन अब जन सुराज के साथ मिलकर जनहित में क्या काम किया जाए, जिससे कि लोगों को फायदा हो, इस पर अध्ययन किया जाएगा."- जितेंद्र मिश्रा, रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी, समस्तीपुर

"मैं बिहार में काम नहीं किया हूं. लेकिन मूल रूप से बिहार का रहने वाला हूं. मेरा जो कैडर रहा है, वह मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ रहा है. लेकिन बिहार वासी होने के नाते मैं समझ सकता हूं कि बिहार में क्या हो रहा है. बिहार के बड़े-बड़े मंत्री जो केंद्र में भी रहे हैं. इसके बावजूद भी बिहार का विकास नहीं हो पाया. यहां के जो पॉलीटिशियन हैं. अपनी कुर्सी पर ध्यान दिया है. जनता पर कोई ध्यान नहीं दिया है. रिश्वतखोरी के साथ-साथ बाहुबलियों को भी बढ़ावा देने का काम किया है. जिसका नतीजा है कि बिहार आज पिछड़े राज्य में शामिल है. इससे जनता में काफी नाराजगी है और आने वाले समय में जनता इसका करारा जवाब देगी. बिहार में कोई भी काम बिना रिश्वत और सिफारिश के नहीं होता है. जिस कारण से गरीब लोगों का काम नहीं हो पाता है. क्योंकि न उनके पास सिफारिश होती है और न ही रिश्वत होती है. बिहार में बड़े लोगों का ही बोलबाला है."- एसके पासवान, रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी, वैशाली

Last Updated :May 7, 2023, 5:12 PM IST

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