नालंदा:झारखंड के देवघर रोपवे हादसे (Deoghar Ropeway Accident) ने बिहारवासियों के जहन में 2014 में राजगीर में हुए रोपवे हादसे ( Rajgir Ropeway Accident) की याद को एक बार फिर से ताजा कर दिया है. तब 75 फीट की ऊंचाई से रोपवे टूटकर नीचे गिर गया था. हालांकि हादसे में किसी की जान नहीं गई थी, लेकिन आधा दर्जन पर्यटक जख्मी हुए थे. घटना के बाद रोपवे प्रशासन पर सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए थे. देवघर में हुए हादसे के बाद राजगीर रोपवे को लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है. यहां सुरक्षा के मानकों का कितना ध्यान रखा जा रहा है विस्तार से जानिए...
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त्रिकूट रोपवे हादसे के बाद बिहार सरकार अलर्ट: त्रिकूट रोपवे हादसे के बाद बिहार सरकार का पर्यटन विभाग अलर्ट मोड (Bihar government alert after Trikut ropeway accident) में आ गया है. हालांकि अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर में पर्यटन विभाग के कर्मी 08 शीटर रोपवे और सिंगल शीटर रोपवे को प्रतिदिन मेंटेनेंस करने के बाद ही सुचारू रूप से सैलानियों के लिए खोलते हैं. फिर भी देवघर में हुए हादसा को देखते हुए पर्यटन विभाग के सभी कर्मी अलर्ट हैं. साथ ही कर्मी लगातार रोपवे का निरीक्षण भी कर रहे हैं. सैलानियों की सुरक्षा की दृष्टिकोण से सावधानी बरती जा रही है. तमाम बिंदुओं पर पैनी नजर रखी जा रही है.
ईटीवी का रियालिटी चेक:रोपवे का लुत्फ़ उठाने नालंदा के राजगीर पहुंचे सैलानियों ने इंतजामों पर संतुष्टि जतायी है. उनका कहना है कि यहां कोई डर नहीं, सब कुछ बेहतर है. अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल राजगीर विश्व शांति स्तूप जाने के लिए रोपवे का रख रखाव कैसे किया जा रहा है, कहीं कोई लापरवाही तो नहीं बरती जा रही है, इन तमाम बातों का जायजा ईटीवी भारत ने लिया. जब हमारी टीम ने पर्यटकों से बात की तो उन्होंने कहा कि सारी व्यवस्थाएं चुस्त दुरुस्त हैं. लेकिन अंदर में पीने का पानी और कूलिंग के साथ साथ बच्चों का किराया कम होना चाहिए.
सुरक्षा के व्यापक इंतजाम:वहीं सुरक्षा मानकों को लेकर राजगीर रोपवे प्रबंधक गौरव कुमार ने बताया कि देवघर जैसी घटना यहां नहीं होगी. सुरक्षा के व्यापक इंतजाम हैं. सुबह रोपवे शुरू करने से पहले सारी चीजों की जांच कर ली जाती है. उसके बाद जो भी त्रुटि हो उसे दूर किया जाता है, मेंटेन किया जाता है. बाद में रोपवे को सैलानियों के लिए खोला जाता है. अभी लगभग एक हजार के करीब पर्यटक रोज यहां आते हैं. सीजन के समय तीन से चार हजार सैलानी आते हैं. अभी फिलहाल विदेशी नहीं आ रहे हैं. ज्यादातर बिहार, बंगाल और महाराष्ट्र के सैलानी यहां पहुंच रहे हैं.