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बिहार विधानसभा उपचुनाव: बोचहां विधानसभा सीट पर 12 अप्रैल को होगा मतदान, आचार संहिता लागू

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Published : Mar 12, 2022, 7:58 PM IST

Updated : Mar 12, 2022, 8:28 PM IST

बिहार विधानसभा
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मुजफ्फरपुर बोचहां विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तारीख घोषित कर दी गई है. 12 अप्रैल को चुनाव होने हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में यह सीट गठबंधन में वीआईपी को मिली थी. मुसाफिर पासवान विधायक बने थे. उनके निधन के बाद से यह सीट खाली थी. पढ़ें रिपोर्ट..

पटनाः मुजफ्फरपुर के बोचहां विधानसभा सीट पर उपचुनाव (Bihar Assembly byelection) की तिथि की घोषणा कर दी गई है. 12 अप्रैल को बिहार के बोचहां विधानसभा में उपचुनाव होगा. गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में यह सीट गठबंधन में वीआईपी काे मिली थी. मुसाफिर पासवान विधायक बने थे. उनके निधन से यह सीट खाली हुई थी. निर्वाचन आयोग की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार चुनाव के लिए 17 मार्च को अधिसूचना जारी की जाएगी. 24 मार्च तक नामांकन किए जाएंगे. जबकि 28 मार्च तक नाम वापस लिए जा सकेंगे. 12 अप्रैल को यहां चुनाव कराए जाएंगे और 16 अप्रैल को काउंटिंग होगी.

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जानकारी दें कि बोचहां विधानसभा क्षेत्र के विधायक मुसाफिर पासवानका निधन 24 नवंबर को हो गया था. नई दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. वे कई महीनों से बीमार चल रहे थे. बोचहां विधानसभा का उन्होंने दो बार प्रतिनिधित्व किया था. वीआईपी से अब उनके बेटे काे उतारे जाने की चर्चा है. जबकि भाजपा ने अभी पत्ता नहीं खाेला है, लेकिन दावेदारी पर चर्चा के लिए पार्टी जिलाध्यक्ष ने बैठक बुलाकर वीआईपी को सीट दिये जाने का विरोध किया है.

2005 में आरजेडी से बने थे विजेताः आपको बताएं कि मुसाफिर पासवान का सभी दलों के नेताओं से बेहतर संबंध था. इसी कारण एनडीए के साथ गठबंधन कर पिछले विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरे मुकेश सहनी के लिए वो बोचहां सीट पर पहली पसंद बने थे. उन्होंने आरजेडी के कद्दावर नेता रमई राम को 11,268 वोटों के मार्जिन से हराया था. इससे पहले मुसाफिर साल 2005 में आरजेडी के टिकट पर यहां से चुनाव जीते थे.

बोचहां रमई राम का क्षेत्र रहा है. पूर्व मंत्री रह चुके रमई राम बिहार के बड़े नेताओं में से एक हैं. वे बोचहा से नौ बार विधायक और पांच दफा मंत्री रह चुके हैं. रमई राम बोचहा से तीन बार आरजेडी, एक बार जेडीयू, दो बार जनता दल और तीन बार अन्य दलों से विधायक चुने जा चुके हैं. वे वर्ष 1990 से 2015 तक बिहार सरकार में मंत्री रहे हैं. इसलिए बोचहा को रमई का गढ़ कहा जाता है, लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी बेबी कुमारी ने उन्हें पराजित किया था. विधायक बनने के बाद बेबी कुमारी BJP में शामिल हो गई थीं. 2020 में यह सीट एनडीए के नए साथी मुकेश सहनी की वीआईपी के हिस्से चली गई थी और सहनी ने पासवान को उम्मीदवार बनाया था.

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Last Updated :Mar 12, 2022, 8:28 PM IST

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