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मुंगेरः दुष्कर्म पीड़िता का 48 घंटे बाद मेडिकल जांच, अनुसंधान पर उठने लगे सवाल

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Published : Apr 23, 2021, 12:10 PM IST

मुंगेर में एक पुलिसकर्मी पर महिला ने दूसरी बार जबरदस्ती दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है. इस घटना के तफ्तीश को लेकर पुलिस की चाल थोड़ी धीमी है. चार दिन पहले हुई दुष्कर्म की घटना के कई घंटे के बाद पीड़िता की मेडिकल जांच हुई. जबकि डॉक्टरों के अनुसार मेडिकल जांच में देरी नहीं होनी चाहिए.

मुंगेर पुलिस
मुंगेर पुलिस

मुंगेरः जिले के बरियारपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत रतनपुर जंगल में एक महिला ने बरियारपुर थाना में पदस्थापित लटूरिया चौकीदार पर दूसरी बार जबरदस्ती दुष्कर्म का आरोप लगाया है. महिला एसपी के पास 19 अप्रैल को गुहार लगाने पहुंची थी. एसपी ने मामले का संज्ञान लेते हुए मेडिकल कराने की बात कही थी. लेकिन मेडिकल जांच 21 अप्रैल को दोपहर बाद महिला थाना ने करवाया. 21 अप्रैल तक 164 का बयान भी नहीं हो पाया था. इस लापरवाही पर पुलिस पर सवालिया निशान खड़े होने लगे हैं.

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कुछ घंटों में ही जांच जरूरी
मुंगेर के एक चिकित्सक ने बताया कि अगर किसी के साथ दुष्कर्म होता है, तो कुछ घंटों में मेडिकल जांच में इसकी पुष्टि हो जाती है. ज्यादा देरी होने से जांच में कठिनाई होती है. इसलिए जांच 24 घंटे के अंदर तो अवश्य हो जानी चाहिए.

अब तक दर्ज नहीं हो पाया है 164 का बयान
लगभग 72 घंटे बीत जाने के बाद भी दुष्कर्म पीड़िता महिला का न्यायालय में 164 का बयान भी पुलिस दर्ज नहीं करवा सकी है. जबकि पुलिस उन्हें 3 दिनों से थाने में रखी हुई है. आदिवासी महिला के परिजनों ने बताया कि हम लोग प्रतिदिन थाने का चक्कर लगाते हैं, तो मैडम बोलती हैं, अभी घर जाओ, शाम में भेज देंगे. लेकिन 3 दिनों से हम लोग रोज थाना और घर का चक्कर लगा रहे हैं. काफी परेशान हैं. कोई कुछ नहीं बता रहा कि क्यों उसे रोका गया है? हमारे साथ ही गलत हुआ और हम लोग ही परेशान हैं.

'19 अप्रैल को ही दोपहर में सदर अस्पताल मेडिकल जांच के लिए ले गए थे. लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण चिकित्सकों ने अगले दिन बुलवाया. अगले दिन जब हम लोग गए तो चिकित्सकों ने 21 तारीख को अगले दिन फिर बुलाया. 21 अप्रैल को मेडिकल हो गया. 19 अप्रैल को ही आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई थी. प्राथमिकी में बनाए गए अभियुक्त बरियारपुर थाना में पदस्थापित चौकीदार लटूरिया को गिरफ्तार कर उसी दिन जेल भेज दिया गया था. न्यायालय में भी हम लोग 164 के बयान के लिए प्रतिदिन ले जा रहे हैं. कोरोना संक्रमण के कारण वहां भी कार्य धीमी गति से चल रहा है.'-मंजू कुमारी, महिला थाना प्रभारी

एसपी द्वारा लिए गए संज्ञान मामले का यह हाल
आरक्षी अधीक्षक के कार्यालय में आदिवासी महिला 19 अप्रैल को सुबह 10 बजे पहुंचकर अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ न्याय की गुहार लगाने पहुंची थी. एसपी जगूनाथरेड्डी जलारेड्डी ने मामले पर संज्ञान भी लिया. उन्होंने एसडीपीओ नंदजी प्रसाद को पूरे मामले की जांच करने का निर्देश दिया. डीएएसपी के निर्देश पर महिला थाना प्रभारी मंजू कुमारी एसपी ऑफिस आ कर आरोप लगाने वाली आदिवासी महिला को अपने साथ थाने ले गई. उन्होंने कहा, मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जा रहे हैं. लेकिन 19 अप्रैल को दोपहर 11:00 बजे वह अपने साथ अस्पताल ले गयी. 20 अप्रैल तक उसका मेडिकल जांच नहीं हुआ. पुनः 21 अप्रैल को देर शाम उसका मेडिकल संभव हो पाया. यानी घटना के लगभग 50 घंटे बीतने के बाद मेडिकल हुआ.

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