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माओवादियों ने ब्रेन वॉश कर दिया था लेकिन बीवियों ने अपने 'नक्सली पति' का कराया सरेंडर

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Published : Jun 13, 2022, 9:26 PM IST

सुरक्षाबलों द्वारा चलाऐ जा रहे सिविक एक्सन प्रोग्राम से मिल रही मदद और कारवाई से बढ़ते दबाब में आकर तीन हार्डकोर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया. हार्डकोर नक्सली बालेश्वर कोड़ा (Hardcore Naxalite Baleshwar Koda), अर्जुन कोड़ा और नागेश्वर कोड़ा को आत्मसमर्पण करवाने में तीनों की पत्नियों का बड़ा योगदान रहा. पढ़ें पूरी खबर..

जमुई में तीन इनामी नक्सली ने किया आत्मसमर्पण
जमुई में तीन इनामी नक्सली ने किया आत्मसमर्पण

जमुई:बिहार में नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने के लिए पुलिस और सीआरपीएफ के द्वारा नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार अभियान चलाया जा रहा है. पुलिस द्वारा नक्सल प्रभावित इलाकों में और नक्सलियों के परिवार वालों को जीवन-यापन के लिए सामान देकर मुख्य धारा में आने के लिए प्रेरित किया जाता है. इसी कड़ी में आज जमुई-मुंगेर की सीमा पर रहने वाले तीन हार्ड कोर नक्सलियों ने आत्मसमर्पन कर दिया (Three Prize Naxalites Surrender In Jamui). तीनों नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर पुलिस के अलावा सभी की पत्नियों का बड़ा योगदान रहा.

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नक्सलियों के पुनर्वास के लिए अभियान: जानकारी के मुताबिक मुंगेर सीमा क्षेत्र के चोरमारा जमुनियाटांड़, बरहट और भीमबांध के गांव में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के द्वारा नक्सल प्रभावित इलाकों के गांवो में सिविक एक्सन प्रोग्राम का आयोजन किया जाता था. जिसमें नक्सल प्रभावित ग्रामवासियों को उन्नत और खुशहाल बनाने और जरूरतमंदो को जरूरत का सामान वितरित किया जाता था. इसी क्रम में पुलिस अधीक्षक जमुई ने चोरमारा, गुरमाहा, बिचलाटोला, जमुनियाटांड़, कुमरातरी गांव के अति नक्सल प्रभावित इलाके में रह रहे ग्रामीणों के समस्या के बारे में जानकारी ली और ग्रामीणों द्वारा बताऐ गए समस्याओं को अबिलंब दूर करने का आश्वासन दिया गया था.

जीविकोपार्जन के लिए दिया जा रहा प्रशिक्षण: पुलिस ने चोरमारा गांव के ग्रामीणों की समस्या को देखते हुऐ उनकों आत्मनिर्भर बनाने के लिए 13 अप्रैल 2022 को पांच दुधारू गाय बछड़े के साथ. लोगों को वितरित किया गया. जिसमें एक गाय हार्डकोर नक्सली बालेश्वर कोड़ा की पत्नी को, एक गाय हार्डकोर नक्सली अर्जुन कोड़ा की पत्नी को दिया गया. साथ ही ग्रामीणों को सुअर पालन, मुर्गी पालन और अन्य जीवकोपार्जन का प्रशिक्षण दिया गया था.

तीन नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण: इसी कड़ी में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, जिला पुलिस और सिविल प्रशासन के द्वारा अनेको कल्याणकारी कार्य और केंद्रीय अर्ध्य सैनिक बल (एसएसबी, सीआरपीएफ, कोबरा), एसटीएफ और जिला पुलिस द्वारा संचालित होने वाले लगातार अभियान के दबाव में आकर आज हार्डकोर बड़े इनामी नक्सली भाकपा माओवादी कमांडर बालेश्वर कोड़ा, अर्जुन कोड़ा और नागेश्वर कोड़ा ने पुलिस महानिरीक्षक केरिपुबल बिहार सेक्टर पटना, विमल कुमार विष्ट, उपमहानिरीक्षक संजय कुमार मुज., उपमहानिरीक्षक मुंगेर, पुलिस अधीक्षक जमुई शौर्य सुमन कमांडेंट 215 ललन कुमार आदि अधिकारी पदाधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. आत्मसमर्पित सभी नक्सलियों का बिहार के समर्पन सह-पुनर्वास नीतियों के तहत पुनर्वासित किया जाऐगा.

"सीआरपीएफ के नेतृत्व में हम तीनों मुख्य धारा में जुड़ गए हैं. हमलोग चाहते हैं की समाज में ही मिलकर रहें. सीआरपीएफ के संजीव भाई के कहने पर हमलोग मुख्य धारा में जुड़ रहे हैं."-बालेश्वर कोड़ा, मुख्यधारा में लौटे नक्सली

"हमलोगों बात मानकर जुड़ गए हैं. पर हमलोगों पर जो केस है उसमें रिहाई भी होना चाहिए. ऐसा नहीं की चढ़ा दीजिए सुली पर और फांसी पर चले जाएं, ऐसा नहीं होना चाहिए. हमसब को मुख्य धारा में जोड़ लिया गया है, तो हमलोगों को रिहाई भी चाहिए. हम भी संविधान को मानते हैं. तभी आए, हमलोगों का सभी से हाथ जोड़कर अनुरोध है की हमलोगों को रिहाई जरूर चाहिए."-नागेश्वर कोड़ा, मुख्यधारा में लौटे नक्सली

"तीनों नक्सली जो आत्मसमर्पण किऐ हैं मुख्य धारा में जुड़ रहे हैं. मैं उनका स्वागत करता हूं. सीआरपीएफ का कार्य सराहना के योग्य है. पिछले दिनों एनकाउंटर में दो बड़े नक्सली मारे गए, एक लखीसराय जिले में और दुसरा जमुई जिले में. जमुई में पुलिस और सुरक्षाबलों की संयुक्त दबिश बनी हुई थी. नक्सलियों पर और सिविल एक्सन प्रोग्राम के द्वारा नक्सल प्रभावित पिछड़े इलाकों के ग्रामीण परिवारों को मदद पहुंचाई जा रही थी. नक्सलियों को उनकें परिवार को समझाने में हम सफल रहे की उनका समय खत्म हो गया है या तो समर्पण करें या पुलिस की गोली का शिकार हो. यह बात समझ में आ गई परिणाम सामने है. आगे हमलोगों की कोशिश रहेगा की जमुई, मुंगेर और लखीसराय इलाके के जंगली क्षेत्र को पूरी तरह से " फ्लश आउट " कर दें. उस पर पुलिस का दबदबा बना रहेगा."-डीआईजी

"उम्मीद करता हूं की जैसे आज इन तीन हार्डकोर नक्सलियों ने सरेंडर किया है. उसी तरह इनसे सीख लेकर बाकी बचे नक्सली अपनी गलतफहमियां दूर करेंगे और मुख्य धारा में जुड़ जाऐंगे. हमने नक्सल विरोधी गतिविधियों में परिवर्तन किया है. नक्सलियों के मांद में हमलोगों ने अपना केम्प स्थापित कर दिया है. नक्सलियों के आत्मसमर्पण में उनके परिवार वालों का बहुत बड़ा योगदान रहा है. भीमबांध इलाके को इस साल दिसंबर तक नक्सल मुक्त कर देना है. या तो नक्सली मुख्य धारा में वापसी कर ले या इन्हें पुलिस के हाथों भारी नुकसान उठाना पड़ेगा"-कमांडेट

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