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Jitan Ram Manjhi: 'गरीब और अमीर, दुनिया में सिर्फ दो जाति.. हम गरीबों की बेहतरी के लिए करते हैं काम'

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 26, 2023, 8:01 PM IST

जीतनराम मांझी
जीतनराम मांझी

पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने दावा किया है कि उनकी पार्टी लगातार गरीबों के हित में आवाज उठाती है. उन्होंने कहा कि बिहार में उनकी सरकार थी, तब उन्होंने गरीबों के कल्याण और विकास के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए थे. मांझी ने कहा कि आने वाले समय में भी उनकी कोशिश होगी कि समाज के पिछड़े और गरीब तबके के लोगों की भलाई के लिए काम हो.

पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी

जमुई:बिहार के जुमई में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा की ओर से गरीब जागरुक रैली का आयोजन किया गया. जिसमें पार्टी के संरक्षक और पूर्व सीएम जीतनराम मांझी, राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन समेत तमाम बड़े नेता शामिल हुए. इस दौरान मांझी ने कहा कि अमीरी और गरीबी दुनिया में दो ही तरह की जाति और धर्म है. ऐसे में उनकी कोशिश हमेशा गरीबों के लिए काम करने की होती है.

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"हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा की प्रस्तावना है कि दुनिया में दो ही जाति और दो ही धर्म है. वो है गरीब और अमीर. इसीलिए हमलोगों ने गरीबों के लिए ही अपने 9 महीने के कार्यकाल में काम किया. जो काम नहीं हो सका, उस काम को कैसे आगे बढ़ाना है इसके लिए ही हमलोग आगे बढ़ रहे हैं. सभी जगहों पर गरीब जागरुक रैली कर रहे हैं"-जीतनराम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार

गरीब जागरुक रैली में हम संरक्षक की हुंकार: श्रीकृष्ण सिंह मेमोरियल स्टेडियम मैदान में आयोजित गरीब जगाओ आमसभा को संबोधित करते हुए जीतनराम मांझी ने कहा कि उन्होंने अपने 9 महीने के मुख्यमंत्रित्व काल में गरीबों के लिए बहुत कुछ किया था. कई योजनाओं की शुरुआत की, जो गरीबी उत्थान में मददगार साबित हुई.

नीतीश पर भड़के मांझी:जीतनराम मांझी ने कहा कि जो काम बाकी रह गया, उनकी कोशिश उनको पूरा करने का है. इसी दिशा में वह आगे बढ़ रहे हैं. पूर्व सीएम ने यह भी कहा कि नौ माह के मुख्यमंत्रित्व काल में महिलाओं को सशक्त करने के लिए भी उन्होंने कई प्रस्ताव पास किया था लेकिन उसको नीतीश कुमार ने इम्प्लीमेंट होने नहीं दिया.

पत्रकारों के लिए क्या बोले पूर्व सीएम?: हम संरक्षक ने कहा कि गरीब वर्ग में पत्रकार भी आते हैं. आज उनलोगों को क्या मिलता है, मुझे नहीं मालूम लेकिन मुझे पहले बताया जाता था कि एक समाचार के लिए पत्रकार को 20 रुपये मिलते थे और समाचार छपे इसके लिऐ पत्रकारों को कितनी मशक्कत करनी पड़ती थी लेकिन अब समय बदल रहा है.

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