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जल जीवन हरियाली अभियान बना वरदान- सौर ऊर्जा और ह्रदय योजना से बदहाल पड़ा तालाब बना निर्मल

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Published : Jan 5, 2021, 3:50 PM IST

जल जीवन हरियाली अभियान बिहार में बदहाल तालाबों के लिए वरदान साबित हो रहा है. गया शहर के चांदचौरा के पास स्थित रामसागर सरोवर 2018 तक बदहाल स्थिति में था. ह्रदय योजना और जल जीवन हरियाली योजना के तहत इसका सौंदर्यीकरण किया गया. साथ ही पानी को स्वच्छ भी बनाया जा रहा है. इन दोनों योजनाओं से दुर्गंध देने वाला सरोवर, लोगों के लिए सैर सपाटा की जगह बन गया है.

jal jeevan hariyali yojna in gaya
jal jeevan hariyali yojna in gaya

गया: यहां पर रामसागर सरोवर के अलावे प्रेतशिला, रमशीला, रुक्मणि और वैतरणी सरोवर में जल जीवन हरियाली के तहत वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के तहत तैयारी की जा रही है. बता दें कि जल जीवन हरियाली अभियान, बदहाल स्थिति वाले तालाबों के लिए जीवनदायिनी योजना जैसी है. चांदचौरा के पास स्थित राम सागर सरोवर 2018 तक बदहाल स्थिति में था. ह्रदय योजना के तहत इसका सौंदर्यीकरण और जल जीवन हरियाली योजना के तहत जल का शुद्धिकरण किया गया. बिहार में पहली बार पीएचईडी ने पहल करते हुए सौर ऊर्जा के जरिये पानी शुद्धिकरण का काम शुरू किया था. अब कीचड़नुमा तालाब स्वच्छ सरोवर में तब्दील हो चुका है.

सौर ऊर्जा से स्वच्छ हुआ राम सागर सरोवर

सौर ऊर्जा से स्वच्छ हुआ राम सागर सरोवर
रामसागर सरोवर की धर्मिक महत्ता तो है ही साथ ही शहर के लिए यह जीवनदायिनी देने जैसा सरोवर है. इस सरोवर का पानी दूषित होने के कारण आसपास का पानी गंदा हो गया था. साथ ही भूमिगत जलस्त्रोत भी काफी नीचे तक चला गया था. अब इन दो सालों में काफी हद तक चापाकलों से गन्दा पानी आना बंद हो गया है और भूमिगत जलस्रोत भी कम होना बंद हो गया.

जल जीवन हरियाली अभियान बना वरदान

क्या कहना है स्थानीय का
स्थानीय राजीव झा ने बताया कि सरोवर का पानी पहले बहुत गन्दा था. लोग इस सरोवर में नहीं आते थे, लेकिन सरकार की योजनाएं धरातल पर उतरीं तो सरोवर पहले से अच्छा और साफ दिख रहा है. स्थानीय रमेश कुमार ने बताया वर्षों से ये सरोवर कचरा से पटा पड़ा रहता था. सरकार की योजना से तालाब में काम हुआ है. पहले से अच्छा हुआ है लेकिन बेहतर अभी तक नहीं बना है.

सौर ऊर्जा और ह्रदय योजना से तालाब बना निर्मल

'सौर ऊर्जा से सरोवर के पानी को साफ करने के साथ ही रिफिल भी किया जा रहा है. गया शहर के सरोवर पर काम कर रहे थे. सबसे पहले रामसागर सरोवर में काम शुरू किया. इस तालाब में गर्मियों में पानी नहीं रहता था. इस बार सरोवर में पूरे साल पानी रहा है. वहीं भूमिगत जलस्रोत भी बढ़ा है. सौर ऊर्जा पंप सेट से भूमिगत जलस्रोत से सरोवर का रिफिल किया जाता है. वहीं जल संरक्षण हेतु सोख्ता का निर्माण किया गया जिससे पानी रिचार्ज होता है जब चाहिए पानी आ जायेगा.'-विवेक कुमार, कार्यपालक अभियंता, पीएचईडी विभाग

राम सागर सरोवर का है धार्मिक महत्व

राम सागर सरोवर का धार्मिक महत्व
रामसागर सरोवर अपने धार्मिक महत्व के लिए विख्यात है. दूर दूर से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. का बड़ा धार्मिक महत्व है. मान्यता है कि पूरे देश में दो स्थानों पर सूर्यग्रहण से संबंधित मंदिर है. पहला मंदिर कुरुक्षेत्र में है. वहीं दूसरा स्थान रामसागर सरोवर है. जहां सूर्यग्रहण के दौरान स्नान करने का महत्व है. मान्यता यह भी है कि भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जब गया में पिंडदान करने आये थे. तब तीनों ने इस सरोवर में पैर धोया था. तब से इस सरोवर का नाम राम सागर पड़ गया.

देखें ये रिपोर्ट

जल जीवन हरियाली योजना बन रही वरदान
गौरतलब है कि हृदय योजना के तहत राम सागर सरोवर का सौंदर्यीकरण किया गया था. इसमें कुल 35 लाख रुपए की लागत आयी थी. इस सरोवर में चारों ओर घाट का निर्माण, पाथवे का निर्माण, कई हेरिटेज लाइट लगाए गए और जल शुद्धिकरण के लिए चार सौर उर्जा पंप सेट लगाया गया है. प्रेतशिला, रमशीला, रुक्मणि और वैतरणी सरोवर में जल जीवन हरियाली के तहत वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के तहत तैयारी की जा रही है. ताकि इनको भी साफ, स्वच्छ और सुंदर बनाया जा सके.

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