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शिक्षक 3 और रसोइए 9, गया में सरकारी स्कूल का हाल.. 15 दिनों से पठन-पाठन बाधित

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Published : Dec 18, 2022, 9:04 AM IST

गया के गुरुआ में सरकारी विद्यालय (Government School of Gurua in Gaya) की बदहाल स्थिति सरकार को कई सवालों के घेरे में खड़ा करती है. यहां सरकारी विद्यालय पिछले 15 दिनों से बंद है, लेकिन विभागीय लोगों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है. जिससे नौनिहालों का भविष्य अंधकार की ओर जा रहा है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

गया में सरकारी विद्यालय की स्थिति
गया में सरकारी विद्यालय की स्थिति

गया के गुरुआ में सरकारी विद्यालय का हाल

गया: बिहार के गया में सरकारी शिक्षा नीति (Government Education Policy in Gaya) किस कदर बेहाल है, इसका उदाहरण गया के गुरुआ में स्थित सरकारी विद्यालय में देखा जा सकता है. जहां प्राथमिक विद्यालय बारा दो हफ्ते से बंद (Primary School Bara in Gaya closed for two weeks) लेकिन विभागीय लोगों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है. जिससे नौनिहालों का भविष्य अंधकार की ओर जा रहा है. विद्यालय की स्थिति बता रही है कि यहां पढ़ाई से ज्यादा खाना बनाने वालों की बहाली हुई है. यहां सिर्फ 3 शिक्षक पदस्थापित हैं. वहीं 6 रसोइए पहले से थे, जिसके बाद और 3 को बहाल किया गया.

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गया में प्राथमिक विद्यालय बारा दो हफ्ते से बंद:मामला गया स्थित प्राथमिक विद्यालय बारा (Primary School Bara in Gaya) का है. गुरुआ प्रखंड अंतर्गत यह प्राथमिक विद्यालय पिछले 15 दिनों से लगातार बंद है. विद्यालय के बंद रहने के बावजूद एक भी अधिकारी यहां नहीं पहुंचे और उनके द्वरा विद्यालय खुलवाने की कोई ठोस पहल भी नहीं की गई. एक दिन प्रभार में रहे बीईओ पहुंचे भी तो पल्ला झाड़ कर निकल गए. नतीजतन बच्चे विद्यालय तो रोज आते हैं, लेकिन विद्यालय में ताला लटका देख निराश होकर लौटने को विवश हो जाते हैं. अब विद्यालय में 6 पुराने रसोइया डेरा जमाए हुए हैं, साथ ही 3 नए रसोइया भी आ रहे हैं. इस तरह विद्यालय में भले ही पढ़ाने वाले शिक्षकों की संख्या कम हो, लेकिन रसोइयों का आंकड़ा काफी बड़ा है.


जानें क्या है मामला: एक सरकारी विद्यालय में कम से कम तीन रसोइए रखे जाते हैं, लेकिन यहां पहले से ही 6 बहाल थे. इस बीच जब मामला अटका तो 3 का वेतन रोक दिया गया और 3 का शुरू कर दिया गया. ऐसे में विवाद शुरू हुआ और आपसी सुलह से 3 का ही वेतन 6 रसोइयों में बंटना शुरू हो गया. कुछ दिनों तक तो ठीक चला, लेकिन फिर विवाद हुआ तो सभी रसोईया का वेतन बंद कर दिया गया. पिछले कई सालों से सभी छह रसोइयों का वेतन बंद है. यहां मध्याहन भोजन नहीं बन पा रहा था. इस बीच मध्याहन भोजन को शुरू कराने को लेकर अधिकारियों की नींद खुली तो पहले से रहे सभी 6 रसोइयों को हटाने का नोटिस जारी कर दिया और इसके बीच तीन और रसोइयों की बहाली कर दी गई.

रसोइयों ने दिया धरना: इसकी जानकारी होते ही सभी 6 रसोईयों में आक्रोश व्याप्त हो गया और उन्होंने विद्यालय में धरना दे रखा है और ताला नहीं खुुलने दे रहे हैं. उनका कहना है कि आखिर उनकी गलती क्या है, कि उन्हें हटाने का नोटिफिकेशन जारी किया गया. हमारे कई सालों के बकाए रुपए का भुगतान किया जाए और नौकरी सुरक्षित रखी जाए और हटाए जाने का कारण बताया जाए तो ही विद्यालय को चलने देंगे. सभी रसोइए स्थानीय हैं. ऐसे में स्थानीय लोग भी इस मामले में नहीं पङना चाह रहे. यही वजह है कि बिना किसी विरोध के उनका यह धरना जारी है और विद्यालय के बंद होने का वजह बन गया है.


बदहाल कार्यशैली ने बनाई बदतर स्थिति:विद्यालय को बंद किए जाने की स्थिति के बीच अब तक शिक्षा विभाग के पदाधिकारी विद्यालय खुलवाने की कोई पहल नहीं कर रहे हैं, हालांकि उनके द्वारा खानापूर्ति जरूर की जा रही है. स्थिति तो यह है कि यहां स्थाई बीईओ की भी तैनाती नहीं है. जानकारी के अनुसार डोभी के बीईओ को गुरुआ प्रखंड का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. ऐसे में डोभी प्रखंड में शिक्षा के काम के भार से दबे बीईओ को गुरुआ प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय बारा में जाने की फुर्सत नहीं मिल रही है. एक पखवारे में इतनी बड़ी समस्या को लेकर भी वह सिर्फ एक बार वहां गए और फिर चले आए.

पुराने रसोइयों को हटाना गलत:ग्रामीण भी रसोइयों के समर्थन में हैं. ग्रामीण राजू कुमार सिंह बताते हैं कि बिना कारण के विद्यालय के सभी रसोइयों को हटाने का नोटिस जारी किया गया है, जो कि गलत है. यह रसोइए पिछले कई सालों से लगातार काम कर रहे हैं और उनका वेतन भी बकाया है. फिर भी सभी को हटाने का नोटिस जारी करते हुए 3 नए रसोइयों की बहाली कर दी गई है. हम मांग करते हैं कि रसोइयों के बकाए वेतन का भुगतान करते हुए उनकी बहाली को पूर्ववत रखा जाए. जिला पदाधिकारी से भी मांग करते हैं कि वे इस मामले को देखें नहीं तो गांव के बच्चों का भविष्य अधर में लटक जाएगा.


"बिना कारण के विद्यालय के सभी रसोइयों को हटाने का नोटिस जारी किया गया है, जो कि गलत है. यह रसोइए पिछले कई सालों से लगातार काम कर रहे हैं और उनका वेतन भी बकाया है. फिर भी सभी को हटाने का नोटिस जारी करते हुए 3 नए रसोइयों की बहाली कर दी गई है. हम मांग करते हैं कि रसोइयों के बकाए वेतन का भुगतान करते हुए उनकी बहाली को पूर्ववत रखा जाए."-राजू कुमार सिंह, ग्रामीण

मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश: इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी राजदेव राम का कहना है, कि इस तरह का मामला संज्ञान में आया है. पिछले कई दिनों से विद्यालय बंद है. इस मामले को गंभीरता से लिया गया है. बताया जा रहा है कि रसोइयों के कारण विद्यालय बंद है, जिनके खिलाफ गुरुआ थाना में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए बीईओ को निर्देशित किया गया है. कहा गया है कि सरकारी काम में बाधा की प्राथमिकी दर्ज कराई जाए. बता दें कि प्राथमिक विद्यालय बारा में 6 रसोइए की बहाली थी, जिन्हें अब हटा दिया गया है और नए की बहाली की गई है.

"इस तरह का मामला संज्ञान में आया है. पिछले कई दिनों से विद्यालय बंद है. इस मामले को गंभीरता से लिया गया है. बताया जा रहा है कि रसोइयों के कारण विद्यालय बंद है, जिनके खिलाफ गुरुआ थाना में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए बीईओ को निर्देशित किया गया है."- राजदेव राम, जिला शिक्षा पदाधिकारी, गया

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