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International Yoga Day: 8 साल की उम्र में योग के 200 आसन करता है रुद्र, आयुष मंत्रालय भी कर चुका है वीडियो पोस्ट

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Published : Jun 21, 2021, 3:02 AM IST

Updated : Jun 21, 2021, 8:30 AM IST

रुद्र प्रताप सिंह

ज्ञान की धरती बोधगया के 8 वर्षीय रुद्र का प्रताप जिले से निकलकर पहले राज्य स्तर और अब राष्ट्रीय स्तर तक फैल चुका है. योग के 200 से अधिक आसन कर वह बड़ों-बड़ों को अचंभित कर देता है. उसने नेशनल स्तर के कई मेडल भी जीते हैं.

गया:छोटी सी उम्र में योग (Yoga)के हैरतअंगेज करतब दिखाने वाले रुद्र प्रताप सिंह (Rudra Pratap Singh) की ख्याति 'ज्ञान की धरती' से निकलकर राष्ट्रीय फलक तक पहुंच गई है. महज 8 साल के रुद्र को योग के 200 से अधिक आसनों में महारत हासिल है. उसने कई राष्ट्रीय मेडल भी जीते हैं.

रुद्र प्रताप सिंह की उम्र तो वैसे महज आठ वर्ष है, लेकिन अपनी मेहनत और जुनून की बदौलत वह बड़े-बड़ों को पस्त करने की क्षमता रखता है. योग के सबसे मुश्किल आसन को यूं ही चुटकियों में आसान कर देता है.

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पिता की निगरानी में निखरी प्रतिभा
खास बात ये भी है कि रुद्र को कोई प्रोफेशनल तरीके से कोचिंग नहीं मिलती है. उसके पिता ही उसे योग सिखाते हैं. रुद्र ने बताया कि मेरे पहले गुरु पुरुषोत्तम कुमार हैं, लेकिन स्केटिंग खेल की वजह से टाइम नहीं मिला तो मेरे पापा ही मेरे कोच बन गए.

नेशनल स्तर की प्रतियोगिता में पुरस्कार
रुद्र के मुताबिक मैं जब स्केटिंग खेलने नेशनल स्तर की प्रतियोगिता में गया था तो जल्दी थक जाता था. तब पापा ने योगा सीखाना शुरू किया. इसका नतीजा सामने है. वह न केवल राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगित में शामिल हो चुका है, बल्कि कई पुरस्कार भी जीते हैं.

तीनों प्रकार के योग में निपुण
योग के तीन प्रकार होते हैं, विग्नर योगा, एडवांस योगा, काउंटर योगा. रुद्र इन तीनों तरह के आसनों को आसानी से कर लेता है. साथ ही तीनों योग के 200 से अधिक आसन में भी पारंगत हो चुका है.

रुद्र के योग की झलकियां

ओलंपिक में गोल्ड मेडलजीतना है लक्ष्य
8 साल का रुद्र वैसे तो तमाम तरह की प्रतियोगिता में शिरकत करता है और पुरस्कार भी जीतता है. मगर वह कहता है कि मेरा एकमात्र सपना है देश के लिए ओलंपिक खेलना और गोल्ड मेडल जीतना.

'बेहद पसंद हैं बाबा रामदेव'
8 साल के रुद्र को योग गुरु बाबा रामदेव बेहद पसंद हैं. वह कहता है कि बाबा का योग के प्रति लगाव और सीखाने का तरीका उसे बहुत अच्छा लगता है. बाबा जिस तरीके से हंसी-मजाक करते हुए योग सिखाते हैं, उससे मुश्किल योग भी आसान लगने लगता है.

छोटी उम्र से तैयारी शुरू
वहीं, रुद्र के पिता राकेश कुमार बताते हैं कि रुद्र जब पांच साल का था, तब से स्केटिंग कर रहा है. पिछले दो साल से वह योगा कर रहा है. मैं रुद्र के पिता के साथ-साथ एक कोच भी हूं. लॉकडाउन के दौरान मुझे इसे प्रशिक्षण देने का पूरा मौका मिला है.

सुबह-शाम दो घंटे की प्रैक्टिस
राकेश कुमार कहते हैं कि रुद्र हर दिन सुबह-शाम दो घंटे प्रैक्टिस करता है. इसकी मां और मैं इसके खानपान से लेकर दर्द तक का ख्याल रखते हैं. आपको बता दें कि रुद्र के पिता एक निजी स्कूल में आर्ट टीचर हैं.

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सरकार से सहायता की उम्मीद
राकेश कुमार के मुताबिक उनकी तरफ से रुद्र को योग और स्केटिंग में नेशनल स्तर तक ले जाने की हर मुमकिन कोशिश हो रही है. लेकिन अगर सरकार की ओर से कोई संसाधन विकसित कर दिया जए और रुद्र को सरकारी मदद मिल जाए तो वह एक दिन जरूर भारत का नाम रोशन करेगा. ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने का उसका सपना भी पूरा हो सकेगा.

Last Updated :Jun 21, 2021, 8:30 AM IST

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