बिहार

bihar

खंडहर बन चुका है मोतीहारी का APHC, दरवाजे और खिड़कियां गायब, चिकित्सक भी नहीं आते

By

Published : Jun 16, 2021, 10:47 PM IST

मोतीहारी में कोटवा प्रखंड के मच्छरगावां पंचायत के APHC का अपना भवन नहीं है. भवन के दरवाजे और खिड़कियां भी गायब हैं. पढें पूरी खबर...

condition of motihari APHC
condition of motihari APHC

मोतिहारी: पूर्वी चंपारण (East Champaran) जिला प्रशासन कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के संभावित तीसरी लहर की तैयारियों का दावा कर रही है. राज्य सरकार सभी अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (APHC) को क्रियाशील करने का दंभ भर रही है. लेकिन जिले के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का हाल सरकार और जिला प्रशासन को आईना दिखाने के लिए काफी है.

ये भी पढ़ें:कार नहीं नाव है यहां स्टेटस सिंबल, इसी पर पिता के घर से विदा होती है बेटी

एपीएचसी का नहीं है अपना भवन
जिले के कई एपीएचसी का अपना भवन नहीं है. अगर भवन है, तो वह खटाल बना हुआ है या जर्जर है. कोटवा प्रखंड के मच्छरगावां पंचायत स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का हाल देखकर सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिला प्रशासन के दावे और जमीनी हकीकत में कितना अंतर है.

जर्जर स्थिति में एपीएचसी

दरवाजे और खिड़कियां गायब
मच्छरगांवा एपीएचसी झाड़ियों और जंगलों के बीच एक परित्यक्त भवन में चलता है. जो भवन पशु चिकित्सालय का है. भवन के दरवाजे और खिड़कियां गायब हैं. कमरे के अंदर एक टेबल और अलमारी के अलावा ग्रामीणों के रखे हुए उनके कुछ सामान हैं. सड़क के किनारे लगा हुआ बोर्ड इसके एपीएचसी होने का अहसास कराता है.

ये भी पढ़ें:मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार: 4 साल के बच्चे में AES की पुष्टि, आंकड़ा बढ़कर हुआ 31

एपीएचसी में एक नर्स पदस्थापित है. जो ड्यूटी में आने पर पंचायत में घूम कर लौट जाती है. ग्रामीण बताते हैं कि लगभग 10 वर्षों से इसी खंडहर में एपीएचसी है. जहां आज तक एक भी डॉक्टर नहीं आए.

देखें रिपोर्ट
"चिकित्सकों का काउंसिलिंग हुआ है. लेकिन अधिकांश डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी कोविड वैक्सीनेशन के ड्यूटी में लगे हुए हैं. जल्द ही सभी एपीएचसी को क्रियाशील किया जाएगा"- अखिलेश्वर प्रसाद सिंह, सिविल सर्जन

ये भी पढ़ें:बेगूसराय में अफवाह बना जी का जंजाल, वैक्सीनेशन के लिए डीएम ने किया डोर टू डोर विजिट

जिले में 70 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
जिले में कुल 70 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं. लेकिन कितने एपीएचसी क्रियाशील हैं, यह बता पाने में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी असमर्थ हैं. लेकिन मच्छरगावां एपीएचसी की स्थिति देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि अन्य स्वास्थ्य केंद्रों का क्या हाल होगा. वैसे भी सिविल सर्जन की बात मान ली जाए, तो मच्छरगावां एपीएचसी के भौतिक स्थिति से अंजान सिविल सर्जन के दावों पर संदेह होना लाजिमी है.

ये भी पढ़ें:Video: बगहा में बारिश से भारी तबाही, देखिए उफनती नदी की धार में कैसे बहने लगा बोलेरो

ABOUT THE AUTHOR

...view details