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'रोटी एक है और खाने वाले लोग 10, तो 9 लोगों को भूखा ही रहना पड़ेगा'- प्रशांत किशोर

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 7, 2023, 6:37 PM IST

Jan Suraj Yatra in Darbhanga प्रशांत किशोर गुरुवार को हायाघाट प्रखंड के अनार कोठी में प्रेस कांफ्रेंस कर नीतीश सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बिहार में चपरासी से लेकर मुख्य सचिव तक कुल 1.57 फीसदी आबादी ही सरकारी नौकरी में है. जब एक ही रोटी है और खाने वाले 10 लोग हैं, तो 9 लोगों को तो भूखा ही रहना पड़ेगा. पढ़ें, विस्तार से.

प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज.

दरभंगाः जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर गुरुवार को पदयात्रा के क्रम में हायाघाट प्रखंड के अनार कोठी पहुंचे. यहां उन्होंने प्रेसवार्ता कर नीतीश सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यहां की सड़क, शिक्षा के साथ ही सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी और पलायन है. सरकार को सरकारी नौकरी और उससे जुड़ा आरक्षण ही दिखता है. जबकि बिहार में चपरासी से लेकर मुख्य सचिव तक कुल 1.57 फीसदी आबादी ही सरकारी नौकरी में है.

"98.5 फीसदी आदमी सरकारी नौकरी में है ही नहीं, लेकिन 1.5 फीसदी में जगह पाने के लिए लड़के तैयारी कर रहे हैं. जातियां संघर्ष कर रही हैं. पैसे वाले पैसा देकर उसमें घुसना चाहते हैं. जब एक ही रोटी है और खाने वाले 10 लोग हैं, तो 9 लोगों को भूखा ही रहना पड़ेगा."- प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज

प्रशांत किशोर

पलायन नहीं रुक सकता हैः प्रशांत किशोर ने कहा कि अशोक पेपर मील चालू हो जाए तो दरभंगा में सभी को रोजगार मिल जाएगा ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा कि 5 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा, लेकिन दरभंगा में तो लाखों लोग बेरोजगार हैं. बिहार से पलायन कर 2 करोड़ लोग बाहर गए हैं. अगर 1 लाख लोगों को सरकार ने नौकरी दे भी दी, तो भी 1 करोड़ 99 लाख लोग बेरोजगार हैं. जब तक यहां लोगों की पढ़ाई, स्वरोजगार की व्यवस्था नहीं होगी तबतक किसी भी हालत में बिहार में बेरोजगारी खत्म नहीं हो सकती है. पलायन नहीं रुक सकता है.

हायाघाट की सबसे बड़ी समस्याः प्रशांत किशोर ने कहा कि हायाघाट की सबसे बड़ी समस्या यहां की सड़कें, शिक्षा के साथ ही सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी और पलायन है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर लोगों को लगता है कि पलायन गरीबों से जुड़ा मामला है या फैक्ट्री बंद होने का मामला है. लेकिन, ऐसा नहीं है. गरीब आदमी का बच्चा मजदूरी करने के लिए बाहर जा ही रहा है, सच्चाई ये है कि बिहार में समृद्ध परिवार के लोगों के बच्चों को भी नौकरी के लिए पलायन करना पड़ रहा है. ऐसा इसलिए है क्योंकि सरकार की प्राथमिकता में शिक्षा व रोजगार है ही नहीं.

प्रशांत किशोर

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