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बेगूसराय: शिक्षक दिवस पर शिक्षक 'बदला लो, बदल डालो' का लेंगे संकल्प

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Published : Sep 2, 2020, 2:23 PM IST

टीईटी और एसटीईटी शिक्षकों ने शहर के स्वर्ण जयंती पुस्तकालय स्थित गांधी प्रतिमा के सामने प्रतिरोध मार्च का आयोजन किया. वहीं शिक्षक ने अपनी बातों को रखते हुए, शिक्षक दिवस के मौके पर 'बदला लो बदल डालो' का संकल्प लेंगे.

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बेगूसराय:जिले में मंगलवार को टीईटी और एसटीईटी शिक्षकों ने शहर के स्वर्ण जयंती पुस्तकालय स्थित गांधी प्रतिमा के सामने अपने विभिन्न मांगों को लेकर प्रतिरोध मार्च का आयोजन किया. इस दौरान शिक्षकों ने बिहार सरकार द्वारा मनमाने ढंग से हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना का आरोप लगाय. शिक्षकों ने शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात को रखा और कहा कि शिक्षक दिवस के मौके पर 'बदला लो बदल डालो' का संकल्प लेंगे.

राज्य सरकार ने किया न्यायालय का अवमानना- शिक्षक
बिहार सरकार द्वारा नियोजित शिक्षकों के लिए जारी सेवा शर्त के खिलाफ शिक्षक लगातार नाराजगी जाहिर करते हुए, मंगलवार की टीईटी और एसटीईटी शिक्षकों ने गांधी जी के मूर्ति के समक्ष प्रतिरोध मार्च किया. इनका कहना है कि समान काम समान वेतन के मसले पर पिछले साल आए न्यायालय के आदेश में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट तौर पर टीईटी और एसटीईटी उत्तीर्ण शिक्षकों को बेहतर वेतनमान देने का सुझाव दिया था. लेकिन राज्य सरकार ने मनमाने ढंग से न्यायालय के आदेश को दरकिनार करने का काम किया है. इतना ही नहीं पटना उच्य न्यायलय ने भी राज्य कर्मी के दर्जे पर सरकार को निर्णय लेने का आदेश दिया था.

देखें पूरी रिपोर्ट

सेवा शर्त में है कई त्रुटियां
शिक्षकों का कहना है कि वर्तमान सेवा शर्त में केवल त्रुटियां है जिसका शिक्षक विरोध करते है. वहीं इपीएफ के लाभ हेतु न्यायालय के आदेश के विरुद्ध सरकारी अंशदान निर्धारण में मनमाना मापदंड अपनाया गया है. वहीं ग्रेच्युटी के संवैधानिक अधिकार का सेवा शर्त में जिक्र तक नहीं है. उनका यह भी कहना है कि सरकार की नियोजित नीतियों के कारण दूरदराज के जिलों में पदस्थापित पुरुष शिक्षकों को अंतर जिला ऐच्छिक स्थानांतरण से वंचित करना शोषण के समान है.

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