बांका जिले के बाराहाट प्रखंड के महुआ गांव के रहने वाले शहीद जवान सोनू कुमार का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव लाया गया. इस दौरान पूरे गांव में मातम का माहौल दिखा, लोग गमगीन नजर आए और शहीद को विदाई देने पहुंचे. बता दें कि असम में सेना के जवानों पर हुए आतंकवादी हमले में बांका के लाल सोनू कुमार (Bankas Son Sonu Kumar Martyr in Terrorist Attack In Assam) सहित पांच जवान शहीद हो गए थे. पढ़ें पूरी खबर..
बांका:असम में सेना के जवानों पर हुए आतंकवादी हमले में शहीद जवान सोनू कुमार (Martyred Jawan Sonu Kumar) का पार्थिव शरीर मंगलवार को उनके पैतृक गांव महुआ लाया गया. शहीद को देखने के लिए हजारों की संख्या में गांव वाले पहुंचे. शव के गांव पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया. जवान के अंतिम दर्शन के लिए आस पास के गांव से ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी. सभी ने अश्रुपूर्ण नेत्रों से शहीद को विदाई दी.
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वहीं, दूसरी ओर शहीद फौजी की मां बबिता देवी, पत्नी कविता देवी, पिता त्रिभुवन यादव समेत अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. यह दृश्य देखकर मौके पर मौजूद अन्य स्थानीय लोग भी फफक-फफक कर रो पड़े. बात दें कि असम में सेना के जवानों पर हुए आतंकवादी हमलेमें बांका जिले के बाराहाट प्रखंड के महुआ गांव निवासी 28 वर्षीय सोनू कुमार सहित 5 जवान शहीद हो गए थे. सोनू के पिता त्रिभुवन यादव सेना से रिटार्यड हैं और मां बबिता देवी शिक्षिका हैं. रिटार्यड होने के बाद से सोनू के पिता भागलपुर में घर बनाकर रह रहे हैं.
वहीं, सोनू की पत्नी कविता देवी बिहार पुलिस में कार्यरत हैं. वह इन दिनों सुपौल जिले में तैनात है. 2018 में भागलपुर जीरोमाइल निवासी कविता से सोनू की शादी हुई थी. उनका एक ढाई साल का पुत्र विभांशु कुमार है. परिवार के अन्य लोगों के साथ सोनू के पिता इन दिनों भागलपुर में रहते हैं. घटना की जानकारी मिलते ही भागलपुर और पैतृक गांव महुआ में लोगों की भीड़ जमा हो गई थी. सूचना मिलते ही भागलपुर और बांका में परिवार में कोहराम मच गया. स्थानीय लोगों के अनुसार, शहीद जवान सोनू काफी मिलनसार थे.
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