बिहार

bihar

Bihar Caste Survey Report : 'उन्माद फैलाने के लिए बिहार में जातीय गणना, नीतीश ने किया बांटने का काम'-BJP

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 3, 2023, 3:51 PM IST

बिहार में जातीय गणना को लेकर बीजेपी सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने नीतीश पर बांटने की राजनीति करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि बिहार में उन्माद फैलाने के लिए जातीय गणना कराई गई है.

अररिया से बीजेपी सांसद प्रदीप कुमार सिंह
अररिया से बीजेपी सांसद प्रदीप कुमार सिंह

प्रदीप कुमार सिंह, बीजेपी सांसद, अररिया

अररिया : बिहार के अररिया से बीजेपी सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने बिहार में जातीय गणना सिर्फ बिहार में उन्माद फैलाने के लिए कराई है. बिहार के विकास से नीतीश का कोई लेना देना नहीं. वोट बैंक की खातिर उन्होंने जातीय जनगणना कराई है. अगर उन्हें बिहार का ख्याल होता तो वो आर्थिक जनगणना कराते ताकि बिहार के गरीब लोगों को मुख्य धारा में जोड़कर उनके लिए योजनाएं बनाते.

ये भी पढ़ें- Bihar caste census: बिहार सरकार ने जारी की जातीय गणना रिपोर्ट, जानिए किसकी कितनी आबादी

27 बिन्दुओं पर करानी चाहिए थी जाति गणना : बीजेपी विधायक ने जातीय गणना में की खामी की बात करते हुए कहा कि जातीय जनगणना 27 बिंदुओं पर करानी चाहये थी. जिसे नहीं कराया गया. उन्होंने बताया कि इसका विरोध भारत के संविधान के रचयिता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल जैसे नेताओं ने भी उस वक्त किया था. तब उनका कहना था कि सिर्फ एससी-एसटी के लोगों की जनगणना होनी चाहिए. क्योंकि उस वक्त देश में इस जाति के लोगों की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय थी जो आज भी है.

''जिस तरह से नीतीश कुमार को बिहार वासियों ने 18 साल तक मुख्यमंत्री का पदभार दिया है, उसे उतारने में भी समय नहीं लगेगा. क्योंकि जिस तरह से फूट की राजनीति नीतीश कुमार कर रहे हैं. इसका जबाव उन्हें आगामी लोकसभा और विधानसभा में भी बिहार की जनता देगी.''- प्रदीप कुमार सिंह, बीजेपी सांसद, अररिया

'बिहार में रोजगार का क्यों नहीं': इसके साथ ही सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि बिहार के लोगों की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण दूसरे राज्यों में जाकर रोजी-रोटी कमा रहे हैं. क्या इन्हें रोकने के लिए नीतीश कुमार जी के पास कोई प्लान है? अगर होता तो आज बिहार में कई बड़े उद्योग होते जिसमें बिहारी को रोजगार करने का मौका मिलता. लेकिन ऐसा ना कर उन्होंने सिर्फ लोगों को जाति में बांटने का काम किया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details