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लाखों वैकेंसी फिर भी ये है हाल! बेरोजगारी दर 14 फीसदी के पास.. पूछ रहे बिहार के युवा.. कब मिलेगा रोजगार?

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Published : Nov 18, 2021, 6:08 PM IST

बिहार में ताजा आंकड़ों के मुताबिक बेरोजगारी दर ( Unemployment Rate In Bihar ) करीब 14% तक पहुंच चुकी है जो इस वर्ष की शुरुआत में करीब 10.5 प्रतिशत थी. पढ़ें पूरी खबर..

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पटना:बेरोजगारी ( Unemployment In Bihar ) शब्द ने बिहार के लाखों युवाओं के भविष्य पर सवालिया निशान रखा रखा है. बिहार से बाहर जाकर नौकरी की तलाश करने वाले बिहार के महत्वपूर्ण मानव संसाधन को अपने राज्य में ही नौकरी उपलब्ध नहीं है. एक तो उद्योग की कमी, दूसरे सरकारी नौकरियों पर लगी अघोषित रोक ने युवाओं को परेशान कर रखा है.

पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव ( Bihar Assembly Elections 2020 )के दौरान बेरोजगारी के मुद्दे पर ही विपक्ष ने चुनाव लड़ा और नंबर वन पार्टी का दर्जा प्राप्त कर लिया. एक बार फिर राष्ट्रीय जनता दल बेरोजगारी को लेकर बड़ी रैली करने वाला है. राजद नेता यह कह रहे हैं कि बेरोजगारी सबसे बड़ा अभिशाप है, जिससे बिहार का हर युवा प्रभावित है लेकिन सरकार के कान पर जू तक नहीं रेंग रही.

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जिस तरह से केंद्र सरकार ने दो करोड़ प्रतिवर्ष नौकरी और 15 लाख रुपये अकाउंट में भेजने की बात कही थी. ऐसा लगता है कि उसी तरह बीजेपी ने पिछले विधानसभा चुनाव में 19 लाख रोजगार का झूठा वादा करके लोगों को बेवकूफ बनाया. अगर ऐसा है तो यह बिहार की विडंबना है.- आलोक कुमार मेहता, पूर्व मंत्री और राजद के प्रधान महासचिव

आलोक कुमार मेहता ने कहा कि रोजगार नहीं होने की वजह से युवा गलत कार्यों की तरफ जाने को मजबूर होते हैं. इसलिए सरकार को अविलंब युवाओं के लिए रोजगार के अपने वादे को पूरा करना चाहिए.

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इधर, कई वर्षों से बेरोजगार और शिक्षक पद के लिए आवेदन देने के बावजूद अब तक नौकरी से वंचित एनआईओएस डीएलएड संघ के अध्यक्ष पप्पू कुमार ने कहा कि बिहार में सबसे मुश्किल काम नौकरी पाना है. कई सालों के बाद भी कर्मचारी चयन आयोग ग्रुप सी के पदों पर आज तक नियुक्ति नहीं कर पाया. शिक्षकों की नियुक्ति वैसे ही लगातार टल रही है. कई अन्य पदों को लेकर भी यही स्थिति है जबकि लाखों की संख्या में विभिन्न सरकारी विभागों में वैकेंसी है.

'जल्द से जल्द सभी विभागों के वैकेंसी को सार्वजनिक किया जाए और बेरोजगार युवकों को नौकरी देने की व्यवस्था की जाए.'- पप्पू कुमार, अध्यक्ष, एनआइओएस डीएलएड संघ

इधर बिहार सरकार के मंत्री आलोक कुमार झा कहते हैं कि कोरोना वायरस से सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में आर्थिक संकट पैदा हुआ, लोग बेरोजगार हुए हैं. उन्होंने कहा कि इस दौरान भी प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मनिर्भर भारत के तहत युवाओं के लिए बड़ा मौका दिया.

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'वैश्विक संकट के बावजूद आत्मनिर्भर बिहार के तहत कई विभागों में वैकेंसी जारी की गई है और आगे भी अलग-अलग विभागों की वैकेंसी जारी की जाएगी, जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके.' - आलोक रंजन झा, मंत्री, कला संस्कृति एवं युवा विभाग

गौरतलब है कि बिहार में अक्टूबर में बेरोजगारी दर 13.9% रही. राज्य में जनवरी महीने में बेरोजगारी दर 10.5% थी. अप्रैल में 11.5% जबकि मई में ये 13.8% थी.
इस मामले में ओडिशा सबसे बेहतर स्थिति में है. ओडिशा में बेरोजगारी दर 1.1% के साथ सबसे कम है.

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