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कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से बचना है तो.. वैक्सीन ही है एक मात्र उपाय, पढ़िए.. क्या कहते हैं डॉक्टर ?

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Published : Jun 21, 2021, 9:39 PM IST

कोरोना संक्रमण (Corona Infection) की तीसरी लहर की संभावनाओं के बीच कोरोना वायरस के डेल्टा और डेल्टा प्लस स्ट्रेन ने सबकी चिंताएं बढ़ा दी हैं. इसी को लेकर हमने पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. दिवाकर तेजस्वी से बात की है.

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वैक्सीन ही है एक मात्र उपाय

पटनाःकोरोना संक्रमण (Corona Infection) के दूसरे लहर के कमजोर होने के बाद अब देश में तीसरी लहर (Third wave of Covid) की आशंका जताई जा रही हैं. इस बीच सामने आया कोरोना का म्यूटेशन लोगों के लिए चिंता का सबब बन गया है.

कोरोना वायरस (Corona Virus) के फर्स्ट वेव के बाद सेकंड वेव में वायरस का म्यूटेशन देखने को मिला था. अब वायरस का एक नया म्यूटेंट सामने आया है. इस नए म्यूटेंट का नाम डेल्टा वैरिएंट और डेल्टा प्लस वैरिएंट (Delta and Delta Plus Mutant of Corona Virus) हैं.

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दुनिया भर के विशेषज्ञ इस नए डेल्टा वैरिएंट को कोरोना वायरस के नॉर्मल वैरिएंट से 50 से 60 गुना अधिक संक्रामक बता रहे हैं. ऐसे में इस नए वैरिएंट को लेकर ईटीवी भारत ने पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. दिवाकर तेजस्वी से बात कर यह जानने का प्रयास किया है कि इससे बचाव किस तरह से संभव हैं.

डॉ दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि डेल्टा वैरिएंट जितना खतरनाक प्रतीत हो रहा है, इसको देखते हुए विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है.

वरिष्ठ चिकित्सक डॉ दिवाकर तेजस्वी

वुहान वैरिएंट से 50 से 60 गुना अधिक संक्रामक
डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि डबल म्युटेंट वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट जब भारत में मिला था, तब लैब कंडीशन में इसके संक्रामकता की जांच की गई थी. इसमें यह पता चला कि यह वायरस के वुहान वैरिएंट से 50 से 60 गुना अधिक संक्रामक है. उन्होंने बताया कि अब डबल म्यूटेंट के ऊपर भी म्यूटेशन देखने को मिले हैं.

इंदौर में डेल्टा प्लस वैरिएंट का एक नया स्ट्रेन सामने आया है. इसकी संक्रामकता और अधिक है. यह स्ट्रेन इंदौर के अलावा देश के कई हिस्सों में भी मिला है. ऐसे में देश में सभी को सचेत हो जाने की आवश्यकता है. डॉ. तेजस्वी बताते हैं कि ब्रिटेन में अभी के समय जो मामले सामने आ रहे हैं वे डेल्टा वैरिएंट के हैं. वहीं, यूएसए ने भी डेल्टा वैरिएंट को लेकर कंसर्न जाहिर किया है.

डेल्टा वैरिएंट हैं 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न'
डॉ दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि यूएसए में सीडीसी अटलांटा ने डेल्टा वैरिएंट को 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' (Variant of Concern) बताया है. उन्होंने कहा कि वायरस के तीसरे वेव में डेल्टा वैरिएंट का अटैक होने का खतरा मंडरा रहा है. इस वैरिएंट की संक्रामकता अधिक है. इसलिए सभी को सावधान रहने की जरूरत है.

डॉ दिवाकर ने कहा कि सभी को कोविड-19 के प्रोटोकॉल को गंभीरता से पालन करने की जरूरत हैं. 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को वैक्सीनेशन (Vaccination) करा लेना चाहिए.

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वैक्सीन लगवाना जरूरी
उन्होंने कहा कि मॉडर्ना (Moderna), फाइजर (Pfizer), एस्ट्रेजनेका (Astrazeneca), भारत बायोटेक (Bharat BioTec Covaxin) आदि कंपनियों के जो वैक्सीन हैं, वह नॉर्मल कोरोना वायरस पर कारगर हैं लेकिन डेल्टा स्ट्रेन पर इनका असर थोड़ा कम हो जाता है. यानि कि नॉर्मल कोरोना वायरस पर वैक्सीन 90 से 95 फीसदी कारगर है तो डेल्टा स्ट्रेन पर वैक्सीन 75 से 80 फीसदी कारगर रहता है.

इसका मतलब ये नहीं है कि वैक्सीन कारगर नहीं है. वे कहते हैं कि वैक्सीन कारगर है. वैक्सीन से संक्रमण के दौरान गंभीरता का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है. इसलिए वैक्सीनेशन अभियान में सभी का हिस्सा लेना बहुत जरूरी है.

1214 सैंपलों में मिला कोरोना का घातक वैरिएंट
बताते चलें कि चीन के वुहान शहर से फैला कोरोना का वायरस अब म्यूटेशन (Corona Virus Mutation) के साथ और घातक होता जा रहा है. भारत में फिलहाल कोरोना के अब तक जितने भी म्युटेंट वायरस के स्ट्रैन जिनोम सीक्वेंसिंग जांच में पाए गए हैं, उनमें सबसे ज्यादा घातक कोरोना का डेल्टा स्ट्रैन भारत में पाया गया है.

हाल ही में इंदौर से दिल्ली भेजे गए कुल 10268 सैंपल की रिपोर्ट में पता चला है कि कुल सैंपल में से 1214 सैंपल में कोरोना का घातक डेल्टा वैरिएंट B1617.2 पाया गया है. यह बीते साल पाए गए वायरस की तुलना में 4 गुना ज्यादा घातक है. इसके अलावा इसका संक्रमण भी 4 गुना तेजी से फैलता है.

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