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नगर निगम कर्मियों के हड़ताल का पहला दिन: दैनिक सफाई कर्मी बोले- 'नियमितीकरण होने तक जारी रहेगी हड़ताल'

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Published : Sep 7, 2021, 10:09 PM IST

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बिहार के सभी जिलों में दैनिक मजदूर और सफाईकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. बिहार लोकल बॉडी संयुक्त कर्मचारी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष ने बताया कि शांतिपूर्ण और सत्याग्रह के तर्ज पर हड़ताल चलेगा. मांग पूरा होने तक हम हड़ताल पर रहेंगे.

पटना: बिहार के सभी नगर निकाय (Municipal corporation of Bihar) के दैनिक मजदूर और सफाईकर्मी अपनी 12 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल (indefinite strike) पर चले गए हैं. ऐसे में पटना नगर निगम के दैनिक सफाई कर्मी और दैनिक मजदूर भी इस हड़ताल में शामिल हैं. पटना में दैनिक मजदूरों के हड़ताल पर जाने की वजह से नगर निगम के कार्य काफी प्रभावित हुए हैं.

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बिहार लोकल बॉडी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले पटना नगर निगम के प्रधान कार्यालय मौर्या लोक में हड़ताल में आगे की योजना को लेकर आम सभा का आयोजन किया गया. जिसमें बारिश के बावजूद हजारों की संख्या में नगर निगम के दैनिक सफाई कर्मी और मजदूर शामिल हुए.

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'मैं दैनिक मजदूर के तौर पर पटना नगर निगम से जुड़ा हूं. नाले की साफ-सफाई का काम करता हूं. 30 दिन महीने में लगातार काम करने पर लगभग 9000 के करीब रुपए मिलते हैं. जो इस महंगाई के दौर में काफी कम है. अपनी मांगों को लेकर जब भी हड़ताल पर जाते हैं तो इस दौरान जितने दिन हड़ताल पर रहते हैं इतने दिन का तनख्वाह काट ली जाती है. इस बार हड़ताल से उम्मीद करते हैं कि अंतिम निष्कर्ष निकल जाए. हम लोगों के मानदेय में बढ़ोतरी के साथ-साथ रोजगार भी दैनिक से हट कर नियमित हो जाए.'-अनिल भगत, सफाईकर्मी, पटना नगर निगम

'मैं भी नगर निगम से दैनिक मजदूर की तौर पर जुड़ा हूं. नगर निगम में पहले झाड़ू लगाने का काम करता था. मगर पढ़े लिखे होने के कारण सुपरवाइजर का काम दे दिया गया है. 8000 रुपए महीने मिलता है. काफी सालों से पटना नगर निगम से जुड़े हैं. उम्र भी मेरी काफी हो गई है. ऐसे में अब नगर निगम से रोजगार की गारंटी चाहता हूं. इसके साथ ही मैं चाहता हूं कि महंगाई को देखते हुए कम से कम न्यूनतम वेतन 15000 से 18000 के बीच हो जाए. समान काम के बदले समान वेतन की व्यवस्था पटना नगर निगम में भी लागू हो.'-अमिताभ त्रिवेदी, सुपरवाइजर, पटना नगर निगम

'पूरे प्रदेश से इस हड़ताल को समर्थन मिला है. सभी नगर निकाय के लगभग 50 हजार के करीब कर्मी प्रदेश भर में आज हड़ताल पर हैं. 12 सूत्री मांग हैं, जिसमें प्रमुख है कि नगर विकास विभाग द्वारा नगर निकायों में ग्रुप डी का जो पद समाप्त किया गया है और ग्रुप डी के कर्मियों को दैनिक मजदूर की श्रेणी में रख दिया गया है. उसे हटाकर फिर से ग्रुप डी का पद सृजित किया जाए. इसके साथ ही अनुकंपा पर बहाली की प्रक्रिया शुरू हो.'-जितेंद्र कुमार, प्रवक्ता, बिहार लोकल बॉडीज संयुक्त कर्मचारी संघर्ष मोर्चा

'प्रदेश के नगर निकाय के दैनिक मजदूरों और सफाई कर्मियों का समर्थन मिल रहा है. हड़ताल पर जाने के बाद नगर निगम के अधिकारियों की ओर से बातचीत की कोई पहल नहीं की गई है. 12 सूत्री मांगों को लेकर प्रदेश भर के नगर निकाय के दैनिक मजदूर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. जिसमें जो प्रमुख मांग है कि इन दैनिक मजदूरों के रोजगार का नियमितीकरण हो. इन्हें रोजगार की गारंटी मिले. साथ ही मानदेय में बढ़ोतरी की जाए. सातवें वेतन आयोग के तहत जो न्यूनतम वेतन है, वह मिले. आउटसोर्सिंग की व्यवस्था खत्म की जाए और आउटसोर्सिंग से जुड़े सभी दैनिक मजदूरों को नगर निगम अपने अंडरटेकिंग में लें.'-चंद्र प्रकाश सिंह, अध्यक्ष, बिहार लोकल बॉडी संयुक्त कर्मचारी संघर्ष मोर्चा

उन्होंने कहा कि नगर निगम आउटसोर्सिंग एजेंसी को एक मजदूर के लिए 15 से 18000 रुपए देता है. मगर एजेंसी उन्हें 6 से 8000 रुपए ही सैलरी देती है. इसके साथ ही उनकी मांग है कि अनुकंपा पर बहाली नगर निकायों में फिर से शुरू की जाए. ग्रुप डी के पद फिर से सृजित किए जाएं.

उन्होंने कहा कि इस बार विभाग की तरफ से किसी भी आश्वासन पर हड़ताल नहीं टूटेगा. जब तक कि उनकी प्रमुख मांगों को लेकर सहमति नहीं बन जाती है. इसको लेकर निर्देश नहीं जारी कर दिया जाता है. आने वाले दिनों में हड़ताल के तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के चित्र पर फूल माला और अगरबत्ती दिखाकर आरती का कार्यक्रम किया जाएगा. आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्ण और सत्याग्रह की तर्ज पर चलेगा.

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