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मुजफ्फरपुर PNB से पांच करोड़ के साइबर फ्रॉड की जांच में जुटी ED, पुलिस से मांगी पूरी जानकारी

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Published : Mar 2, 2022, 12:15 PM IST

मुजफ्फरपुर पंजाब नैशनल बैंक के कई ग्राहकों के खाते से करोड़ों के साइबर फ्रॉड (cyber fraud in muzaffarpur) मामले की जांच ईडी करेगी. इसको लेकर ईडी के सहायक निदेशक पूनम बाला ने नगर थानाध्यक्ष को पत्र भेजकर इस मामले से जुड़ी सारी जानकारी तलब मांगी है. साथ ही मामले में बीएसएनएल कर्मी संतोष आनंद समेत 15 लोगों की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट.

cyber fraud from Muzaffarpur PNB
cyber fraud from Muzaffarpur PNB

मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर पीएनबी से करीब 5 करोड़ रुपये के साइबर फ्रॉड (cyber fraud from Muzaffarpur PNB) मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय ने पीएमएलए (Prevention of Money Laundering Act) के तहत शुरू कर दी है. इसकी जानकारी ईडी की सहायक निदेशक पूनम बाला (ED assistant director Poonam Bala) ने मुजफ्फरपुर एसएसपी जयंतकांत (Muzaffarpur SSP Jayantkant) को पत्र भेजकर दी है. पीएनबी बैंक के इस फर्जीवाड़े के खेल में शामिल 15 शातिरों का ब्योरा भी ईडी ने मांगा है. इसमें पुलिस से आरोपितों का आधार कार्ड, पैन नंबर और अन्य जरूरी जानकारी मांगी गई है.

पीएनबी फर्जीवाड़े में ईडी पहले ही पुलिस से मामले में हुई कार्रवाई की रिपोर्ट ली थी. इसके बाद ईडी ने अपने स्तर से जांच शुरू की है. इसी कड़ी में ईडी ने पहली बार एसएसपी को पत्र भेजकर जानकारी मांगी है. ईडी के सहायक निदेशक का पत्र मिलने के बाद मुजफ्फरपुर एसएसपी ने तत्काली नगर थानाध्यक्ष सह आईओ इंस्पेक्टर ओमप्रकाश को ईडी को तमाम सूचनाएं भेजने का निर्देश भी दे दिया है.

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ईडी ने जिन 15 आरोपितों का ब्योरा मांगा है, उसमें जेल भेजे गये इस कांड के छह आरोपितों के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है. नौ पर जांच लंबित है. इस तरह जिन आरोपियों पर जांच लंबित है, उसके खिलाफ भी पुलिस पीएमएलए के तहत कार्रवाई करेगी. ईडी ने जिन 15 शातिरों का ब्योरा मांगा है, उसमें पश्चिम बंगाल के दो शातिर शामिल हैं. दोनों हवाला के धंधेबाज हैं. पश्चिम बंगाल के दोनों हवाला धंधेबाजों ने ही साइबर फ्रॉड के शातिरों को 17 घोस्ट अकाउंट मुहैया कराया था. हवाला के 17 घोस्ट अकाउंट में ही पीएनबी फर्जीवाड़े के रुपये भेजे गये थे. इसमें से हवाला धंधेबाजों ने 25 प्रतिशत राशि लेने के बाद शेष राशि साइबर फ्रॉड के शातिरों को कुरियर के जरिये मुजफ्फरपुर आकर लौटायी थी. जिसे अहियापुर के कोल्हुआ पैगम्बरपुर निवासी जफर इकबाल ने रिसीव किया था.


मुजफ्फरपुर एसएसपी जयंतकांत ने पीएनबी साइबर फ्रॉड फर्जीवाड़ा कांड में पुलिस मुख्यालय में रिपोर्ट भेजी थी. जिसमें उन्होंने बताया था कि मुजफ्फरपुर में धराए साइबर फ्रॉड के शातिरों ने अलग-अलग जिले व राज्यों में दर्जनों ग्राहकों के खाते से पांच करोड़ रुपये से अधिक की फर्जी निकासी की है. कई जिलों में इसको लेकर एफआईआर दर्ज है. एसएसपी की इसी रिपोर्ट के आधार पर मामले में सीबीआई जांच की संभावना जताई जा रही है.

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आरबीआई गाइडलाइन के मुताबिक तीन करोड़ से अधिक की राशि के फर्जीवाड़े की जांच सर्वोच्च जांच एजेंसी करेगी. हालांकि इसके लिए अब तक गृह विभाग से अधिसूचना जारी नहीं हुई है. सीबीआई जांच की आधिकारिक घोषणा मुख्यालय स्तर से अधिसूचना जारी कर की जाती है. पूरे मामले पर एसएसपी जयंतकांत ने कहा कि जो भी टीम जांच पड़ताल करेगी, उसका पूरा सहयोग मुजफ्फरपुर पुलिस करेगी. फिलहाल ईडी द्वारा कुछ जानकारी मांगी गयी है. उसको जल्द उपलब्ध करा दिया जाएगा.

बताते चलें कि बीते 14 अगस्त 2021 को एसएसपी जयंतकांत ने पीएनबी में हुए बड़े साइबर फ्रॉड केस का उद्भेदन किया था. इसमे 11.24 लाख कैश, 12 मोबाइल, 12 पासबुक, तीन लैपटॉप, एक कार, 20 आधार कार्ड, सात पैन कार्ड और पॉश मशीन बरामद किया था. साथ ही 22 घोस्ट खाता में 82 लाख 43 हजार 6215 रुपये फ्रिज कराए थे.

यह कार्रवाई बीएसएनएल के रिटायर्ड कर्मी रामदेव राम के खाता से 22 लाख 40 हजार का फ्रॉड होने पर नगर थाना में दर्ज केस में किया गया था. पूरे प्रकरण में एसएसपी ने कहा था कि अब तक तीन करोड़ से अधिक का फ्रॉड का पता चला है लेकिन जांच में यह राशि पांच करोड़ से अधिक हो जायेगी. उसके बाद जांच शुरू हुई थी. परत दर परत खुलासा होते गया. जिसमें पांच करोड़ के फर्जीवाड़े की रिपोर्ट एसएसपी ने मुख्यालय भेजी थी. इसमे अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ हुआ था.

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