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भिखारी ठाकुर के रंगमंच संगी रामचंद्र मांझी को मिला संगीत नाटक अकादमी सम्मान 2017

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Published : Sep 13, 2020, 7:35 PM IST

Ramchandra Manjhi
Ramchandra Manjhi ()

रामचंद्र मांझी बिहार की नाच परंपरा जिसे 'लौंडा नाच' भी कहा जाता है, उसके जीवित किवंदती है. भिखारी ठाकुर से प्रशिक्षित और उनके साथ काम कर चुके जीवित बचे कलाकार में से रामचंद्र मांझी सबसे वरिष्ठ हैं.

सारण: भोजपुरी के शेक्सपियर भिखारी ठाकुर के रंगमंच संगी रामचंद्र मांझी को संगीत नाटक अकादमी सम्मान 2017 से सम्मानित किया गया है. इससे देश के कई रंग-कर्मियों, विद्वानों, सामाजिक और राजनैतिक कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है.

बिहार की नाच परंपरा के जीवित किवंदती
रामचंद्र मांझी बिहार की नाच परंपरा जिसे 'लौंडा नाच' भी कहा जाता है, उसके जीवित किवंदती है. भिखारी ठाकुर से प्रशिक्षित और उनके साथ काम कर चुके जीवित बचे कलाकार में से रामचंद्र मांझी सबसे वरिष्ठ हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

भोजपुरी का ये कलाकार गुमनाम
93वें साल की उम्र में भी वे लगतार भिखारी ठाकुर की नाच मंडली जो अब भिखारी ठाकुर रंगमंडल बन चुकी है, में भिखारी ठाकुर कृत हर नाटकों में मुख्य भूमिका निभाते है. रंगमंडल में स्त्री भूमिका करने के लिए प्रसिद्ध भोजपुरी का ये कलाकार गुमनाम है. इन्होंने बिदेसिया नाटक में रखेलिन के किरदार को अपने अभिनय, गायकी और नृत्य को एक आशातीत ऊंचाई दी.

रखेलिन के किरदार में रामचंद्र मांझी

सारण के तंजारपुर मे जन्मे रामचंद्र मांझी
बिहार के सारण में एक छोटे से गांव तंजारपुर मे जन्मे रामचंद्र मांझी दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. रामचंद्र मांझी के जन्म का कोई लिखित प्रमाण नहीं है. लेकिन चुनाव पहचान पत्र के अनुसार 1930 में उनका जन्म हुआ है. रामचंद मांझी अपनी गिनती से अपनी उम्र 93 वर्ष बताते हैं.

रंगमंच पर रामचंद्र मांझी

10 साल में भिखारी ठाकुर के नाच दल से जुड़े
मांझी 10 वर्ष की उम्र में भिखारी ठाकुर के नाच दल से जुड़े थे. वो बताते है कि भिखारी ठाकुर से पहले दीनानाथ मांझी के नाच मंडली में नाच का प्रशिक्षण लेना एवं नाचना गाना शुरू कर दिया था. उसके बाद भिखारी ठाकुर के नाच पार्टी में शामिल होने का ऑफर मिला जहां उन्होंने आंगिक, वाचिक, अभिनय सहित धोबिया, आठवां, कजरी, घुमड़ी, चैता का गहन प्रशिक्षण प्राप्त किया. इसके बाद सभी नाटकों में उन्होंने मुख्य कलाकार के रूप में भूमिका निभाई.

संगीत नाटक अकादमी सम्मान से सम्मानित करते राष्ट्रपति

राष्ट्रपति ने रामचंद्र मांझी को दिया पुरस्कार
रामचंद्र मांझी को ये पुरस्कार लोक रंगमंच के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया जा रहा है. 2019 में ये पुरस्कार भारत के प्रथम नागरिक यानी राष्ट्रपति ने रामचंद्र मांझी को दिया. पुरस्कार स्वरूप 1 लाख रुपये नकद, ताम्रपत्र और वस्त्र प्रदान किया गया. यह पहला अवसर है जब किसी नाच विद्या के कलाकार को इतना बड़ा सम्मान मिला है.

सम्मान के साथ रामचंद्र मांझी

बिहार सरकार देगी लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
इस बार बिहार सरकार ने रामचंद्र मांझी को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार देने का फैसला किया है. इस पुरस्कार की खुशी रामचंद्र मांझी ही नहीं बल्कि भिखारी ठाकुर रंग कला मंच से जुड़े सभी कलाकारों को है.

संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार

राजनेताओं के सामने अपनी कला को किया प्रदर्शित
रामचंद्र मांझी अब तक भिखारी ठाकुर के एक-एक नाटक की प्रस्तुति दे चुके है. वे अब तक जवाहर नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, जगजीवन राम, जय प्रकाश नारायण, लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार, राबड़ी देवी, शरद यादव, रामविलास पासवान जैसे बड़े राजनेताओं के सामने भी अपनी कला को प्रदर्शित कर चुके हैं.

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