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इस राष्ट्रीय उद्यान में अब ऐसे होगी वन्यजीवों की गणना, जानें पानी से क्या है कनेक्शन - Wildlife Census

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 6, 2024, 3:31 PM IST

Updated : May 6, 2024, 4:59 PM IST

Wildlife Census, पहली बार राजस्थान के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में वन्यजीवों की गणना के लिए करीब 100 ट्रैप कैमरों का इस्तेमाल किया जाएगा. इससे पहले इसका ज्यादातर उपयोग टाइगर रिजर्व में ही होता था. ऐसे में इस पद्धति के जरिए उद्यान में वन्यजीवों की सटीक गणना हो सकेगी.

Wildlife Census
घना में इस पद्धति से होगी वन्यजीवों की गणना (ETV BHARAT Bharatpur)

घना में होगी वन्यजीवों की गणना (ETV BHARAT Bharatpur)

भरतपुर.विश्व प्रसिद्ध केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में पहली बार वन्यजीवों की गणना के लिए करीब 100 ट्रैप कैमरों का इस्तेमाल किया जाएगा. अभी तक वन्यजीव गणना के लिए ट्रैप कैमरा का इस्तेमाल टाइगर रिजर्व में ही किया जाता था. ऐसे में उद्यान में वन्यजीवों की सटीक गणना की जा सकेगी. घना में वाटर होल पद्धति से 23 और 24 मई को वन्यजीवों की गणना की जाएगी. घना प्रशासन वन्यजीव गणना की तैयारियों में जुटा हुआ है.

इस पद्धति से होगी गणना :घना डीएफओ मानस सिंह ने बताया कि केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में 23 व 24 मई को वन्यजीव की गणना की जाएगी. वन्यजीव गणना वाटर होल पद्धति से की जाएगी. इसके तहत उद्यान के सभी जलाशयों पर नजर रखी जाएगी. जिन जलाशयों पर वन्यजीवों का अधिक मूवमेंट है, उन पर पूरी मुस्तैदी से वन्यजीवों की गणना की जाएगी.

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पहली बार कैमरा ट्रैप का इस्तेमाल :डीएफओ मानस सिंह ने बताया कि इस बार की वन्यजीव गणना में हम उद्यान के 29 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 100 कैमरा ट्रैप का इस्तेमाल करेंगे. अभी तक सिर्फ ऑक्यूलर (आंखों के माध्यम से) से ही वन्यजीवों की गणना होती आ रही है, लेकिन इस बार कैमरा ट्रैप का भी इस्तेमाल किया जाएगा. प्रमुख जलाशयों और मूवमेंट वाले स्थानों पर कैमरा लगाए जाएंगे. उद्यान में एक वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में एक कैमरा होना चाहिए, लेकिन हमारे पास तीन गुना अधिक कैमरा उपलब्ध हैं. ऐसे में हमें इसका लाभ वन्यजीव गणना में मिलेगा.

सटीक गणना और आंकड़े :डीएफओ मानस सिंह ने बताया कि ट्रैप कैमरे के इस्तेमाल से वन्यजीव गणना पूरी तरह से सटीक हो सकेगी. कैमरों के माध्यम से किसी वन्यजीव को दो बार गिनने से बचा जा सकेगा. ऐसे में वन्यजीव आंकड़े भी पूरी तरह से सही मिल सकेंगे. टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों की गणना पूरी तरह से कैमरों से की जाती है. इससे वहां के आंकड़े भी एक्यूरेट मिलते हैं.

इस पद्धति से होगी वन्यजीवों की गणना (ETV BHARAT Bharatpur)

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कुनबा बढ़ेगा या घटेगा : डीएफओ मानस सिंह ने बताया कि गत वर्ष की वन्यजीवों की गणना में उद्यान में 3 हजार से अधिक चीतल और 100 से अधिक जैकॉल पाए गए थे. इस बार की गणना के बाद पता चल सकेगा कि कौन-कौन से वन्यजीवों का कुनबा बढ़ा है और किनकी संख्या कम हुई है. इसके लिए विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की बैठक की जाएगी. टीमें तैयार कर वन्यजीवों की गणना होगी.

Last Updated : May 6, 2024, 4:59 PM IST

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