लखनऊ :यूपी सरकार के बजट में सौर ऊर्जा नीति-2022 के अन्तर्गत आगामी 5 वर्षो में 22000 मेगावाॅट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. वित्त मंत्री ने कहा, प्रदेश में वर्ष 2017 में 288 मेगावाॅट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं थीं जो अब लगभग 2600 मेगावाॅट हैं. प्रदेश में अब तक 328 मेगावाॅट की सोलर रूफटाॅप परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी हैं.
वित्त मंत्री ने बताया, अयोध्या एवं वाराणसी को माॅडल सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक मार्ग प्रकाश की सुविधा के लिए अब तक लगभग 3.35 लाख सोलर स्ट्रीट लाइट संयंत्रों की स्थापना कराई जा चुकी है. पीएम कुसुम घटक सी-1 के अन्तर्गत निजी ऑनग्रिड पंपों के सोलराईजेशन के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है, जो वर्तमान वर्ष की तुलना में दोगुना है. उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति, 2022 के क्रियान्वयन के लिए 60 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है, जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक है.
जिला मुख्यालय पर 24 घंटे बिजली आपर्ति
वर्ष 2023-2024 में अप्रैल से दिसम्बर तक जनपद मुख्यालय पर 24 घंटे, तहसील मुख्यालय पर 21.34 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 18. 09 घंटे बिजली आपूर्ति की गई. वर्ष 2017-18 से 1,21,324 मजरे विद्युतीकृत किए जा चुके हैं. प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के तहत गरीब परिवारों को निःशुल्क और अन्य ग्रामीण परिवारों को 50 रुपये की 10 मासिक किश्तों में बिजली कनेक्शन देने की सुविधा दी गई. इस योजना में 62.18 लाख इच्छुक घरों को बिजली संयोजन निर्गत किए गए.
4000 मेगावाॅट क्षमता के सोलर पार्क का विकास
वित्त मंत्री ने कहा, पारेषण तंत्र की कुल क्षमता जो वित्तीय वर्ष 2016-2017 में 16,348 मेगावाॅट थी, को वर्ष 2022-2023 में बढ़ाकर 28,900 मेगावाॅट तक किया गया है. इसे वित्तीय वर्ष 2023-2024 तक बढ़ाकर 31,500 मेगावाॅट तक किया जाना लक्षित है. भारत सरकार की ग्रीन एनर्जी कारिडोर-2 परियोजना के अन्तर्गत बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए 4000 मेगावाॅट क्षमता के सोलर पार्क का विकास किया जाना नियोजित है.
बिजली उत्पादल में बढ़ोतरी
वर्ष 2016-2017 में उत्पादन निगम लिमिटेड की इकाईयों का कुल बिजली उत्पादन 33,556 मिलियन यूनिट था, जिसके सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 39,746 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन प्राप्त किया गया है. ग्रीष्मकाल में अनवरत विद्युत आपूर्ति के लिए 2000 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक है. निजी नलकूप उपभोक्ताओं को रियायती दरों पर बिजली आपूर्ति के लिए 1800 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है, जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है.