दिल्ली

delhi

विश्व पुस्तक मेले में सिंगापुर की प्रैक्टिकल बेस्ड बच्चों की किताबों का डिस्प्ले, जानिए क्या है खासियत ?

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 18, 2024, 4:39 PM IST

Updated : Feb 18, 2024, 9:14 PM IST

WORLD BOOK FAIR 2024: नई दिल्ली में आयोजित विश्व पुस्तक मेले 2024 का रविवार को समापन हो रहा है. मेले के आखिरी दिन लोगों की भारी भीड़ देखी जा रही है. पुस्तक मेले में इस बार बच्चों के लिए सिंगापुर की प्रैक्टिकल बेस्ड किताबों को डिस्प्ले में लगाया है. जानिए क्या है इन किताबों की खासियत.

पुस्तक मेले में सिंगापुर की प्रैक्टिकल बेस्ड किताबों का डिस्पले
पुस्तक मेले में सिंगापुर की प्रैक्टिकल बेस्ड किताबों का डिस्पले

पुस्तक मेले में सिंगापुर की प्रैक्टिकल बेस्ड बच्चों की किताबों का डिस्प्ले

नई दिल्ली:दिल्ली के प्रगति मैदान में 10 फरवरी से 18 फरवरी तक विश्व पुस्तक मेले का आयोजन किया जा रहा है. रविवार को इस विश्व पुस्तक मेले का आखिरी दिन है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के त्रिभाषी सूत्र का प्रकाशन उद्योग पर सकारात्मक असर पड़ रहा है और भारत दुनिया के सबसे बड़े किताब बाजार के रूप में उभर रहा है. इसलिए दुनियाभर के प्रकाशकों की नजर भारत के बाजार पर है. इसका प्रमाण नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में देखा जा सकता है, जहां दुनियाभर के प्रकाशन उद्योग के निदेशक, सीईओ, पुस्तक मेलों के आयोजक और अन्य उच्च पदाधिकारी शिरकत कर रहे हैं. भारत के प्रकाशन उद्योग को एक रोल मॉडल के रूप में देख रहे हैं.

विश्व पुस्तक मेले में सिंगापुर एशिया पब्लिशर के प्रकाशक केल्विन यू ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि सिंगापुर में उनका पिछले 25 सालों से काफी पुराना प्रकाशन है और उनकी जो किताब है अलग हटके हैं. छोटे बच्चों के इंग्लिश स्पीकिंग मैथमेटिक्स को सीखने का अलग तरीका उनकी बुक्स के अंदर दिया गया है. उनकी किताब भारत की नई शिक्षा नीति के अंतर्गत आता है जिसमें किस तरह से बच्चे एजुकेशन में ग्रोथ कर सकते है इस पर जोर डाला गया है .

उन्होंने बताया कि उनकी पुस्तक में वैश्विक स्तर पर सिंगापुर की शिक्षण विधियों को बढ़ावा देने में शिक्षा मंत्रालय द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया है.जिसमें सरकार की सक्रिय पहल अन्य सहयोग और ज्ञान के आदान प्रधान की सुविधा प्रदान की है जिससे सिंगापुर शैक्षिक नवाचार में सबसे आगे है.भारतीय लेखक सुदेश वर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत करके बताया कि हमारा मकसद सिर्फ किताब बेचना नहीं है यहां पर हम अपने डिस्प्ले को दिखाते हैं. पूरे देश भर के लोग इस विश्व पुस्तक मेले में आ रहे हैं. काफी संख्या में पाठक भी पहुंच रहे हैं और सबसे ज्यादा छोटे-छोटे बच्चे भी इस विश्व पुस्तक मेले में पहुंच रहे हैं.

इस बार हमने सिंगापुर एशिया पब्लिशर के साथ समझौता किया है और वहां की जो शिक्षा प्रणाली है उसके तहत कक्षा एक से लेकर आठवीं तक के बच्चों के किताबें उपलब्ध है. खास तौर पर इन किताबों में अगर बात करें तो हमने देखा है भारत में थ्योरी पर ज्यादा जोर दिया जाता है लेकिन उनकी किताबों में प्रैक्टिकल चीज सिखाई जाती है. अगर हम हर रोज बच्चों को प्रैक्टिकल चीज सिखाएंगे तो बच्चे जल्दी ग्रोथ करेंगे.

ये भी पढ़ें :51वां नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2024, धर्मेंद्र प्रधान ने किया शुभारंभ

सिंगापुर में भी केल्विन यू ने अलग तरीके से पढ़ाई की मुहिम छेड़ी है जो बच्चों को काफी आकर्षित करती है. भारत में अभी तक जितनी भी प्रकाशकों की किताब आ रही है वो थ्योरी पर ज्यादा डिपेंड है लेकिन उनकी जो किताबें हैं वह प्रैक्टिकल बेस्ड है और बच्चे जब प्रैक्टिकल काम करेंगे तो उनके शिक्षा की ग्रोथ ऑटोमेटिक ही बढ़ेगी.

ये भी पढ़ें :दिल्ली में विश्व पुस्तक मेले का आगाज, जम्मू कश्मीर और लेह लद्दाख का एग्जीबिशन बना आकर्षक का केंद्र

Last Updated : Feb 18, 2024, 9:14 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details