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सेन जी महाराज जयंती पर निकली शोभायात्रा, महिलाओं ने किया गरबा - Sen Ji Maharaj Shobha Yatra

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 5, 2024, 7:57 PM IST

Sen Ji Maharaj Shobha Yatra, झालावाड़ में संत शिरोमणि सेन जी महाराज की 724वीं जयंती पर रविवार को शोभायात्रा निकाली गई. इस दौरान शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागत किया गया.

Sen Ji Maharaj Shobha Yatra
सेन जी महाराज जयंती पर निकली शोभायात्रा (ETV Bharat Jhalawar)

महिलाओं ने किया गरबा (ETV Bharat Jhalawar)

झालावाड़. संत रामानंदाचार्य के शिष्यों में से एक संत शिरोमणि सेन जी महाराज की 724वीं जयंती रविवार को जिलेभर में बड़े हर्ष और उल्लास से मनाई गई. रविवार सुबह संत शिरोमणि सेन जी महाराज का उनके भक्तों की ओर से गुणगान किया गया. इससे पहले उनकी मूर्ति पर दुग्ध अभिषेक कर फूल माला पहनाकर उनकी आरती उतारी गई. बाद में समाज के लोगों ने मंदिर में हवन कर शोभायात्रा के लिए घोड़े और कलश की बोली लगाई.

पानी-जूस की व्यवस्था : इसके बाद सेन भक्तों की ओर से शहर के चंदा महाराज स्थित सेन जी महाराज के मंदिर से भव्य शोभायात्रा निकाली गई. शहर के विभिन्न चौराहों से गुजरती हुई शोभायात्रा राड़ी के बालाजी रोड स्थित मुरली मनोहर मंदिर पर जाकर समाप्त हुई. इस दौरान शहर के विभिन्न धार्मिक संगठनों ने शहर के वीभन्न चौराहों पर शोभायात्रा का फूल बरसाकर स्वागत किया. सामाजिक संगठनों ने पानी, शरबत और जूस की व्यवस्था की थी. शोभायात्रा में सेन समाज के महिला-पुरुष सहित बड़ी संख्या में सेन जी महाराज के भक्त शामिल हुए.

पढ़ें. सेन जी महाराज की 724वीं जयंती पर निकली भव्य शोभायात्रा

झूमते-गाते दिखे भक्त : इस दौरान महिलाएं पीले वस्त्र में दिखाई दी. वहीं, पुरुषों ने सफेद रंग की वेशभूषा पहनी थी. बैंड बाजो और घोड़े की बग्गी पर निकली सेन जी महाराज की सवारी में सेन भक्त झूमते नाचते गाते दिखाई दिए. शोभायात्रा के दौरान महिलाओं ने गुजरात का प्रसिद्ध नृत्य गरबा भी किया. शोभायात्रा के राधा कृष्ण मंदिर में पहुंचने के बाद सेन भक्तों के लिए भोजन प्रसादी की व्यवस्था भी की गई. इससे पहले मंदिर परिसर में सेन समाज के जिलाध्यक्ष सत्यनारायण सेन एवं संरक्षक अंबालाल सेन, वह कार्यक्रम संयोजक राजेंद्र सेन की ओर से समाज की प्रतिभाओं को सम्मानित भी किया गया.

इस दौरान पूरे राधा कृष्ण के मंदिर परिसर को विशेष आकर्षण लाइटिंग कर सजाया गया. एक दिन पहले सेन समाज के मंदिरों पर संगीतमय सुंदरकांड का आयोजन भी किया गया. दिन के समय मेहंदी, रंगोली जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन भी हुआ, जिनके विजेताओं को शोभायात्रा के बाद सम्मानित किया गया.

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