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शिल्पी ने मधुबनी पेंटिंग से बनाई खास पहचान, ऑर्गेनिक कलर का करती है इस्तेमाल, 40 अवार्ड किया अपने नाम

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 8, 2024, 12:30 PM IST

Updated : Feb 8, 2024, 2:30 PM IST

Madhubani Painting with Organic Colours: मुजफ्फरपुर की बेटी शिल्पी अपनी खास कला के लिए जानी जाती है. वो खुद से ऑर्गेनिक रंग तैयार करती हैं और उससे मधुबनी पेंटिंग बनाती हैं. अबतक उन्होंने 40 से अधिक अवार्ड अपने नाम किया है. आगे पढ़ें पूरी खबर.

फूल पत्तियों से हर्बल रंग
फूल पत्तियों से हर्बल रंग

ऑर्गेनिक रंग से मधुबनी पेंटिंग

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर की शिल्पी अब किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. उन्होंने जिला या राज्य नहीं बल्कि देश स्तर पर अपनी पहचान बनाई है. दरअसल शिल्पी ऑर्गेनिक रंगों से मधुबनी पेंटिंग बनाती हैं. जब वो छोटी थी तो दरभंगा में अक्सर अपने ननिहाल जाया करती थी. वहां जब वो मधुबनी पेंटिंग देखती थी तो उसकी और आकर्षित होती थी. इसे सीखने की ललक जगी और उन्होंने खुद इसे बनाना शुरू कर दिया.

फूल पत्तियों से हर्बल रंग

रामायण काल से मिली प्रेरणा:मन में यह जानने की जिज्ञासा हुई की पहले के समय रंग किस प्रकार तैयार किया जाता था. तब उन्हे रामायण काल से प्रेरणा मिली. उस समय फुल और पत्तियों से रंग तैयार किया जाता था. इसके बाद वो खुद शोध करने लगी. धीरे-धीरे ऑर्गेनिक रंग भी तैयार करना सीख गई. उनकी इस कला को पहले जिला फिर राज्य और अब देश स्तर पर जाना जाता है. अब शिल्पी आसपास के बच्चों को ऑर्गेनिक रंग तैयार करने, मधुबनी पेंटिंग और टिकुली कला का निशुल्क प्रशिक्षण दे रही हैं.

लोक कला को संरक्षित करने के लिए प्रचार-प्रसार: शिल्पी बताती हैं कि पिछले करीब 10 सालों से वो लोक कला को संरक्षित करने के लिए प्रचार-प्रसार भी कर रही हैं. प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद इंटर की पढ़ाई के लिए एमडीडीएम में नामांकन कराया. कालेज स्तर पर होने वाले आयोजन में अपनी कला का प्रदर्शन कर खूब वाहवाही बटोरी. फिर उनके एक शिक्षक ने गोवा के गोइंग टू स्कूल नामक संस्थान से जुड़ने की बात कही. इससे जुड़ने के बाद वे सरकारी विद्यालयों में जाकर बच्चों को इस कला का प्रशिक्षण देने लगी. धीरे-धीरे उनकी कला को पहचान मिलनी शुरू हो गई.

ऑर्गेनिक रंग से मधुबनी पेंटिंग

अब तक 40 से अधिक अवार्ड जीत चुकी: शिल्पी बताती हैं की वर्ष 2015 से अवार्ड मिलने का जो सिलसिला शुरू हुआ था, वह अबतक जारी है. राज्य और देश स्तर पर 40 से अधिक अवार्ड इस कला के माध्यम से जीत चुकी हैं. गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा से भी प्रेरणा अवार्ड से सम्मानित हुई थी. पटना में भी कई पुरस्कार मिले थे. तीन फरवरी को भी छपरा में राष्ट्रीय प्रेरणा दूत से सम्मानित किया गया. वर्तमान में 15 से अधिक बच्चों को प्रशिक्षण दे रही हैं.

पर्यावरण संरक्षण का देती हैं संदेश: शिल्पी अपने पिता उमाशंकर प्रसाद और मां रीता श्रीवास्तव की बड़ी बेटी है. साइकोलॉजी से मास्टर की पढ़ाई की है और अब पीएचडी करने की तैयारी में जुटी हैं. शिल्पी कहती है कि बाजार में बिकने वाले सिंथेटिक रंग से पर्यावरण दूषित होता है, साथ ही वो बेहद नुकसानदेह हैं. इसलिए वे आर्गेनिक रंग तैयार करती है और इसी से मधुबनी पेंटिंग बनाती है. अब उन्होंने खुद का व्यवसाय भी शुरू कर लिया है. घर पर ही मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ियां, दुपट्टा और सूट तैयार करती हैं. जो भी उनके परिचित हैं, उनसे संपर्क कर उन तक पहुंचाती हैं.

फूल पत्तियों से हर्बल रंग

"लाल रंग के लिए गुलाब और चुकंदर का रस, पीले रंग के लिए हल्दी, गेंदा, कनैल का फूल और कुसुम से, सूखे काजल से काला रंग, अपराजिता के फूल और सूखे नील से नीला रंग, चावल का आटा और चुना से उजला रंग और केला एवं गेंदे के पत्ते से हरा रंग तैयार करती हूं. वर्तमान में 15 से अधिक बच्चों को प्रशिक्षण दे रही हूं."-शिल्पी, मधुबनी पेंटर

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Last Updated : Feb 8, 2024, 2:30 PM IST

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