सक्ती: साल 2013-14 में तत्कालीन जांजगीर चांपा कलेक्टर के निर्देश पर अलग अलग धान खरीदी केंद्रों की जांच की गई. जांच का जिम्मा खाद्य अधिकारी पी के पाण्डेय, नायब तहसीलदार केके शर्मा, सहकारिता अधिकारी जीआर भतरा, संग्रहण केन्द्र प्रभारी एसपी सोनी, गिरधारी लाल राठौर को दिया गया.
73 लाख का धान घोटाला: 18 फरवरी 2014 को सेवा सहकारी समिति कडारी के अधीनस्थ धान उपार्जन केन्द्र का निरीक्षण कर जांच किया गया. तत्कालीन प्रभारी समिति अशोक सिंह ठाकुर ने धान खरीदी से संबंधित दस्तावेज जांच दल को दिखाया. इसका भौतिक सत्यापन करने पर लगभग 4495.78 क्विंटल धान, जिसकी अनुमानित कीमत 73 लाख का धान कम पाया गया. चांपा एसडीएम ने इसकी रिपोर्ट बनाकर कलेक्टर को भेजी. साथ ही मामले की शिकायत बाराद्वार थाने में की गई. इस मामले में केस दर्ज किया गया.
मुख्य आरोपी को 3 साल की सजा: सहायक जिला अभियोजन अधिकारी अरविंद कुमार जायसवाल ने बताया कि जांच के दौरान बड़े धान खरीदी घोटाले का खुलासा हुआ. इस दौरान समिति प्रबंधक अशोक सिंह और दो और आरोपी नारायण गबेल और किशन सिंह की संलिप्तता पाए जाने पर उन्हें भी आरोपी बनाया गया. कोर्ट में 10 साल के बाद सीजेएम कोर्ट ने सजा सुनाई. अशोक सिंह को 3 साल की सजा और 5 हजार का जुर्माना लगाया गया है.
भाई के हत्यारे को उम्रकैद: गौरेला पेंड्रा मरवाही में एडीजे कोर्ट ने भाई की हत्या करने वाले हत्यारे भाई को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस मामले में फैसला सुनाते हुए एडीजे पेंड्रा रोड किरण थवाइत ने आरोपी भाई संतलाल यादव को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास और 2000 के अर्थदंड की सजा सुनायी है. अर्थदंड नहीं देने पर 6 महीने का सश्रम कारावास की सजा सुनाई है.