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मध्यप्रदेश के नए एजुकेशन हब के रूप में आकार ले रहा बुंदेलखंड का सागर शहर, इंजीनियरिंग से लेकर मेडिकल तक की सुविधा

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 15, 2024, 10:22 PM IST

Sagar New Education Hub : बुंदेलखंड का कभी पिछड़ा शहर रहा सागर अब एजुकेशन हब के रूप में आकार ले रहा है. यहां सेंट्रल यूनिवर्सिटी से लेकर मेडिकल और इंजीनियरिंग की तमाम सुविधाएं उपलब्ध हो चुकी हैं.

sagar new education hub
सेंट्रल यूनिवर्सिटी

सागर। एमपी के बड़े शहर इंदौर,भोपाल के साथ जबलपुर को मध्यप्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी माना जाता है, लेकिन बुंदेलखंड का संभागीय मुख्यालय सागर धीरे-धीरे नए एजुकेशन हब के रूप में आकार ले रहा है. खास बात ये है कि यहां पर जो उच्च शिक्षा के संस्थान हैं, वह ज्यादातर सरकारी हैं. चाहे सेंट्रल यूनिवर्सिटी हो या स्टेट यूनिवर्सिटी या फिर मेडिकल और इंजीनियरिंग काॅलेज के अलावा आयुर्वेद, एग्रीकल्चर और हार्टीकल्चर काॅलेज हों. सागर जिले में ज्यादातर सरकारी काॅलेज हैं. इसके अलावा निजी स्तर पर मेडिकल, इंजीनियरिंग और फार्मेसी काॅलेज भी हैं. मुख्यमंत्री मोहन यादव खुद कह चुके हैं कि शिक्षा के क्षेत्र में सागर ने देश का प्रतिनिधित्व किया है और सागर मध्यप्रदेश का एक मात्र ऐसा जिला है जहां केंद्र और राज्य सरकार दोनों विश्वविद्यालय हैं.

उच्च शिक्षा के लिए सेंट्रल और स्टेट यूनिवर्सिटी

उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सागर जिले का नाम तब सुनहरे अक्षरों में लिखा जा चुका था जब देश आजाद नहीं हुआ था और मध्यप्रदेश का गठन तो दूर की बात थी. सागर के दानवीर सपूत डाॅ सर हरीसिंह गौर ने अपनी जमापूंजी से सागर में विश्वविद्यालय की स्थापना की थी और स्थापना के समय से ही कई विषयों में उच्च शैक्षणिक स्तर वाली पढ़ाई शुरू हो गई थी. जिनमें लाॅ, फोरेसिंक साइंस, क्रिमिनोलाॅजी, जियोलाॅजी, फार्मेसी, एंथ्रोपोलाॅजी जैसे विषयों के कारण पूरे देश के विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते आए हैं. 2009 में सागर विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया और तब से सागर में राजकीय विश्वविद्यालय खोले जाने की मांग चली आ रही थी. जिसे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इसी सत्र से शुरू करने का फैसला लिया और सागर में रानी अवंतीबाई राजकीय विश्वविद्यालय की स्थापना हुई.

बुंदेलखंड में मेडिकल कॉलेज
सागर में इंजीनियरिंग कॉलेज

मेडिकल और इंजीनियरिंग काॅलेज

सागर में सरकारी इंजीनियरिंग और मेडिकल काॅलेज भी है. 1981 में सागर में सरकारी इंजीनियरिंग काॅलेज शुरू हुआ. जिसे बाद में इंदिरा गांधी इंजीनियरिंग काॅलेज को एमपी सरकार ने स्वायत्त घोषित कर दिया. यह 1997 में स्थापित "इंदिरा गांधी इंजीनियरिंग कॉलेज सोसायटी" द्वारा शासित है. इसके अलावा बुंदेलखंड में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बदहाली को देखते हुए लंबे समय से मेडिकल काॅलेज की स्थापना की मांग चल रही थी, जो लंबे संघर्ष के बाद 2009 में स्थापित हुआ. बुंदेलखंड मेडिकल काॅलेज के नाम से स्थापित मेडिकल काॅलेज भी स्वशासी है.

सागर में पॉलिटेक्निक कॉलेज

आयुर्वेद और पाॅलिटेक्निक काॅलेज

सागर संभागीय मुख्यालय में 1986 में शासकीय महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज की स्थापना की गयी. इस काॅलेज का नाम सागर की पहली महिला सांसद और गोवा मुक्ति आंदोलन की नायिका सहोद्राबाई राय के नाम पर रखा गया. पहले ये पाॅलिटेक्निक काॅलेज सिर्फ महिलाओं के लिए थी. लेकिन बाद में महिला-पुरूष दोनों के लिए कर दिया गया. हाल में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सागर में 13 मार्च को आयुर्वेद काॅलेज की स्थापना का ऐलान किया है, जो जैन मुनि आचार्य विद्यासागर के नाम पर होगी.

कृषि और उद्यानिकी काॅलेज

इसके अलावा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सागर जिले में कृषि और उद्यानिकी महाविद्यालय की भी स्थापना की गयी है. सागर जिले की रहली में उद्यानिकी महाविद्यालय की स्थापना की गयी है. जिसका संचालन शुरू हो गया और भवन निर्माण का काम चल रहा है, वहीं खुरई में कृषि महाविद्यालय की स्थापना की गयी है, जो पिछले तीन सत्र से संचालित है.

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कई निजी तकनीकी और शिक्षा संस्थान

इसके अलावा सागर में एक निजी विश्वविद्यालय स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय के अलावा तीन निजी इंजीनियरिंग काॅलेज, निजी फार्मेसी काॅलेज और कई सारे बीएड काॅलेज भी स्थापित हैं.

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