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फिर सुर्खियों में सुशीला तिवारी हॉस्पिटल, महिला कर्मी के घर में मिली रसीद बुक, 7.5 लाख की हुई रिकवरी

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 5, 2024, 9:33 AM IST

Sushila Tiwari Hospital सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में लाखों रुपए की फीस गबन का मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य महकमे में खलबली मची हुई है. इस पूरे मामले में एक महिला कर्मचारी की भूमिका संदिग्ध पाई गई है और महिला कर्मचारी के घर से रसीद बुक और रसीदें बरामद हुई हैं. वहीं मामला सामने आने के बाद जांच अस्पताल के वित्त विभाग को सौंपी गई है.

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महिला कर्मी के घर में मिली रसीद बुक

हल्द्वानी: सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय एक बार फिर से चर्चाओं में है. मामला लाखों रुपए की फीस गबन का है. अस्पताल में जांचों के नाम पर पैसे लिए गए और रसीद भी काटी गई, लेकिन फीस की रकम अस्पताल के खाते में नहीं जमा की गई. मामले में एक महिला कर्मी की मुख्य भूमिका सामने आई है. जिसके घर से रसीद बुक और रसीदें बरामद हुई हैं. मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है.

सुशीला तिवारी अस्पताल में होने वाली जांच की फीस अभी भी रसीदों में काटी जा रही है. फीस काउंटर में काम करने वाले कुछ कर्मचारियों ने रसीद तो काटी, लेकिन पैसा अस्पताल के खाते में जमा नहीं किया. जबकि अस्पताल में जितनी भी जांच होती है, उसकी फीस बिल काउंटर में जमा होती है. जांच पड़ताल में एक महिला की मुख्य भूमिका सामने आई है. जहां महिला से अस्पताल प्रशासन ने फीस के करीब 7.5 लख रुपए जमा कराए हैं. साथ ही महिला को फीस काउंटर से हटाकर अन्य जगह भेज दिया है. इसके अलावा पूरे मामले की जांच बिठाई गई है, जांच की जिम्मेदारी वित्त नियंत्रक को दी गई है.

सुशीला तिवारी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक जीएस तितियाल ने बताया कि दो दिन पूर्व अकाउंट की जांच में सामने आया कि रसीद बुक गायब थी. वहीं रसीद बुकों का पैसा तक जमा नहीं किया गया था. मामला सामने आने के बाद इसकी जांच की गई तो पता चला कि एक महिला कर्मचारी रसीद बुकों को अपने घर ले गई. जिसके घर से दो दर्जन से अधिक रसीद बुक बरामद की गई. महिला कर्मी से रकम जमा कराई गई है. फिलहाल मामले की जांच चल रही है. जल्द ही इस मामले से पर्दा उठ जाएगा. उन्होंने बताया कि इस मामले में अन्य लोगों की और भूमिका संदिग्ध प्राप्त हो रही है. उन लोगों की भी जांच की जा रही है. जो भी लोग इस मामले में दोषी होंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. पूरे मामले की जांच अस्पताल के वित्त विभाग को सौंपी गई है.

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