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रविंद्र सिंह भाटी ने शुरू किया चुनावी अभियान, पटेल समाज के धार्मिक स्थल में लगाई धोक - Election campaign of Ravindra Bhati

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 27, 2024, 3:45 PM IST

बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में रविन्द्र सिंह भाटी चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं. अपने चुनावी अभियान की शुरूआत करते हुए भाटी जोधपुर में पटेल समाज के धार्मिक स्थल पहुंचे.

Ravindra Singh Bhati
रविन्द्र सिंह भाटी

जोधपुर.बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोकने की घोषणा के अगले ही दिन बुधवार को शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने अपने चुनावी प्रचार का आगाज कर दिया है. बुधवार को भाटी सबसे पहले जोधपुर के लूणी के शिकारपुरा स्थित पटेल समाज के आराध्य राजेश्वर भगवान के दर्शन कर आश्रम के गादीपति महंत दयारामजी महाराज का आशीर्वाद लिया. इसके बाद वे अपने लोकसभा क्षेत्र के लिए चले गए.

बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा के बालोतरा व पचपदरा क्षेत्र में पटेल समाज के वोटरों की संख्या काफी है. पचपदरा से भाजपा के अनिल चौधरी विधायक भी हैं. ऐसे में भाटी ने इस पूरे समाज को साधने के लिए यहां धोक लगाई है. माना जा रहा है कि पटेल समाज के युवाओं को भाटी की समर्थन मिल रहा है. गौरतलब है कि रविंद्र सिंह भाटी ने मंगलवार को आलोक आश्रम में सर्व समाज की सभा आयोजित कर खुद के निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा की थी.

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चौधरी की मुश्किलें बढ़ेगी:बाड़मेर से वर्तमान सांसद भाजपा के कैलाश चौधरी को पार्टी ने दूसरी बार मौका दिया है. चौधरी वर्तमान में केंद्र सरकार में कृषि राज्य मंत्री भी हैं. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मारवाड़ में इकलौते जाट मंत्री का चेहरा भी हैं. बाड़मेर सीट में जाट और राजपूत मतदाता लगभग बराबर हैं. ऐसे में रविंद्र सिंह भाटी के निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कैलाश चौधरी की दूसरी पारी में मुश्किलें बढ़ा सकती है.

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2014 जसोल की हार भुनाएंगे भाटी: वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह जसोल ने भाजपा से टिकट मांगा था. लेकिन तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे ने टिकट नहीं दिया. जिसके बाद जसोल ने निर्दलीय चुनाव लड़ा, लेकिन वे हार गए. मंगलवार को बाड़मेर में हुई सर्व समाज की सभा में यह अपील की गई कि हमें 2014 वाली गलती नहीं करनी है. मंच से एक साथ भाटी का साथ देने का आह्वान किया गया. इसके बाद भाटी ने निर्दलीय उतरने की घोषणा कर दी. राजपूत भाजपा के कोर वोटर माने जाते हैं. रविंद्र सिंह भाटी के पास अपने समाज को लामबंद करने के लिए जसोल की हार याद दिलाना फायदेमंद होगा. इसके अलावा 2004 के बाद यहां से कोई राजपूत नहीं जीता है.

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