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शादी के बाद किसी दूसरे से संबंध बनाना अपराध नहीं : हाईकोर्ट - Rajasthan High Court

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 1, 2024, 9:03 PM IST

Rajasthan High Court verdict, पत्नी के प्रेमी के साथ लिव इन में रहने के मामले में हाईकोर्ट ने पति की ओर से दायर प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा कि शादी के बाद किसी दूसरे से संबंध बनाना अपराध नहीं है.

Rajasthan High Court
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जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एक आपराधिक मामले में कहा है कि शादी के बाद किसी दूसरे से संबंध बनाना अपराध की श्रेणी में नहीं आता है. जस्टिस बीरेन्द्र कुमार की एकलपीठ ने यह आदेश प्रेमी के साथ लिव इन में रहने वाली पत्नी के पति की ओर से दायर प्रार्थना पत्र को खारिज करते हुए दिए.

अदालत ने कहा कि यह सच है कि भारतीय समाज में शारीरिक संबंध विवाहित जोड़े के बीच ही होने चाहिए, लेकिन जब वयस्क स्वेच्छा से वैवाहिक संबंधों के बाहर संबंधों में शामिल होते हैं तो यह अपराध की श्रेणी में नहीं आता है. वयस्क युवक-युवती शादी के बाद किसी अन्य के साथ लिव इन में रहते हैं तो यह आईपीसी की धारा 494 के तहत अपराध की श्रेणी में नहीं आता है. दोनों में से किसी ने भी अपने पति या पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी नहीं की है.

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मामले के अनुसार पति ने अदालत में प्रार्थना पत्र दायर किया था. प्रार्थना पत्र में कहा गया था कि उसने अपनी पत्नी के अपहरण को लेकर वर्ष 2021 में भरतपुर में एफआईआर दर्ज कराई थी. इसे आरोपी पक्ष ने अदालत में चुनौती दी थी. उस समय वह दूसरे मामले में जेल में बंद होने के चलते आरोपी पक्ष की याचिका में पक्ष नहीं रख सका था. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 24 मई, 2022 को आदेश देते हुए एफआईआर रद्द कर दी थी. प्रकरण में उसे बिना सुने आदेश दिया गया है. वहीं, पत्नी ने अदालत में हाजिर होकर कहा कि वह अपनी मर्जी से घर छोड़कर गई थी और वह अपने प्रेमी के साथ रिलेशनशिप में है. सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने पति की ओर से दायर प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है.

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