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राजेंद्र राठौड़ बोले- डोटासरा सदन में मेरे सामने आरोप लगाते तो जवाब देता, पांच साल चुप क्यों रहे ?

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 1, 2024, 9:17 PM IST

भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के बीच सोशल मीडिया पर जारी बयानबाजी सुर्खियों में है. इस बीच जोधपुर दौरे पर रहे राठौड़ ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सदन में डोटासरा आरोप लगाते तो मैं जवाब देता.

राजेंद्र राठौड़ का डोटासरा को जवा
राजेंद्र राठौड़ का डोटासरा को जवा

राजेंद्र राठौड़ का डोटासरा को जवाब

जोधपुर.पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के बीच सोशल मीडिया पर वार जारी है. इस बीच गुरुवार को जोधपुर आए राजेंद्र राठौड़ ने एक सवाल के जवाब में कहा कि "सदन में पांच साल सामने थे, तो डोटसरा चुप क्यों थे? मेरे सामने आरोप लगाते तो मैं जवाब देता."

उन्होंने कहा कि डोटासरा जिस छोटी मानसिकता से व्यक्तिगत आरोप प्रत्यारोप लगाते हैं, यह उनकी आदत में शुमार है. "उन्होंने जिस प्रकार के आरोप मुझपर लगाए हैं, वे 5 साल तक सरकार में थे और मैं प्रतिपक्ष में उनके सामने था, मेरे सामने बैठ कर आरोप लगाते तो मैं उनका जवाब देता".

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उनकी सरकार का दुरुपयोग किया तो बताएं : राठौड़ ने कहा कि "बजरी या कोई टोल में, खनन में मैंने उनकी सरकार का दुरुपयोग किया हो तो बताएं. 5 साल तक अगर प्रतिपक्ष का कोई नेता सरकार के रहते हुए वह हर क्षेत्र में अपना वर्चस्व स्थापित कर अपना काम करे तो इससे कमजोर सरकार क्या होगी ?. उसी सरकार में वो खुद पीसीसी चीफ बने हुए थे तो अब तक क्यों चुप रहे?. राठौड़ ने कहा "निश्चित तौर पर मैने लक्ष्मणगढ़ की बड़ी सभा में कहा था कि आरपीएससी में एक ही परिवार के एक साथ चार-चार लोग एक जैसे नंबर लेकर पास हो जाएं, यह क्या काम है?. आरएएस भर्ती की जांच के सवाल पर उन्होंने कहा कि आरपीएससी के एक मेंबर जेल में हैं, उनके पीछे के भी किरदार हैं. ईडी ने कार्रवाई की है, आगे भी दस्तावेज देंगे. उन्होंने कहा कि मेरी तारानगर से हुई हार को मैं स्वीकार करता हूं, मैं सात बार लगातार विधानसभा चुनाव में जीतता रहा हूं, लेकिन इस बार मैं अपनी पसंद की कठिनतम सीट पर लड़ने गया था".

पराजित को किसी तरह अधिकार नहीं : लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर पूछे गए सवाल पर राठौड़ ने कहा कि "मैं चुनाव अपनी पसंद की सीट से हारा था तो पराजित व्यक्ति को यह अधिकार नहीं है कि वह यह कहे कि उसे चुनाव में मौका मिलना चाहिए. पार्टी का हर निर्णय स्वीकार होगा, जो भी भूमिका मिलेगी उसमें काम करना है."

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