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नालंदा डीएम ने नवजात की मौत मामले में लिया एक्शन, डॉक्टर सहित कई लोग नपे

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 27, 2024, 7:22 PM IST

Nalanda DM Action On Child Death: नालंदा डीएम ने नवजात को सदर अस्पताल के SNCU वार्ड से निजी क्लीनिक ले जाने के मामले में डॉक्टर सहित कई लोगों पर कार्रवाई की है. डीएम शशांक शुभंकर ने डॉक्टर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की है.

Nalanda DM Action On Child Death
नालंदा डीएम ने नवजात की मौत मामले में लिया एक्शन

नालंदा: बिहार के नालंदा जिले के डीएम शशांक शुभंकर ने बड़ी कार्रवाई की है. उन्होंने नवजात की मौत मामले में एक्शन लेते हुए डॉक्टर सहित कई लोगों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है. इस कार्रवाई के बाद से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है.

इलाज के क्रम में बच्चे की मौत: मिली जानकारी के अनुसार, नालंदा जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने बिहारशरीफ सदर अस्पताल के SNCU वार्ड में भर्ती नवजात शिशु को निजी क्लीनिक में ले जाने और इलाज के क्रम में बच्चे की मौत मामले में कार्रवाई की है. उन्होंने कार्रवाई करते हुए ड्यूटी में तैनात डॉक्टर, आशा, सुरक्षाकर्मी, एम्बुलेंस चालक, ज़िला एवं प्रखंड समुदायिक उत्प्रेरक, इत्यादि के विरुद्ध कार्रवाई के आदेश दिए है.

कमजोर बच्चे को SNCU वार्ड में भर्ती कराया: बता दें कि ज़िले के अस्थावां प्रखंड अंतर्गत मुल्ला बीघा गांव निवासी युवराज कुमार की पत्नी दिव्या कुमारी को प्रसव के लिए 17 जनवरी की शाम भर्ती कराया गया था. जिसके बाद महिला का प्रसव हुआ. लेकिन बच्चा कमजोर था, जिसकी वजह से बच्चे को सदर अस्पताल के SNCU वार्ड में भर्ती कराया. जहां SNCU के डॉक्टर अन्य कर्मियों ने बच्चे को निजी क्लीनिक में भर्ती कराने के लिए कहा.

50 हजार रूपये भी लिए: वहीं, निजी अस्पताल में जाते ही इलाज के क्रम में बच्चे की मौत हो गई. पीड़ित परिवार का आरोप है कि इलाज के नाम पर उनसे 50 हजार रूपये भी लिए गए थे. जिसके बाद निगरानी समिति के सदस्यों ने भर्ती बच्चों के परिजनों से स्वास्थ के संबंध में जानकारी ली तो उन्हें इसकी जानकारी हुई. घटना के बाद निगरानी समिति के सदस्यों ने मामले को जिला प्रशासन के संज्ञान में दिया.

विभागीय कार्रवाई करने का आदेश: इधर, मामले की जांच की जिम्मेदारी डीडीसी वैभव श्रीवास्तव को दी गई. जिसमें कई सदस्यों की संलिप्तता पाई गई. इसके बाद डीएम शशांक शुभंकर ने प्रपत्र 'क' के तहत डॉक्टर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का अनुशंसा किया. वहीं रिंकु देवी, अंजू देवी, मिनता देवी के अलावा 7 अन्य आशा कर्मी जो पहले भी इस अवैध कार्यों में लिप्त पाई गई उन पर सिविल सर्जन द्वारा चयनमुक्त कर कार्रवाई करने को कहा गया है.

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