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हरदा मामले पर सदन में चर्चा, विपक्ष न्यायिक जांच पर अड़ा, CM के जवाब से नाराज होकर किया वॉकआउट

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 8, 2024, 3:03 PM IST

Updated : Feb 8, 2024, 4:23 PM IST

Judicial Inquiry Into Harda Blast: एमपी विधानसभा सत्र का गुरुवार को दूसरा दिन है. सदन में विपक्ष ने जोर-शोर से हरदा पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट का मुद्दा उठाया. विपक्ष न्यायिक जांच की मांग में अड़ा रहा. वहीं सीएम मोहन के जवाब के बाद विपक्ष ने वॉकआउट किया.

Judicial Inquiry Into Harda Blast
हरदा मामले पर सदन में चर्चा, विपक्ष न्यायिक जांच पर अड़ा

भोपाल। मध्य प्रदेश के हरदा में हुए भीषण पटाखा कांड मामले में विधानसभा में स्थगन पर चर्चा के दौरान कांग्रेस मामले की न्यायिक जांच के लिए अड़ा रहा. चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने घटना को बेहद गंभीर बताते हुए कहा कि शुरुआत में तो ऐसा लगा जैसे आतंकी घटना हुई हो. कुछ देर बाद घटना साफ हुई. मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि पक्ष-विपक्ष तैयार हो तो समिति बनाई जा सकती है. मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर विपक्ष ने सदन से वॉआउट कर दिया. चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि पूर्व में भी इस तरह की कई घटनाएं हुई, लेकिन पूरे मामले की जांच पर लीपापोती हो गई.

किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. क्या मुख्यमंत्री अधिकारियों से डरते हैं. अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई. उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा कि सरकार में सिर्फ अधिकारियों को हटा दिया, लेकिन यह कोई कार्रवाई नहीं होती. अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए थी. नर्मदापुरम संभाग के कमिश्नर के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए. नेता प्रतिपक्ष ने इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की है.

मुख्यमंत्री बोले वीडियो देखकर ऐसा लगा जैसे परमाणु विस्फोट हुआ हो

स्थगन पर चर्चा के दौरान पक्ष और विपक्ष की चर्चा के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की घटना आगे नहीं होगी, इसलिए यह घटना मिसाल बनेगी. कैबिनेट की बैठक के दौरान ही घटना की सूचना मिली थी. इसके वीडियो मैंने भी देखे थे. ऐसा लगा था जैसे परमाणु बम फूट गया हो. कैबिनेट की बैठक रोककर जांच कमेटी बनाई और मंत्री को तत्काल हरदा भेजा. शुरुआत में लगा कि कहीं कोई आतंकी वारदात तो नहीं है, लेकिन कुछ देर बाद साफ हो गया कि पटाखा फैक्ट्री में हादसा हुआ है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में अगर पक्ष और विपक्ष तैयार हो तो विधानसभा की समिति बनाई जा सकती है, लेकिन विपक्ष पूरे मामले की न्यायिक जांच करने की मांग पर अड़ा रहा.

उधर मुख्यमंत्री के वक्तव्य के पहले उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा कि अधिकारी का तबादला करना क्या कार्रवाई होती है. यह एक सामान्य प्रक्रिया होती है. अगर कार्रवाई करनी थी तो उनको नौकरी से हटाते. हेमंत कटारे ने कहा कि इस मामले में कमिश्नर की भूमिका पर सवाल खड़े होते हैं, निकले अधिकारियों को भी पता था कि दीपावली आने वाली है तो फिर कमिश्नर ने दीपावली का हवाला देकर स्ट क्यों दे दिया. सरकार को उन पर भी कार्रवाई करनी चाहिए.

कांग्रेस ने कहा 600 मकान ध्वस्त हुए, मौतें कहीं ज्यादा

कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने कहा कि जिस तरह का हादसा हुआ है. उसमें सिर्फ सुतली बम बनाने का काम नहीं हो रहा था, बल्कि जिलेटिन की छड़े भी बनाने का काम हो रहा होगा. जब ब्लास्ट हुआ तब फैक्ट्री में कितने लोग मौजूद थे. इसका भी कोई रिकॉर्ड नहीं है. इस फैक्ट्री में पहले भी हादसा हो चुका है. इस फैक्ट्री मालिक की तीन स्थानों पर पटाखा फैक्ट्री है. इस फैक्ट्री में पहले भी हादसा हुआ और 22 लोगों की मौत हुई थी. फैक्ट्रियां चलती है, उनमें हादसे भी होते हैं. हादसे तब होते हैं, जब अनियमितताओं की लगातार अनदेखी की जाती रही. इस फैक्ट्री को अवैध रूप से कैसे संचालित किया जा रहा था. लाइसेंस निरस्त होने के बाद भी कैसे संचालित हो रही थी.

सबसे बड़ा सवाल यह है कि एक माह के स्टे के बाद यह फैक्ट्री कैसे चलती रही. इस घटना का जिम्मेदार कौन है? सिर्फ एसपी कलेक्टर को हटाना काफी नहीं है. कहीं ना कहीं राजनीतिक संरक्षण इसको दिया हुआ था. संरक्षण किसी का भी हो यह ठीक नहीं है. इस मामले की भी जांच की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि घटना में 600 मकान जलकर ध्वस्त हो गए. इसलिए यह कहना कि सिर्फ 12 लोगों की मौत हुई है. यह संभव ही नहीं है. इस पूरे मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए. जिसने भी राजनीतिक संरक्षण दिया, जिसने भी लापरवाही की उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

कांग्रेस विधायक बोले मेरा संरक्षण तो फांसी दे दो

रामकृष्ण दोगने ने कहा कि मैं आंखों देखी घटना सुनाऊंगा. मुख्यमंत्री ने जो व्यवस्था कि उसका मैं आभारी हूं, लेकिन इस फैक्ट्री में 600 से 700 लोग काम कर रहे थे. जो लोग घायल हुए उन्होंने बताया की फैक्ट्री के अंदर 250 लोग काम कर रहे थे. यह लोग आगजनी में बाहर नहीं निकल पाए और ध्वस्त ही बिल्डिंग में ही दब गए. आग इतनी भीषण थी कि लोहा भी पिघल गया तो आदमियों का क्या होगा. इस फैक्ट्री में यह तीसरी घटना हुई है. विस्फोटक सिर्फ बारूद नहीं था, बल्कि जो मिलिट्री में बारूद उपयोग होता है. वह इसमें होगा, तभी इतना भीषण धमाका हुआ है. आखिर इतना विस्फोटक कैसे इकट्ठा हो गया, जबकि इतना इसके पास लाइसेंस ही नहीं था.

यह मामले में यह भी जांच हो कि प्रशासनिक दबाव, राजनीतिक संरक्षण किसका था. यदि इसमें मेरा संरक्षण था तो मुझे भी फांसी दे देनी चाहिए, लेकिन यदि पूर्व मंत्री का संरक्षण था तो उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए. इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए. तलघर से मलवा निकालना चाहिए कई लोग मिसिंग हैं, मेरे पास लगातार लोग संपर्क कर रहे हैं. इस फैक्ट्री में बड़ी संख्या में लोग बाहर से काम करने आते थे.

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फूल सिंह बरैया बोले एसपी कलेक्टर पर एफआईआर दर्ज कर जेल भेजो

फूल सिंह बरैया ने कहा कि सबसे पहले इस हादसे की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए. जो हादसा हुआ है, वह पटाखा से नहीं हुआ होगा. मैं पूरी जिम्मेदारी से कह सकता हूं कि उसमें बम बनने लगे थे. कलेक्टर एसपी ने इसकी जांच क्यों नहीं की. यदि समय पर जांच होती तो लोगों की जान नहीं जाती. सरकार को सबसे पहले एसपी कलेक्टर पर एफआईआर दर्ज कर उन्हें जेल भेजना चाहिए. यदि ऐसा नहीं हुआ तो आने वाले समय में फैक्ट्री के लोग मंत्री सरकार के पास आ जाएंगे और वह भी बच जाएंगे. इस हादसे का तमाशा नहीं होना चाहिए, बल्कि सही मायने में जांच होनी चाहिए.

Last Updated : Feb 8, 2024, 4:23 PM IST

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