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Rajasthan Politics : मालवीय का जाना वागड़ में कांग्रेस के लिए चुनौती, भाजपा के 'मिशन 25' की राह आसान

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 21, 2024, 7:11 AM IST

Mahendrajeet Singh Malviya, कांग्रेस में सरपंच से लेकर सांसद बने वागड़ के दिग्गज नेता महेंद्रजीत मालवीय के रुखसत होने के साथ विधानसभा में कांग्रेस के नंबर में एक अंक कम हो चुका है. अहम बात यह है कि लोकसभा चुनाव से पहले मालवीय की विदाई ने वागड़ में कांग्रेस की स्थिति पर कितना बड़ा फर्क डाला है ? देखिए इस रिपोर्ट में...

Mahendrajeet Singh Malviya
Mahendrajeet Singh Malviya

जयपुर. वागड़ में कांग्रेस की शक्ति का केंद्र रहे चार बार के विधायक और दो बार के मंत्री महेंद्रजीत मालवीय इस बार लोकसभा चुनाव में हाथ के निशान की जगह, कमल के फूल का साथ देंगे. आने वाले आम चुनाव में राजस्थान के 'मिशन 25' में वागड़ की बांसवाड़ा डूंगरपुर सीट को भाजपा की राह में सबसे बड़ी बाधा माना जा रहा है. ऐसे में मालवीय का लौटना भाजपा की राह को जाहिर तौर पर आसान बनाएगा.

लोकसभा चुनाव में मालवीय परिवार के सदस्य को कांग्रेस ने संभावित प्रत्याशी के रूप में तैयार पैनल में शामिल किया था, लेकिन भारतीय आदिवासी पार्टी की एंट्री के बाद वागड़ में त्रिकोणीय होने वाले मुकाबले में मालवीय की दल-बदली ने अब चुनौती को आमने-सामने का बना दिया है. मालवीय के इस्तीफे के बाद इस लोकसभा क्षेत्र की 8 विधानसभाओं में अब तीन सीट पर कांग्रेस का प्रतिनिधित्व है, 3 पर बाप का कब्जा है, जबकि भाजपा आखिरी पायदान पर है.

वागड़ में सॉफ्ट हिंदुत्व का संकेत : भारतीय जनता पार्टी के दफ्तर पर बीजेपी की सदस्यता लेते हुए मालवीय ने राम मंदिर का जिक्र करते हुए कांग्रेस की दूरी पर खेद व्यक्त किया था. लगभग तीन दशक तक कांग्रेस के साथ राजनीति करने के बाद भाजपा में वापसी को मालवीय ने घर लौटने की बात बताई थी. इस तरह से माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी वागड़ में सवर्ण और आदिवासी वोट बैंक में अपना पैर जमाने की कोशिश करेगी. भारतीय आदिवासी पार्टी की एंट्री पहले से भाजपा के लिए चुनौती है. ऐसे में चुन्नीलाल गरासिया को राज्यसभा भेजने के बाद भाजपा वागड़ में अपनी बदली रणनीति का संकेत दे चुकी है और अब मालवीय के जरिए एक नया पैगाम जारी होगा.

राहुल गांधी की न्याय यात्रा को चुनौती : राहुल गांधी की न्याय यात्रा को सफल बनाना बड़ी चुनौती रहेगी. मार्च के पहले सप्ताह में बांसवाड़ा से न्याय यात्रा गुजरेगी. मध्य प्रदेश से राजस्थान में प्रवेश करने के बाद बांसवाड़ा में करीब 130 किलोमीटर का सफर न्याय यात्रा पूरा करेगी. बांसवाड़ा के रास्ते ही यात्रा गुजरात में प्रवेश करेगी. लोकसभा चुनाव के पहले यात्रा ही कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती रहेगी. माना जा रहा है कि मालवीय के बाद अब कुछ दिनों में पंचायत निकायों के जनप्रतिनिधियों के साथ कांग्रेस जिला और विधानसभा के पदाधिकारी भी बीजेपी ज्वाइन करेंगे. ऐसे में कांग्रेस संगठन को निचले स्तर पर एक्टिव रखना भी एक चुनौती होगी.

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कांग्रेस में खेमाबंदी होगी कम : वागड़ की कांग्रेस में महेंद्रजीत मालवीय और अर्जुन बामनिया को दो अलग-अलग ध्रुव के रूप में पहचाना जाता है. बामनिया लगातार मालवीय पर उनके समधि और भाजपा नेता धन सिंह रावत का समर्थन देने का आरोप लगाते रहे हैं. वहीं, मालवीय की पत्नी रेशम मालवीया जिला प्रमुख है और अर्जुन बामनिया के पुत्र विकास बामनिया उप जिला प्रमुख हैं. ऐसे में जिले की कांग्रेस में हमेशा तकरार होती रही है.

पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने इस बात का जिक्र करते हुए कहा भी था कि अब कांग्रेस में भीतरघात की संभावनाएं क्षीण हो जाएंगी. वागड़ के वरिष्ठ पत्रकार अमित शाह का मानना है कि मालवीय के जाने का फर्क इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को पड़ेगा, लेकिन उनके बाहर होने के बाद अब पार्टी में नए नेतृत्व की संभावना और अधिक हो जाएंगी.

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